उत्तर बिहार की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के उद्देश्य से दरभंगा में एम्स बनाने का फैसला लिया गया। अभी तक इसका निर्माण शुरू नहीं हुआ, लेकिन इसको लेकर राजनीति जरूर शुरू हो गई। जिसमें एक तरफ बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव हैं, तो दूसरी तरफ देश के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया हैं। जिनके बीच ट्विटर पर पटना एम्स को लेकर जबरदस्त आरोप-प्रत्यारोप हुआ।
पूरा मामला तब शुरू हुआ, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद की बैठक को संबोधित करने के दौरान दरभंगा में एम्स खोले जाने का जिक्र किया। लेकिन यह बात तेजस्वी यादव को नागवार गुजरा और उन्होंने तत्काल प्रधानमंत्री के दावे को गलत साबित करने के लिए एक ट्विट कर दिया, जिसमें उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री दरभंगा में एम्स खुलवाने का झूठा श्रेय ले रहे हैं।
आज प्रधानमंत्री जी दरभंगा में AIIMS खुलवाने का झूठा श्रेय ले रहे थे। वस्तुस्थिति ये है कि #बिहार सरकार ने निःशुल्क 151 एकड़ ज़मीन केंद्र को इसकी स्थापना के लिए दिया है और साथ ही 250 करोड़ से अधिक मिट्टी भराई के लिए आवंटित किया लेकिन दुर्भाग्यवश राजनीति करते हुए केंद्र ने प्रस्तावित एम्स के निर्माण की स्वीकृति नहीं दी
उन्होंने लिखा, स्थिति यह है कि बिहार सरकार ने निशुल्क 151 एकड़ जमीन केंद्र सरकार को एम्स निर्माण के लिए दी है। साथ ही 250 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की मिट्टी भराई के लिए आवंटित की है। मगर, दुर्भाग्य से राजनीति करते हुए केंद्र सरकार ने प्रस्तावित एम्स के निर्माण को स्वीकृति नहीं दी। प्रधानमंत्री ने झूठ बोला है।
तेजस्वी यहीं पर नहीं रूके, उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए आगे कहा, इस साल जून में उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से फोन पर बात की थी। दरभंगा एम्स के निर्माण की स्वीकृति देने का आग्रह किया था. इसी आशा में उन्होंने पत्र भी लिखा था। मगर, अभी तक कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं देखने को मिली। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र को ट्विटर पर साझा किया।
आज प्रधानमंत्री जी दरभंगा में AIIMS खुलवाने का झूठा श्रेय ले रहे थे। वस्तुस्थिति ये है कि #बिहार सरकार ने निःशुल्क 151 एकड़ ज़मीन केंद्र को इसकी स्थापना के लिए दिया है और साथ ही 250 करोड़ से अधिक मिट्टी भराई के लिए आवंटित किया लेकिन दुर्भाग्यवश राजनीति करते हुए केंद्र ने… pic.twitter.com/Pajur0PM0u
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 12, 2023
प्रधानमंत्री पर तेजस्वी के हमले का जवाब देने के लिए खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी उतर गए और उन्होंने तेजस्वी के दावे को गलत बता दिया। इसके बाद केंद्रीयस्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने तेजस्वी यादव के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि मोदी सरकार विकास में राजनीति नहीं करती, बल्कि विकास की राजनीति करती है। दरभंगा एम्स की अनुमति मोदी सरकार ने 19 सितंबर 2020 को दी और बिहार सरकार ने 3 नवंबर 2021 को पहली जमीन दी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के सचिव राजेश भूषण का बिहार सरकार को लिखा वो पत्र भी साझा किया है, जिसमें केंद्र सरकार ने बिहार सरकार से कहा था कि जो जमीन उपलब्ध कराई गई है, वो निर्माण के लिए उपयुक्त नहीं है. इसके बाद आग्रह किया था कि एम्स के निर्माण के लिए दरभंगा में कहीं और जमीन दी जाए।
प्रिय तेजस्वी जी,
मोदी सरकार विकास में राजनीति नहीं करती बल्कि विकास की राजनीति करती है।
हमारी नीयत साफ़ है। एम्स दरभंगा की अनुमति मोदी सरकार ने 19 सितंबर 2020 को दी थी और बिहार सरकार ने 3 नवंबर 2021 को पहली ज़मीन दी।
प्रिय तेजस्वी जी,
मोदी सरकार विकास में राजनीति नहीं करती बल्कि विकास की राजनीति करती है।
हमारी नीयत साफ़ है।
एम्स दरभंगा की अनुमति मोदी सरकार ने 19 सितंबर 2020 को दी थी और बिहार सरकार ने 3 नवंबर 2021 को पहली ज़मीन दी। https://t.co/ESOxhfeDp6 pic.twitter.com/kH0PiucDml
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) August 12, 2023
मनसुख मंडाविया ने क्या रखी शर्त?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने तेजस्वी से पूछा कि आप ही बताओ जमीन को क्यों बदला गया? किसके हित में बदला गया? बिहार की विधानसभा में आपके ही विधायक ने एम्स के लिए दी गई अनुपयुक्त जमीन के लिए क्या कहा था? राजनीति से बाहर आइए और एम्स बनाने के लिए तत्काल उचित जगह दीजिए! हम बिहार में एम्स बनाने के लिए तैयार हैं.
स्वास्थ्य महकमे से ठीक से जानकारी प्राप्त कर लीजिए : ललन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दरभंगा एम्स के बारे में दिए गए वक्तव्य पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री से कहा है कि अपने स्वास्थ्य महकमे से ठीक से जानकारी प्राप्त कर लीजिए।
उन्होंने कहा कि दरभंगा एम्स के लिए राज्य सरकार ने जमीन दी है और वहां पर मिट्टी भराई के लिए 250 करोड़ रुपए स्वीकृत भी किए हैं, लेकिन उस जमीन पर केंद्र सरकार एम्स बनाने को तैयार नहीं है। इसका मकसद बिहार में एम्स के निर्माण को लटकाना है और प्रधानमंत्री कह रहे कि एम्स खुल गया।
बहरहाल केंद्र और राज्य सरकार की लड़ाई में दरभंगा एम्स का निर्माण कब तक हो सकेगा, यह कहना मुश्किल है। दोनों में कोई पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।