देश की राजधानी दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को G20 समिट (G20 Summit 2023) होने जा रहा है. प्रगति मैदान के आईटीपीओ सेंटर (Bharat Mandapam) में इस समिट का आयोजन होगा. समिट के लिए खास तैयारियां की गई हैं. NDTV ने G20 की तैयारियों को लेकर विदेश राज्य और संस्कृति मंत्री मीनाक्षी लेखी से खास बाततीच की है. इस दौरान लेखी ने बताया कि G20 समिट की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. दुनिया के नेताओं को भारतीय संस्कृति से रूबरू कराने के लिए एक कल्चरल एग्जिबिशन रखा गया है. एग्जिबिशन का नाम Root to Routes है यानी जड़ों से रास्तों तक. इस एग्जिबिशन के जरिए हम भारत की ऐतिहासिक जड़ों से दुनिया को वाकिफ कराना चाहते हैं.
संस्कृति मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा, “भारत की जड़ें इतनी ऐतिहासिक और पुरातात्विक हैं, जिसकी शायद बहुत से देशों को जानकारी भी नहीं है. कई बार मुझे हैरानी होती है कि हम भारतीयों को भी इसके बारे में और ज्यादा जानकारी हासिल करनी चाहिए. इसके साथ ही हम भारतीयों ने जो रास्ते चुने हैं, चाहे वो जमीन के ऊपर के रास्ते हों, या समुद्र के ऊपर के रास्ते हों… किस तरह पूरी दुनिया में भारतीय गए, इसका भी प्रदर्शन किया जाएगा.”
संस्कृति मंत्री ने कहा, “इस एग्जिबिशन में ज्ञान-विज्ञान भी जुड़ा हुआ है. हमारा केंद्र ज्ञान-विज्ञान और शिक्षा पर ही आधारित था. बहुत कम लोग शायद ये बात जानते होंगे कि कुछ हजार साल पहले ईसा पूर्व हमारे यहां दो तरह की लिपि थी. ब्राह्मी और खालिद लिपि…. एग्जिबिशन में हम इन दोनों लिपियों को भी दिखाएंगे. इसके अलावा डिजिटल क्रांति का भी प्रदर्शन किया जाएगा. G20 देशों की कलाकृतियों की प्रदर्शनी भी होगी.”
उन्होंने बताया कि ‘भारत मंडपम’ में भी आपको भारतीय संस्कृति, डिजिटल टेक्नोलॉजी, कल्चर के एस्पैक्ट्स, डांस, म्यूजिक के रंग देखने को मिलेंगे. ‘भारत मंडपम’ में ही एक कल्चरल कॉरीडोर तैयार किया गया है.
अफ्रीकी यूनियन को G20 में शामिल किए जाने को लेकर पीएम मोदी ने चिट्ठी लिखी थी. इसे लेकर कैसा रिस्पॉन्स रहा? इस सवाल के जवाब में मिनाक्षी लेखी ने कहा, “पीएम मोदी ने ग्लोबल साउथ की बात की है. ग्लोबल साउथ में कुछ 120 या 128 देश आते हैं, जिनकी आवाज सुनने वाला कोई नहीं था. भारत ऐसे देशों की आवाज बनकर उभरा है. G20 ग्रुप सबसे अधिक ताकतवर और आर्थिक रूप से शक्तिशाली देशों का समूह है. दुनिया की 85 फीसदी अर्थव्यवस्था इस समूह के हाथ में है. ऐसे में हमें ग्लोबल साउथ की आवाज बनकर उन्हें आगे लाने की कोशिश करनी होगी.”