चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग नौ और 10 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन से दूर रहेंगे। चीन के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को घोषणा की कि उनकी जगह चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। शी जब से राष्ट्रपति बने हैं तब से यह दूसरा मौका है जब वह इस शिखर सम्मेलन से दूर रहेंगे। इससे पहले साल 2021 में भी उन्होंने सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया था। हालांकि तब वजह कोविड-19 से जुड़े प्रतिबंध थे। लेकिन इस बार जी20 से दूर रहना कहीं न कहीं यह बताता है कि जिनपिंग भारत को संदेश देना चाहते थे कि चीन भारत को नजरअंदाज कर सकता है।
कई मसलों पर घिरा चीन
कुछ विशेषज्ञों की मानें तो भारत में जी20 से जिनपिंग की दूरी चीन की किसी चाल का हिस्सा हो सकती है। कोरोना वायरस से लेकर साउथ चाइना सी और ताइवान समेत कई मसलों पर चीन घिर रहा है। जिनपिंग यह बात अच्छे से जानते हैं दुनिया उनके देश से खुश नहीं है। विदेश मामलों के जानकारों की मानें तो कहीं न कहीं वह कई देशों की तरफ से होने वाली घेराबंदी को लेकर भी डरे हुए हैं। विदेश खासकर कश्मीर मामलों की जानकार भारत की वरिष्ठ पत्रकार आरती टिक्कू ने एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत में जिनपिंग की मौजूदगी पर कई अहम बातें कहीं।
बेनकाब हुआ चीन
आरती ने कहा कि उन्हें इस बात पर हैरानी नहीं है कि जिनपिंग ऐसा रवैया दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल के कुछ सालों में चीन दुनिया के सामने पूरी तरह से बेनकाब हो चुका है। खुद को दूसरों से श्रेष्ठ मानना और विस्तारवाद नीति के अलावा चीन का घमंड जिनपिंग के फैसले को बताने के लिए काफी है। आरती ने इसके अलावा ब्रिक्स के बाद जारी हुए चीन के नए नक्शे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह सबकुछ चीन की विस्तारवादी सोच को बताता है। वह लगातार एक आक्रामक और विस्तारवादी देश के तौर पर आगे बढ़ रहा है।
भारत के साथ जारी टेंशन
आरती का कहना था कि भारत और चीन के बीच जारी टेंशन की वजह से जिनपिंग ने जी20 में शामिल न होने का फैसला लिया है। जी-20 सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब चीन-भारत के बीच टेंशन चरम स्तर पर है। जून 2020 में गलवान में दोनों देशों की सेनाओं के बीच खतरनाक झड़प के बाद से ही दोनों देशों की सरकारों ने एक-दूसरे को उकसाने वाले नीतियों के साथ उकसाया है। इसका हालिया उदाहरण चीन का वह नक्शा है जिसमें भारत के अरुणाचल प्रदेश को भी चीन ने अपना बता दिया है। चीन इसे दक्षिण तिब्बत कहता है। इसके अलावा सोमवार से, भारतीय वायु सेना ने चीन और पाकिस्तान की सीमा से सटे एक क्षेत्र में एक युद्धाभ्यास शुरू किया है। यह जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान जारी रहेगा।
टूट गया चीन का घमंड
आरती के मुताबिक चीन को घमंड है कि वही श्रेष्ठ है। ताइवान पर दुनिया को धमकाने वाला चीन जम्मू कश्मीर जिनपिंग की अगुवाई में भारत को भाषण देता है। ऐसे में उसे यह बात जरा भी पसंद नहीं आई कि जी20 का एक कार्यक्रम जम्मू कश्मीर में भी आयोजित हुआ था। कहीं न कहीं चीन को इस बात से भी परेशानी है कि जी20 सम्मेलन के बाद भारत एक नई शक्ति के तौर पर उभर रहा है। अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल ने भारतीय विशेषज्ञों के हवाले से लिखा है कि चीन, भारत को नीचा दिखाना चाहता है क्योंकि वह एक बहुपक्षीय मंच में नेतृत्व करने की कोशिश कर रहा है।