एचसीएल के संस्थापक और हाल ही में प्रकाशित आत्मकथा जस्ट ऐस्पायर के लेखक पद्म भूषण डॉ अजय चौधरी ने भारत की भावी प्रतिभाओं के निर्माण में योगदान की घोषणा की है। चौधरी के पारिवारिक न्यास ’स्वयम चैरिटेबल ट्रस्ट’ ने ’ऐस्पायर स्कॉलरशिप’ स्थापित की है। इस पहल का लक्ष्य उन आकांक्षी इंजीनियरों को जरूरी सहयोग प्रदान करना है जो उच्च शिक्षा प्राप्त करने में वित्तीय अड़चन का सामना कर रहे हैं। इस स्कॉलरशिप के माध्यम से उनको अपनी ध्येय प्राप्ति में मदद मिलेगी और एक उज्जवल भविष्य की राह पर आगे बढ़ सकेंगे।
पहले तीन सालों में 10 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ यह न्यास 84 (की संख्या तक) विद्यार्थियों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है; उनकी इंजीनियरिंग की पूरी पढ़ाई के दौरान उन्हें संपूर्ण वित्तीय सहायता दी जाएगी। इस पहल का लक्ष्य उन विद्यार्थियों तक मदद का हाथ पहुंचाना है जो अपने सपनों को हकीकत में बदलने की कोशिशों में लगे हैं। यह स्कॉलरशिप महज ट्यूशन फीस के दायरे तक सीमित नहीं होगी बल्कि इसमें उनके हॉस्टल व मैस का व्यय भी शामिल रहेगा, और उनके पूरे प्रोग्राम के दौरान यह सारा खर्च दिया जाता रहेगा।
ऐपिक फाउंडेशन के संस्थापक, एचसीएल के सह-संस्थापक और स्वयम चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक न्यासी डॉ अजय चौधरी ने कहा, ’’ऐस्पायर केवल एक स्कॉलरशिप मात्र नहीं है बल्कि यह आशा की किरण है जो इन आकांक्षी इंजीनियरों के भीतर महानता की चिंगारी को प्रेरित करेगी, उन्हें सक्षम बनाएगी कि वे अपनी प्रतिभा व निपुणता से इस दुनिया में परिवर्तन ला सकें। इस स्कॉलरशिप का लक्ष्य है आकांक्षी इंजीनियरों की मदद करना, जो भारत की भावी वृद्धि के लिए आवश्यक हैं और उन्हें भारत की प्रगति कथा में हिस्सा लेने व योगदान करने हेतु सहयोग मुहैया कराना। दुनिया की सबसे युवा आबादी आज हमारे देश में है। आज हमारे पास जो प्रतिभा है यदि हम उसका सदुपयोग नहीं करेंगे, यदि हम प्रतिभावानों की मदद नहीं करेंगे और उन्हें वर्तमान अवरोधों से उबरने में सहायता नहीं देंगे तो हम तकनीकी रूप से अग्रणी देश बनने की दौड़ में बहुत पीछे रह जाएंगे। ऐस्पायर स्कॉलरशिप एक कोशिश अपने हिस्से का योगदान देने की और जिस समाज ने मुझ जैसे व्यक्तियों की मदद की उस समाज को वापस लौटाने का यह एक प्रयास है ताकि ये नौजवान भी बड़ा सोचें और अपने सपनों को हासिल करें।’’
यह स्कॉलरशिप भारत के दस इंजीनियरिंग संस्थानों के विद्यार्थियों को प्रदान की जाएगी जिनमें शामिल होंगे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (खड़गपुर, हैदराबाद, पटना, दिल्ली, बॉम्बे, गोवा), इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी दिल्ली, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी नया रायपुर, जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऐडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी रांची। इस पहल का प्रारंभ आज एक वेबिनार में हुआ जहां सभी 10 संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
यह पहल 2023-2024 के बी.टेक. बैच से प्रारंभ होगी और इस तरह योग्य विद्यार्थियों के लिए एक अद्भुत सफर की शुरुआत होगी। अगले तीन वर्षों के लिए स्वयम का प्रबंधन प्रत्येक वर्ष फर्स्ट ईयर बी.टेक. बैच से 28 असाधारण विद्यार्थियों का बारीकी से चयन करेगा, जो भारत के दस प्रतिष्ठित संस्थानों से होंगे। इस अवधि में यह स्कॉलरशिप 84 (की संख्या तक) विद्यार्थियों को सशक्त करेगी, उनके पूरे प्रोग्राम की अवधि में उन्हें संपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
स्वयम चैरिटेबल ट्रस्ट के न्यासी श्री कुणाल चौधरी ने कहा, ’’यह स्कॉलरशिप युवा प्रतिभाओं को पोषित करने, इनोवेशन को प्रोत्साहन देने और हमारे राष्ट्र के लिए एक उज्जवल भविष्य की रचना करने को लेकर हमारी प्रतिबद्धता की परिचायक है। हमारा विश्वास है कि किसी की पृष्ठभूमि कुछ भी हो, हर किसी को अपने सपने पूरे करने का अवसर मिलना चाहिए। असाधारण विद्यार्थियों की चयन प्रक्रिया कड़ी होगी, इसका संचालन स्वयम के प्रबंधन या उसके द्वारा नियुक्त निर्णायक मंडल द्वारा होगा। यह कार्य एक निष्पक्ष व पारदर्शी चयन प्रक्रिया के जरिए होगा जिसमें उत्कृष्टता के उच्चतम मानकों को कायम रखा जाएगा।ऐस्पायर स्कॉलरशिप का प्रबंधन बडी स्टडी द्वारा होगा जो स्कॉलरशिप प्रबंधन सेवाओं की अग्रणी प्रदाता है। अपने अत्याधुनिक तकनीकी इंटरफेस के माध्यम से यह प्रोग्राम के निर्बाध प्रबंधन का गारंटी देता है और प्रशासन हेतु सेवाएं और सहयोग प्रस्तुत करता है।