एक कहावत है, नकल में अगर अकल लगाई जाए तो वो नकल होते हुए भी नहीं होती। कुछ ऐसा ही बिहार की राजनीति में हुआ है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब विपक्षी एकता की शुरूआत की तो उन्होंने उससे पहले ही एक ऐसा दांव चला, जिसके बारे में बीजेपी भी पहले समझ नहीं पाई। हालांकि शुरू में हल्का ऐतराज था, लेकिन बिहार के मामले में इसे दरकिनार कर दिया गया। यही गलती बीजेपी को भारी भी पड़ी। लेकिन इंडिया गठबंधन में तो कुछ अलग ही खेल हो गया। नीतीश के इस सियासी ‘ब्रह्मास्त्र’ को राहुल गांधी ने कुछ यूं हथियाया कि वो भी कुछ नहीं कर पाए।
तुम्हारी भी जय हमारी भी जय!
जिस राहुल गांधी को बीजेपी कई नामों से सुशोभित करती रही है, उन्हें हमेशा अपरिपक्व बताती रही है, वही राहुल गांधी एक ऐसा गेम कर गए जो अब सुर्खियों में है। अब राहुल गांधी के हिसाब से मानें तो तुम्हारी भी जय-जय और हमारी भी जय-जय टाइप माहौल बन गया है। हथियार तो नीतीश का था लेकिन इसे राहुल गांधी ने बड़ी चालाकी से अपना बना लिया। इसकी शुरुआत छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से की गई और अमलीजामा राजस्थान की राजधानी जयपुर में पहनाया गया। वो भी ऐसे कि कोई यकीन नहीं कर पाया कि ऐसा भी हो जाएगा, वो भी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले।
राहुल गांधी ने कुछ यूं हथिया लिया नीतीश का सियासी ‘ब्रह्मास्त्र’
याद कीजिए वो वक्त जब नीतीश कुमार बिहार में जाति आधारित गणना को लेकर NDA के साथ रहने के बावजूद दिल्ली दरबार के चक्कर लगा रहे थे। लेकिन बीजेपी के आलाकमान को ये मंजूर नहीं था। साफ-साफ मना भी कर दिया गया। लेकिन नीतीश जिद पर अड़ गए और 2022 में सत्ता बदलने से पहले बिहार में जाति आधारित गणना की शुरूआत हो गई। बीजेपी को बिहार विधानसभा में इसका समर्थन करना पड़ा। बीजेपी को डर था कि कहीं नीतीश इसी बहाने NDA से खिसक न लें। हालांकि इसके कुछ ही दिन बाद पिछले साल 9 अगस्त को हुआ भी यही। NBT ने इस दौरान आपको पहले ही बता दिया था कि बिहार में सरकार अब चंद दिनों की मेहमान रह गई है। वो खबर आप नीचे पढ़ सकते हैं।
रायपुर में रायशुमारी
इसी 6 अक्टूबर को प्रियंका गांधी की छत्तीसगढ़ के कांकेर में रैली थी। इससे पहले रायपुर में नीतीश के ‘ब्रह्मास्त्र’ पर जमकर मंथन हुआ। इसके ठीक बाद कांकेर की रैली में प्रियंका गांधी ने बड़ा ऐलान कर दिया। प्रियंका गांधी ने कहा कि अगर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार दोबारा आती है तो राज्य में जातीय जनगणना कराई जाएगी। इसके बाद विपक्ष में हड़कंप मच गया।
राजस्थान में राहुल गांधी ने चला दिया नीतीश का ‘ब्रह्मास्त्र’
इस रैली को अभी पूरे 48 घंटे भी नहीं बीते थे कि राहुल गांधी के इशारे पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में जाति आधारित सर्वे कराने का ऐलान कर दिया। रात में अचानक आई इस खबर ने सियासी गलियारे को गर्म कर दिया। किसी को ये उम्मीद नहीं थी कि 24 घंटे के अंदर ही कांग्रेस नीतीश के ‘ब्रह्मास्त्र’ को कुछ इस तरह से दाग देगी। इससे पहले नीतीश के करीबी रह चुके प्रशांत किशोर ने भी दावा किया था I.N.D.I.A. की मुंबई में हुई तीसरी बैठक में नीतीश ने जातीय जनगणना को गठबंधन का मुख्य एजेंडा बनाने की पेशकश की थी, जिसे कांग्रेस ने खारिज कर दिया था। अगर पीके के दावे को सही मानें तो ये साफ है कि एक तरफ पहले कांग्रेस ने बड़ी चालाकी से नीतीश के इस सियासी आइडिया को नकारा और फिर उसे खुद ही अपना कर लोकसभा चुनाव 2024 के नए मिशन पर निकल पड़ी है।