24 साल पहले जय महाकाली, आयो गोरखाली, राजा रामचंद्र की जय, दुर्गा माता की जय जैसे युद्धघोष से कारगिल की पहाड़ियां ही नहीं बल्कि दुश्मनों के पैरों के नीचे की जमीन भी हिल गई थी। कारगिल (Kargil) की जंग पड़ोसी देश की नापाक हरकत का नतीजा थी। इस जंग में देश के वीर जवानों ने अपने शौर्य और साहस का वो परिचय दिया जिसे भारत ही नहीं बल्कि दुनिया में अदम्य साहस के रूप में देखा जाता है। चो चलिए इस रिपोर्ट के जरिए हम आपका परिचय भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम से करवाते हैं।
पड़ोसी ने दिया धोखा
कारगिल में दुश्मन पहाड़ की चोटियों पर जमा बैठा था और भरतीय फौज की हर मूवमेंट पर उसकी नजर थी। दुनिया की आंख में धूल झोंकने के लिए पाकिस्तान (Pakistan) ने अपनी फौज के सिपाहियों को घुसपैठियों का नाम दिया। दुश्मन कारगिल की बर्फीली चोटियों पर उस वक्त भी जमा रहा जब भारतीय फौज समझौते के मुताबिक अपनी बैरकों में लौट चुकी थी। तमाम मुश्किलों के बाद भी भारत के वीर सपूतों ने दुश्मनों के मंसूबों को ध्वस्त कर दिया और चोटियों पर फिर तिरंग फहराया।
भारतीय वीरों ने दिया मुंहतोड़ जवाब
कारगिल की जंग आज से 24 साल पहले मई 1999 में शुरू हुई थी। इस युद्ध में भारत की जीत हुई थी। हाड़ जमा देने वाली बर्फीली चोटियों में भारत के शूरवीरों पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया था। लड़ाई 26 जुलाई को खत्म हुई थी और इसी जीत को याद करते हुए हर साल 26 जुलाई को ‘विजय दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन कारगिल की जंग में अपने प्राणों की आहुति देने वाले मां भारती के वीर सपूतों के शौर्य और बलिदान को याद किया जाता है।
शुरू हुआ ‘ऑपरेशन विजय’
ये जंग तब शुरू हुई थी जब साल 1998 की सर्दियों में पाकिस्तानी सेना घुसपैठियों का नकाब ओढ़कर भारत के इलाकों पर काबिज हो जाती है। भारत को जब पाकिस्तानियों के नापाक मनसूबों की भनक लगती है, तो उन्हें करारा जवाब देने के लिए ‘ऑपरेशन विजय’ शुरू किया जाता है। इस जंग में भारत वीर सपूतों ने वो वीरगाथा लिख दी देश के लिए आखिरी सांस तक लड़े। 18 हजार फीट की ऊंचाई पर कारगिल की ये जंग करीब 2 महीने तक चली। इस युद्ध में मां भारती के 527 रणबांकुरों ने शहादत दी। 1300 से ज्यादा भारतीय जवान इस लड़ाई में घायल हुए। वहीं, पाकिस्तान के लगभग 1000 से 1200 सैनिकों की मौत हुई।
पाकिस्तान ने की थी घुसपैठ
घुसपैठियों की शक्ल में पाकिस्तानी सेना के जवान करीब 6 महीने पहले से ही पूरी तैयारी का साथ कारगिल की चोटियों पर कब्जा जमाए बैठे थे। पाकिस्तानियों ने बंकर तक बना लिए थे और हैवी आर्म से लैस थे। भारतीय सेना को इस बारे में भनक तक नहीं लगी थी। इस बीच भारतीय चरवाहों ने पहाड़ियों पर हलचल देखी और इसकी सूचना भारतीय सेना को दी। इसके बाद भारत ने पेट्रोलिंग यूनिट भेजी जिसके बाद पाकिस्तान के नापाक इरादों की पोल खुल गई।
ये था दुश्मन का मकसद
दरअसल, पाकिस्तान चाहता था कि वो लद्दाख की ओर जाने वाली भारतीय रसद पर रोक लगा दे जिससे भारत को मजबूरन सियाचिन छोड़ना पड़े। पाकिस्तान ने इसी को ध्यान में रखते हुए कारगिल की चोटियों पर कब्जा करना चाहा था लेकिन भारतीय जवानों के पराक्रम के सामने उसकी एक ना चली। यहां ये भी बता दें कि शुरुआत में कारगिल की जंग भारत के लिए मुश्किल साबित हो रही थी, लेकिन बोफोर्स तोफ और भारतीय वायुसेना ने पूरी तस्वीर ही बदल दी। बोफोर्स तोपों की गर्जना और सटीक निशानों ने कई पाकिस्तानी बंकरों के पूरी तरह तबाह कर दिया था। हालात ये हो गए थे ऊंचाई पर काबिज होने के बाद भी पाकिस्तानी सैनिकों की एक नहीं चल पा रही थी।
भारत ने खुद को किया मजबूत
कारगिल की लड़ाई के बाद भारत ने कई सबक सीखे। इसी के बाद से सीमा पर सुरक्षा बढ़ाने को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए। पाकिस्तान से लगी सीमा पर निगरानी व्यवस्था को लगातार मजबूत किया जा रहा है। गलतियों से सबक लेकर जहां भारत लगातार सुधार के क्रम को मजबूत कर रहा है वहीं पाकिस्तान आज किस हाल में है ये जगजाहिर है।
कारगिल में शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे राजनाथ सिंह, बोले- मेरे लिए ये भावुक क्षण
देश में आज कारगिल दिवस मनाया जा रहा है. ये दिन शहीदों के पराक्रम के नाम है. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत अन्य मंत्रियों व नेताओं ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की. पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘कारगिल विजय दिवस भारत के उन अद्भुत पराक्रमियों की शौर्यगाथा को सामने लाता है, ये देशवासियों के लिए हमेशा प्रेरणाशक्ति बने रहने वाले हैं. इस विशेष मौके पर मैं उनको ह्रदय से नमन और वंदन करता हूं. जय हिंद!’
वहीं केंद्री मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के जवानों के बीच जाकर श्रद्धांजलि दी. लद्दाख के द्रास में पहुंचकर उन्होंने युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे इन क्षणों को कभी भुला नहीं सकते हैं. सभी शहीदों को नमन करता हूं. मेरे लिए ये भावुक क्षण है. इस दौरान रक्षा मंत्री ने 1999 के कारगिल युद्ध के बहादुरों की याद में लद्दाख के द्रास में बने ‘हट ऑफ रिमेंबरेंस’ संग्रहालय का दौरा किया.
कारगिल युद्ध स्मारक के नजदीक से गुजरे चीतल हेलीकॉप्टर
इस बीच वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कारगिल विजय दिवस पर द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक को नमन किया पुष्पांजलि अर्पित की. इस मौके पर शहीदों के लिए आर्मी एविएशन के तीन चीतल हेलीकॉप्टर द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक के नजदीक से गुजरे. इस दौरान उन्होंने आसमान से फूलों की पंखुड़ियां बरसाईं. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कारगिल के शहीदों को नमन किया.
भारत-पाक के बीच 60 दिनों तक चला युद्ध
भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल का युद्ध 60 दिनों तक चला. वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध हुआ था. 26 जुलाई के दिन इस युद्ध की समाप्ति हुई. इस युद्ध में भारत विजय प्राप्त हुई. इस युद्ध शहीद भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है.