गैरकानूनी तरीके से धन एवं संपत्ति अर्जित किए जाने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गिरफ्त में आए भोजपुर-सह बक्सर के विधान पार्षद राधाचरण साह उर्फ सेठ पर वैसे तो केंद्रीय एजेंसियों की भृकुटी सात महीने पहले से ही तनी थी, लेकिन मोबाइल से संपत्ति संबंधी निवेश और अवैध लेन-देन संबंधित कुछ साक्ष्य का मिलना उनके गले की फांस बन गया है।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार धन एवं संपत्ति अर्जित किए जाने को लेकर जांच में लगी ईडी की टीम को अनुसंधान एवं पूछताछ के दौरान पिता-पुत्र में से किसी एक के स्मार्ट मोबाइल से निवेश व लेन-देन संबंधित महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं।
इसके बाद ईडी की टीम पुन: सक्रिय हो गई और अनाईठ-बिहारी मिल आवास से एमएलसी साह गिरफ्तार कर लिए गए। अब उनके पुत्र पर भी गिरफ्तारी का खतरा मंडरा रहा है। हालांकि, ईडी की ओर से अभी तक साक्ष्यों को लेकर आधिकारिक रूप से कोई राजफाश नहीं किया गया है।
ईडी के सामने दो बार प्रस्तुत नहीं हुए थे पिता-पुत्र
सूत्रों की मानें तो ईडी ने विधान पार्षद राधा चरण साह उर्फ सेठ एवं उनके पुत्र कन्हैया को दूसरी बार 11 सितंबर को पुन: पूछताछ के लिए बुलाया था। चर्चा है कि दूसरी बार बुलाने के बाद भी दोनों पिता-पुत्र ईडी के पटना दफ्तर में उपस्थित नहीं हुए।
खराब स्वास्थ्य के आधार पर विधान पार्षद ईडी के समक्ष उपस्थित नहीं हो सके थे। इससे पूर्व 29 अगस्त को ईडी ने एमएलसी और उनके बेटे को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए पटना दफ्तर में बुलाया था।
तब एमएलसी 31 अगस्त को ईडी के दफ्तर पहुंचे थे, जहां उनसे करीब नौ घंटे तक अधिकारियों ने बालू के कारोबार और बालू के कारोबारियों से उनके संबंध को लेकर पूछताछ की थी।
इसके बाद एक सितंबर को उनके बेटे कन्हैया साह से ईडी ने बालू के धंधे में कब और कैसे आए, इस बारे में जानकारी ली थी। उनसे छह घंटे पूछताछ चली थी।
अन्य राज्यों में अकूत निवेश को लेकर ईडी को शक
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम को एमएसली साह के अन्य राज्यों में अकूत निवेश में अवैध धन लगाए जाने का संदेह है।
यही वजह है कि आयकर की टीम ने सात फरवरी को एक साथ उनके आरा, पटना के अलावा हिमाचल प्रदेश के कुल्लू-मनाली, हरिद्वार, नोएडा, गजियाबाद, झारखंड एवं दिल्ली समेत 28 जगहों पर छापेमारी की थी।
उस समय मनाली स्थित एक होटल का लिंक सेठ से जुड़े होने की बात सामने आई थी। होटल से आए दिन हेलीकॉप्टर से आवागमन की भी जानकारी हुई थी।