बिहार के छपरा जिले के मेयर राखी गुप्ता की कुर्सी तीन बच्चों के कारण चली गई. अपने चुनावी हलफनामे में राखी गुप्ता ने दो बच्चों का जिक्र किया था और एक को छिपा लिया था. राखी गुप्ता के हलफनामे को चुनौती देते हुए पूर्व मेयर सुनीता देवी ने चुनाव आयोग में केस दर्ज कराया जिसकी जांच में यह पूरा फर्जीवाड़ा सामने आया और राखी गुप्ता को चुनाव आयोग ने अंततः गुरुवार को पद से हटा दिया.
दरअसल बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 के मुताबिक अगर किसी नागरिक को 4 अप्रैल, 2008 के बाद तीसरा, चौथा या इससे अधिक संतानें हैं, तो वह नगरपालिका निर्वाचन में चुनाव नहीं लड़ सकता है, मतलब 2008 के बाद तीन या तीन से अधिक संतान वाले व्यक्ति नगर और ग्राम पंचायत का चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए ज्यादा से ज्यादा दो संतान ही होने चाहिए. अगर एक ही बार में जुड़वां या इससे ज्यादा संतान होने से संतानों की संख्या बढ़ी है, तो यह नियम उन पर लागू नहीं होगा.
राखी ने छिपा ली थी तीसरे बच्चे की जानकारी
हालांकि इस मामले पर राखी गुप्ता ने हाईकोर्ट में जाकर अपना पक्ष रखा है और कानूनी कार्रवाई की बात कर रही है. लेकिन हाईकोर्ट ने पूर्व में ही स्थिति को स्पष्ट कर दिया है. हाईकोर्ट ने ऐसे ही मामले में कई लोगों को पूर्व में राहत दी है लेकिन ऐसे मामलों में तब राहत मिली जब कट ऑफ डेट के पूर्व वादी को 3 बच्चे थे. कानून लागू होने के बाद ग्रेस पीरियड दिया गया और उसके बाद अगर बच्चे की संख्या 3 से अधिक है तो प्रत्याशियों को नामांकन पत्र भरने पर भी रोक है. दरअसल राखी गुप्ता से नामांकन भरते वक्त शपथ पत्र मांगा गया था जिसमें राखी गुप्ता ने दो बच्चों का ही जिक्र किया था. दूसरे बच्चे को छुपा लिया था. लेकिन, उन्होंने कथित रूप से अपने तीसरे बच्चे को अपने एक रिश्तेदार को गोद दे दिया था. राखी गुप्ता छपरा की मेयर रहते हुए अक्सर अपने कार्यों को लेकर सुर्खियों में रही हैं. इसके साथ ही उनके स्टाइलिश लुक की भी खूब चर्चा होती रही है.
राखी पर कानूनी कार्रवाई का भी निर्देश
रजिस्टर्ड गोदनामा के कागजात को शिकायतकर्ता ने रजिस्ट्री कार्यालय से निकालकर चुनाव आयोग के समक्ष दाखिल किया था. इसके बाद यह मामला चुनाव आयोग की नजर में सत्य प्रतीत हुआ और चुनाव आयोग ने सुनवाई के बाद राखी गुप्ता की मेयर पद की सदस्यता खत्म कर दी. राखी गुप्ता की मुश्किलें यही कम नहीं होती बल्कि चुनाव आयोग ने उनके ऊपर उचित कानूनी कार्रवाई का भी निर्देश दिया है. चुनाव आयोग ने इस मामले में डीएम को कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया है, जिसके बाद राखी गुप्ता की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. राज्य निर्वाचन आयुक्त दीपक कुमार ने सुनवाई के बाद आज आदेश जारी कर दिया, जिसके बाद से छपरा के नगर निगम की राजनीति में हड़कम्प मच गया.