शेरशाहवादी समुदाय को बाहरी तथा जमीन कब्जा किए जाने को लेकर पूर्व सीएम सह हम पार्टी के संस्थापक जीतन राम मांझी के द्वारा शेरशाह समुदाय को लेकर दिए गए विवादित बयान के विरोध में गुरुवार को शेरशाहवादी एसोसिएशन ने किशनगंज व्यवहार न्यायालय में वाद संख्या ५३६/२०२३ दायर करने के उपरांत राज्यपाल के नाम ड़ीएम को ज्ञापन सौंप कर न्याय कि गुहार लगाया।
आल बिहार शेरशाहवादी एसोसिएसन के जिला सचिव सह भाजपा नेता अब्दुर रहमान के नेतृत्व में जिला पदाधिकारी को ज्ञापन दिया गया। दिए गए ज्ञापन के अनुसार हम पार्टी के जिलाध्यक्ष शाहजहां को भी उकसाने का आरोप लगाया। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी द्वारा दिए गए बयान से शेरशाहवादी समुदाय के लोगों को आघात पहुंचा है । शेरशाह समुदाय के लोग बिहार के किशनगंज‚ कटिहार‚ पूर्णिया‚ अररिया‚ सुपौल‚ भागलपुर‚ सहरसा आदि जिलो में बसे हैं। दिए गए मांगपत्र के अनुसार शेरशाहवादी बिरादरी के लोग यहाँ के मूल सम्मानित नागरिक हैं वे राष्ट्र के प्रति समर्पित होकर तथा शारीरिक परिश्रम मेहनत मजदुरी कर बंजर भूमि को उपजाऊ बनाते हैं व अपने परिवार के सदस्यों का भरण पोषण करते हैं। ये भारत के मूल निवासी हैं।
१९९६ में इन्हें राजद सरकार में अत्यन्त पिछड़ी जाति का आरक्षण का लाभ दिया गया हैं तथा वर्ष १९९९ में केन्द्र सरकार ने ओबीसी आरक्षण शेरशाहवादी समुदाय के लोगों को प्रदान किया हैं। विरोध जताने वालों में एसोसिएसन के जिला सचिव अब्दुर रहमान‚ किशनगंज प्रखंड़ अध्यक्ष शमीम अख्तर इस्लाही‚ मुखिया प्रतिनधि मुरसलीम‚ ड़ॉक्टर इनामुल हक‚ अधिवक्ता नुरुल हुदा‚ अधिवक्ता वसीर अहमद‚ खेरुल हुदा‚ कवीर आलम‚ मंसूर आलम‚सरफराज आलम‚ सहित सैकड़ों लोगों ने जिला पदाधिकारी के समक्ष ज्ञापन देने पहुंचे। वही विवादित बयान को लेकर बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री सह हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितन राम मांझी व जिलाध्यक्ष मोहम्मद शाहजहां के विरुद्ध न्यायालय में एक वाद भी दायर करवाया गया है।