विपक्ष के गठबंधन INDIA की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर लगातार चर्चा की मांग की जा रही थी. मंगलवार को संसद के मानसून सत्र में इसको लेकर तारीख तय हो गई है. अविश्वास प्रस्ताव पर 8 अगस्त को सदन में चर्चा की जाएगी. ये चर्चा कुल तीन दिन चलेगी. यानी 8 से लेकर 10 अगस्त तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी. अहम बात यह है कि चर्चा के तीसरे दिन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस नो कॉन्फिडेंस मोशन पर अपना जवाब देंगे.
बता दें कि मानसून सत्र की जैसे ही शुरुआत हुई थी तब से ही विपक्षी गठबंधन मणिपुर हिंसा के बाद बने हालातों पर चर्चा के लिए लगातार पीएम मोदी के संबोधन की मांग कर रहा था. विपक्षी दलों की मांग थी कि मणिपुर हिंसा को लेकर पीएम मोदी सदन में बयान दें.
सदन में कब पेश हुआ अविश्वास प्रस्ताव
संसद के मॉनसून सत्र में 26 जुलाई के दिन अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया गया था. ये प्रस्ताव कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की ओर से संसद के नीचले सदन यानी लोकसभा में पेश किया गया था. बता दें कि प्रस्वात पेश करने के लिए एक नोटिस दाखिल करना होता है.
मोदी सरकार को नहीं कोई खतरा
आमतौर पर अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सत्तारूढ़ दलों के लिए एक खतरा खड़ा हो जाता है. कई बार इस दौरान सरकारें गिर भी गई हैं. हालांकि मोदी सरकार को इस बार अविश्वास प्रस्ताव से किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं है. क्योंकि लोकसभा में सरकार के पास पर्याप्त संख्या बल है.
हालांकि इसके बाद भी विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, जबकि विपक्ष ये जानता है कि पर्याप्त संख्या बल की वजह से ये प्रस्ताव पास नहीं हो पाएगा. लेकिन विपक्ष का मकसद इस प्रस्ताव के जरिए सरकार गिराना नहीं बल्कि मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री को सदन में बयान देने के लिए मजबूर करना है. इस प्रस्ताव पर जवाब देने के लिए अब पीएम मोदी 10 अगस्त लोकसभा में अपना जवाब देंगे.