अपनी धरती पर खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की ‘संभावित’ संलिप्तता के कनाडा के आरोपों पर विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने मंगलवार को न्यूयॉर्क में काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन्स (CFR) में बातचीत के दौरान ‘स्पष्ट रूप से’ जवाब दिया. उन्होंने कहा, ‘हमने ओटावा को बता दिया है कि यह भारत सरकार की नीति नहीं है और मामले में विशिष्ट और प्रासंगिक जानकारी मुहैया कराने पर वह इस पर विचार करने के लिए तैयार है.’
इस कार्यक्रम में पत्रकारों ने विदेश मंत्री जयशंकर से जब कनाडा के आरोपों पर सवाल किया तो उन्होंने कहा, ‘हां, मेरे पास एक टिप्पणी है. हमने कनाडा से जो कहा, उसे मैं आपके साथ बहुत स्पष्टता से साझा करूंगा. पहला, हमने कनाडा से कहा कि यह भारत सरकार की नीति नहीं है. दूसरा, हमने उनसे कहा कि देखिए, यदि आपके पास कुछ विशिष्ट है, यदि आपके पास कुछ प्रासंगिक है, तो हमें बताएं। हम इसे देखने के लिए तैयार हैं.’
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने गत 18 सितंबर को अपने देश की संसद में आरोप लगाया था कि भारत सरकार के ‘एजेंट’ एक कनाडाई सिख- खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़े हुए हैं. एस जयशंकर ने कहा कि किसी को संदर्भ को भी समझना होगा, क्योंकि संदर्भ के बिना ‘तस्वीर पूरी नहीं होती.’ भारत सरकार के विदेश मंत्री ने कहा, ‘आपको यह भी समझना होगा कि पिछले कुछ वर्षों में, कनाडा ने वास्तव में अलगाववादी ताकतों, संगठित अपराध, हिंसा, उग्रवाद से संबंधित बहुत सारे संगठित अपराध देखे हैं. ये सभी वारदातें बहुत-बहुत गहराई से एक दूसरे से संबंधित हैं.’
कनाडा पर जानें क्या बोले एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘भारत वास्तव में इन घटनाओं से जुड़ी विशिष्टताओं और सूचनाओं के बारे में बात कर रहा है. इनके बारे में जानकारी मांग रहा है. इससे कनाडा को परेशानी हो रही है. हमने उन्हें संगठित अपराध और उसके नेतृत्व के बारे में बहुत सारी जानकारी दी है, जो कनाडा से संचालित होता है. उनके पास हमारी ओर से बड़ी संख्या में प्रत्यर्पण अनुरोध हैं. ऐसे आतंकवादी नेता हैं, जिनकी पहचान कर ली गई है. किसी को यह समझना होगा कि वहां ऐसे तत्वों को एक माहौल मिल रहा है.’
जयशंकर ने कहा, ‘यदि आपको यह समझना है कि वहां क्या चल रहा है, तो इसे ध्यान में रखना (उपरोक्त बातों को) एक तरह से महत्वपूर्ण है. और हमारी चिंता यह है कि राजनीतिक कारणों से इस तरह की चीजों और तत्चों को वहां अनुमति दी जा रही है. इसलिए हमारे सामने ऐसी स्थिति है जहां वास्तव में हमारे राजनयिकों को धमकी दी गई है, हमारे वाणिज्य दूतावासों पर हमला किया गया है और अक्सर ऐसी टिप्पणियां की जाती हैं, जो हमारी राजनीति में हस्तक्षेप करता है. और, इसमें से बहुत कुछ को अक्सर यह कहकर उचित ठहराया जाता है कि, लोकतंत्र इसी तरह काम करता है.’