संसद का मॉनसून सत्र अब तक हंगामे की ही भेंट चढ़ा है। मणिपुर के मुद्दे पर विपक्ष अपने कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं है तो सरकार भी दबाव में आने के मूड में नहीं है। मौजूदा मॉनसून सत्र में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब सदन का कामकाज सुचारू रूप से चल पाया हो।
संसद के मानसून सत्र का शुक्रवार को सातवां दिन है। विपक्ष आज भी मणिपुर के मुद्दे पर हंगामा करेगा। वहीं कांग्रेस ने पूछा है कि लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कब होगी। राज्यसभा में मणिपुर मामले पर चर्चा के लिए शुरू हुई नारेबाजी और हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही को सोमवार (31 जुलाई) को 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
संसद की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा चालू
शुक्रवार को संसद की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा चालू हो गया, जिसके बाद लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ”नियम 198 के तहत हमारे पास अविश्वास प्रस्ताव है। इस नियम के मुताबिक मणिपुर हिंसा मामले में चर्चा तुरंत होनी चाहिए। सरकार नहीं चाहती कि सदन में इस मुद्दे पर उससे सवाल पूछे जाएं।’
कांग्रेस नेता मनिकम टैगोर ने कहा हम चाहते थे कि प्रधानमंत्री मणिपुर का दौरा करें… जो वह नहीं कर रहे हैं… I.N.D.I.A ब्लॉक ने हमारी बैठक में निर्णय लिया है कि मणिपुर के लिए एक सांसद प्रतिनिधिमंडल होगा। कल सांसदों का प्रतिनिधिमंडल रवाना होगा। आज शाम को उन नेताओं के नाम जारी किए जाएंगे…इस प्रतिनिधिमंडल का मकसद वहां (मणिपुर) के लोगों का दर्द समझना है
आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा, “लोकसभा अध्यक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार किए जाने के बाद संसद में कोई विधेयक पेश नहीं किया जाता है, लेकिन हम देख रहे हैं कि कई विधेयक संसद में पेश और पारित किए जा रहे हैं। मैं स्पीकर से अपील करता हूं कि कोई विधायी कार्य न करें। I.N.D.I.A का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर के लोगों को समर्थन प्रदान करने और उनके साथ एकजुटता दिखाने के लिए मणिपुर का दौरा करेगा। मणिपुर वायरल वीडियो मामले को सीबीआई को सौंपने के लिए अब बहुत देर हो चुकी है।“
कल सांसदों का प्रतिनिधिमंडल रवाना होगा: मनिकम टैगोर
कांग्रेस नेता मनिकम टैगोर ने कहा कि हम चाहते थे कि प्रधानमंत्री मणिपुर का दौरा करें। जो वह नहीं कर रहे हैं। I.N.D.I.A. ब्लॉक ने हमारी बैठक में निर्णय लिया है कि मणिपुर के लिए एक सांसद प्रतिनिधिमंडल होगा। कल सांसदों का प्रतिनिधिमंडल रवाना होगा। आज शाम को उन नेताओं के नाम जारी किए जाएंगे। इस प्रतिनिधिमंडल का मकसद मणिपुर के लोगों का दर्द समझना है।
मुद्दों से बचने के लिए बहाने दे रही सरकार: अधीर
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि नियम 198 के तहत हमारे पास अविश्वास प्रस्ताव है। इस नियम के अनुसार चर्चा मणिपुर के संबंध में तुरंत होनी चाहिए। सरकार नहीं चाहती कि सदन के अध्यक्ष उनसे सवाल पूछें। वे मुद्दों से बचने के लिए बहाने दे रहे हैं।
.N.D.I.A. के सांसदों ने संसद के बाहर प्रदर्शन किया
संसद में मणिपुर मामले को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग को लेकर I.N.D.I.A. गठबंधन के सांसदों ने संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इससे पहले रणनीति पर चर्चा करने के लिए संसद में राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष कक्ष में समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक हुई।
राघव चड्ढा ने आम बिरला से की यह अपील
आम आदमी पार्टी सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार किए जाने के बाद संसद में कोई विधेयक पेश नहीं किए जाते हैं, लेकिन हम देख रहे हैं कि कई विधेयक संसद में पेश और पारित किए जाते हैं। मैं अध्यक्ष से अपील करता हूं कि अब लोकसभा में कोई विधायी कार्य नहीं होना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि I.N.D.I.A ब्लॉक का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर के लोगों को समर्थन प्रदान करने और उनके साथ एकजुटता दिखाने की आशा के साथ मणिपुर का दौरा करेगा। मणिपुर वायरल वीडियो मामले को 85 दिनों के बाद सीबीआई को सौंपने के लिए अब बहुत देर हो चुकी है।
65 अप्रचलित कानून होंगे निरस्त
मोदी सरकार ने अपने करीब नौ साल के कार्यकाल में अब तक 1,486 ऐसे कानूनों को निरस्त किया है, जो अप्रचलित हैं। इसी दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए सरकार ने 65 ऐसे अप्रचलित कानून को निरस्त करने संबंधी प्रावधान वाला निरसन और संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित कराया है। इस विधेयक पर राज्यसभा की मुहर लगते ही मोदी सरकार के कार्यकाल में निरस्त कानूनों की संख्या 1,551 हो जाएगी। जिन कानूनों को निरस्त करने का प्रावधान है, उनमें सबसे ज्यादा रेलवे के 18 विनियोग अधिनियम शामिल हैं।
मोदी-मोदी बनाम इंडिया इंडिया के लगे नारे
संसद के दोनों सदनों में गुरुवार को भी मणिपुर हिंसा मामले में सरकार और विपक्ष के बीच जम कर तकरार हुआ। इस दौरान काले कपड़ों में विरोध जता रहे विपक्ष के इंडिया-इंडिया के नारे का जवाब सरकार की ओर से मोदी-मोदी के रूप में दिया गया। हंगामे के बीच दोनों सदनों की कार्यवाही कई बार स्थगित हुई। विदेश नीति पर विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान देने के बीच विपक्ष के हंगामे से नाराज सत्ता पक्ष ने अधीर रंजन चौधरी की बारी आने पर उन्हें बोलने नहीं दिया।