बीते दिनों मणिपुर का एक वीडियो वायरल होने के बाद से केंद्र सरकार हरकत में आ गई है. इस वीडियो में महिलाओं के साथ बर्बरता दिखाई गई. इसके सामने आने के बाद से मॉनसून सत्र की कार्रवाई लगातार स्थगित हो रही है. विपक्ष मांग कर रहा है कि इस मामले में खुद पीएम मोदी संसद में आकर बयान दें. इस बीच केंद्र सरकार ने मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई दरिंदगी पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. सरकार ने कहा कि महिलाओं के मामले में जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा गया है. हलफनामे के अनुसार, सरकार ने अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए पीड़ितों को जल्द न्याय दिलाने के लिए मामले को फास्ट ट्रैक में निपटारा करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है.
आपको बता दें कि महिलाओं का वीडियो सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा था अगर आप कुछ नहीं पाते हैं तो हम करेंगे. इसके बाद से सरकार ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है.
हलफनामे में सरकार ने क्या कहा
– 27 जुलाई को राज्य सरकार के सिफारिश पत्र के आधार पर केंद्र सरकार ने मामले को सीबीआई को सौंप दिया है.
– सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार ने मामले का ट्रायल मणिपुर के बाहर किसी भी राज्य में ट्रांसफर करने की मांग की है.
– ट्रायल को समय बध तरीके से चलाने के निर्देश देने की मांग केंद्र सरकार ने की है.
– केंद्र सरकार का सुझाव है कि CBI द्वारा चार्जशीट दाखिल होने के 6 महीने के अंदर ट्रायल करने का निर्देश सुप्रीम कोर्ट दे.
– केंद्र ने जानकारी दी है कि हिंसा मामले में अब तक 13,782 लोगों को पकड़ा जा चुका है
– केंद्र सरकार के अनुसार, मणिपुर सरकार को सभी मामलों को तुरंत निपटाने के लिए फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट चलाने का आदेश दिया गया है.
– केंद्र सरकार का कहना है कि राज्य में जमा होने वाली भीड़ की निगरानी के लिए ड्रोन और वीडियोग्राफी का उपयोग करने का निर्देश दिया है
– केंद्र सरकार के अनुसार, पीड़ितों के पुनर्वास, काउंसलिंग के खास इंतजाम किए गए हैं
शांति बहाली के प्रयास तेज कर दिए
उधर, मणिपुर मामले में सरकार एक्शन में है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शांति बहाली को लेकर केंद्र सरकार कुकी और मैतई समुदाय से छह राउंड की बातचीत कर चुकी है. इस मामले में पीएम मोदी लगातार अपडेट ले रहे हैं. गृह मंत्रालय ने राज्य में शांति बहाली के प्रयास तेज कर दिए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्री अमित शाह मैतेई और कुकी समुदाय के प्रतिनिधियों से संपर्क में हैं. कोशिश हो रही है कि दोनों समुदायों को बातचीत की टेबल पर लाया जाए. सरकार को उम्मीद है कि जल्द ही बातचीत से हल निकलेगा.
मणिपुर में हिंसा के बीच केंद्र का बड़ा फैसला, जुलाई में 700 लोगों ने किया घुसपैठ
मणिपुर में कुकी और मैतई समुदाय के बीच हिंसा का दौर जारी है. इसी बीच राज्य में घुसपैठ की जानकारी आ रही है. जानकरी के मुताबिक म्यांमार से 700 से अधिक लोगों ने मणिपुर के चंदेल जिले में घुसपैठ कर ली है. इसी बीच केंद्र सरकार ने इस समस्या पर बड़ा फैसला लिया है. जानकारी के अनुसार अब म्यांमार से भारत आ रहे सभी घुसपैठिए का बायोमेट्रिक डाटा जमा किया जाएगा. इसके द्वारा सरकार ऐसे अप्रवासियों की पहचान करने में मदद मिलेगी. इन सभी को नेगेटिव बायोमेट्रिक लिस्ट में रखा जाएगा, ताकि वो आगे भारत के नागरिक न बन पाए.
सीमा पर फेंसिंग की जा रही
जानकारी के मुताबिक भारत – म्यांमार सीमा पर कंटीले तार लगाने का काम तेजी से जारी है. अब तक मणिपुर- मिजोरम सीमा पर 10 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में तार लगाने का काम किया जा चुका है. काम करने वाली एजेंसी से ये कहा गया है कि वो सीमा पर फेंसिग के काम को जल्द से जल्द पुरा करें जिससे घुसपैठ को रोका जा सके.
केंद्र सरकार की ओर से ये कदम उस वक्त ऐसे समय में किया जा रहा है जब मणिपुर में कुकई और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा जारी है. मैतई समुदाय ने लगाते हुए कहा है कि कुकी म्यांमार बॉर्डर पर अवैध रूप से मणिपुर आ गए है और यहां जंगल और जमीन पर कब्जा करते जा रहे हैं.
सरकार का बयान
इस मामले पर मणिपुर सरकार ने जानकारी दी थी कि जुलाई में 700 से अधिक लोग भारत में अवैध रूप से शरण ले चुके हैं. सरकार ने कहा है कि वो इस घुसपैठ को लेकर संवेदनशील है और राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्ती से निपटा जाएगा. इस मामले पर कुकी समुदाय का कहना है कि ये लोगों को ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है. अवैध घुसपैठ सिर्फ धोखा है उनके पास सभी प्रमाण पत्र मौजूद है और मांग करने पर दिखाया जाएगा.