• होम
  • समाचार
    • खास खबर
    • Bihar Election2025
    • Lokshbha2024
    • केंद्रीय राजनीती
      • राजनीति
      • राष्ट्रपति भवन
      • विपक्ष
      • सांसद
      • कैबिनेट
      • विज्ञान
      • स्वास्थ
      • सेना
      • शिक्षा
      • कानून
    • विशेष
      • शिक्षा
      • स्वास्थ
    • टेक्नोलॉजी
      • अंतरिक्ष
      • परिवहन
      • विज्ञान
      • पर्यावरण
  • पॉलिटिक्स बिहार
    • भाजपा
    • जदयू
    • कांग्रेस
    • राजद
    • हम
    • लोजपा
    • विआईपपी
    • मुख्यमंत्री
    • कम्युनिस्ट
    • विधानमंडल
    • राजभवन
    • अन्य विपक्ष
  • खेल
    • क्रिकेट
    • फूटबाल
    • टेनिस
  • कारोबार
    • कृषि
    • पेट्रोलियम
    • धातु
    • नीति
    • शेयर बाज़ार
    • ऑटोमोबाइल
  • मनोरंजन
    • हॉलीवुड
    • बॉलीवुड
    • कला
    • रंगमंच
    • अवार्ड
    • फिल्म समीक्षा
    • नया लांच
    • भोजपुरी
    • कलाकार विशेष
  • जिलावार
    • उत्तर बिहार
      • मुजफ्फरपुर
      • सारण
      • सिवान
      • दरभंगा
      • पश्चिम चंपारण
      • पूर्वी चंपारण
      • समस्तीपुर
      • सीतामढ़ी
      • शिवहर
      • वैशाली
      • मधुबनी
    • मध्य बिहार
      • पटना
      • अरवल
      • गया
      • जमुई
      • जहानाबाद
      • नवादा
      • बेगुसराय
      • शेखपुरा
      • लखीसराय
      • नालंदा
    • पूर्वी बिहार
      • अररिया
      • कटिहार
      • किशनगंज
      • खगड़िया
      • पूर्णिया
      • बांका
      • भागलपुर
      • मुंगेर
      • सहरसा
      • सुपौल
      • मधेपुरा
    • पश्चिमी बिहार
      • औरंगाबाद
      • कैमूर
      • बक्सर
      • भोजपुर
      • रोहतास
  • प्रदेश
    • झारखण्ड
    • दक्षिण भारत
    • दिल्ली
    • पश्चिम बंगाल
    • पूर्वी भारत
    • मध्यप्रदेश
    • महाराष्ट्र
  • महिला युग
    • उप सम्पादक की कलम से
    • रोग उपचार
    • लेख
    • विशेष रिपोर्ट
    • समाज
    • मीडिया
  • ब्लॉग
  • संपादकीय
  • बिहार विधानसभा चुनाव 2025
  • होम
  • समाचार
    • खास खबर
    • Bihar Election2025
    • Lokshbha2024
    • केंद्रीय राजनीती
      • राजनीति
      • राष्ट्रपति भवन
      • विपक्ष
      • सांसद
      • कैबिनेट
      • विज्ञान
      • स्वास्थ
      • सेना
      • शिक्षा
      • कानून
    • विशेष
      • शिक्षा
      • स्वास्थ
    • टेक्नोलॉजी
      • अंतरिक्ष
      • परिवहन
      • विज्ञान
      • पर्यावरण
  • पॉलिटिक्स बिहार
    • भाजपा
    • जदयू
    • कांग्रेस
    • राजद
    • हम
    • लोजपा
    • विआईपपी
    • मुख्यमंत्री
    • कम्युनिस्ट
    • विधानमंडल
    • राजभवन
    • अन्य विपक्ष
  • खेल
    • क्रिकेट
    • फूटबाल
    • टेनिस
  • कारोबार
    • कृषि
    • पेट्रोलियम
    • धातु
    • नीति
    • शेयर बाज़ार
    • ऑटोमोबाइल
  • मनोरंजन
    • हॉलीवुड
    • बॉलीवुड
    • कला
    • रंगमंच
    • अवार्ड
    • फिल्म समीक्षा
    • नया लांच
    • भोजपुरी
    • कलाकार विशेष
  • जिलावार
    • उत्तर बिहार
      • मुजफ्फरपुर
      • सारण
      • सिवान
      • दरभंगा
      • पश्चिम चंपारण
      • पूर्वी चंपारण
      • समस्तीपुर
      • सीतामढ़ी
      • शिवहर
      • वैशाली
      • मधुबनी
    • मध्य बिहार
      • पटना
      • अरवल
      • गया
      • जमुई
      • जहानाबाद
      • नवादा
      • बेगुसराय
      • शेखपुरा
      • लखीसराय
      • नालंदा
    • पूर्वी बिहार
      • अररिया
      • कटिहार
      • किशनगंज
      • खगड़िया
      • पूर्णिया
      • बांका
      • भागलपुर
      • मुंगेर
      • सहरसा
      • सुपौल
      • मधेपुरा
    • पश्चिमी बिहार
      • औरंगाबाद
      • कैमूर
      • बक्सर
      • भोजपुर
      • रोहतास
  • प्रदेश
    • झारखण्ड
    • दक्षिण भारत
    • दिल्ली
    • पश्चिम बंगाल
    • पूर्वी भारत
    • मध्यप्रदेश
    • महाराष्ट्र
  • महिला युग
    • उप सम्पादक की कलम से
    • रोग उपचार
    • लेख
    • विशेष रिपोर्ट
    • समाज
    • मीडिया
  • ब्लॉग
  • संपादकीय
  • बिहार विधानसभा चुनाव 2025

महिलाओं से बदसलूकी करने वालों को सज़ा मिलनी चाहिए

UB India News by UB India News
July 24, 2023
in Lokshbha2024, ब्लॉग, महिला युग
0
महिलाओं से बदसलूकी करने वालों को सज़ा मिलनी चाहिए
  • Facebook
  • X
  • WhatsApp
  • Telegram
  • Email
  • Print
  • Copy Link

मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके सरेआम सड़क पर घुमाने वाले चार हैवान पकड़ लिए गए. इन चारों को 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. वी़डियो में निर्वस्त्र महिलाओं के आसपास दिख रहे 12 और लड़कों की पहचान हो गई है, इनको पकड़ने के लिए ATS की टीमें लगातार छापेमारी कर रही है. लोग इस घिनौनी हरकत को अंजाम देने वालों को सरेआम फांसी देने की मांग कर रहे हैं.  विरोध में सड़क पर निकली स्थानीय महिलाओं ने उन आरोपियों के घरों में आग लगा दी, जो कल पकड़े गए थे. मणिपुर में अब सरकार थोड़ी हरकत में आई है, लेकिन पश्चिम बंगाल से भी इसी तरह की खबरें आने लगीं. बंगाल में भी महिलाओं के साथ इसी तरह के अत्याचार हुए. पंचायत चुनाव के दौरान महिलाओं की इज्जत तार तार की, लेकिन ये महिलाएं डर के कारण खामोश थीं. मणिपुर का वीडियो सामने आने के बाद इन महिलाओं ने हिम्मत जुटाई और अपनी आप-बीती सुनाई. बताया कि कैसे तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने उन्हें बाल पकड़ कर घसीटा, उनके कपड़े फाड़े, उन्हें गलत तरीके से छुआ और जब वो पुलिस के पास पहुंची तो घर में घुसकर उन्हें पूरे परिवार समेत जान से मारने की धमकी दी गई. बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान महिलाओं के साथ किए गए जुल्मों की लिस्ट लेकर आई थीं. लॉकेट चटर्जी ने कहा कि मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उस पर पूरे देश में गुस्सा है, दुख है, अब एक्शन भी हो रहा है, लेकिन क्या बंगाल की बेटियों को सिर्फ इसलिए न्याय नहीं मिलेगा क्योंकि उनके साथ जो हुआ, उसका वीडियो नहीं है? क्या उनको इसलिए इंसाफ नहीं मिलेगा क्योंकि बंगाल में ममता की सरकार है? अपनी बात कहते-कहते लॉकेट चटर्जी रोने लगीं. गौर करने वाली बात ये है कि लॉकेट चटर्जी के पास दर्जनों घटनाओं की लिस्ट थी, लेकिन FIR की कॉपी सिर्फ दो मामलों की थी. इसमें एक बीजेपी की कार्यकर्ता की तरफ से दर्ज कराई गई FIR थी. दूसरी FIR तो तृणमूल कांग्रेस की कार्यकर्ता ने दर्ज कराई थी कि उसके साथ अभद्रता हुई, उसके भी कपड़े फाड़े गए. हैरानी की बात ये है कि जो दो FIR दर्ज हुई, उनमें भी पुलिस को कुछ नहीं मिला. पुलिस ने कह दिया कि इस तरह की कोई घटना नहीं हुई. पहली घटना 8 जुलाई को हुई. तब पंचायत चुनाव हो रहे थे. इल्जाम ये है कि हावड़ा के पांचला इलाके में वोटिंग के दौरान एक पोलिंग बूथ के अंदर बीजेपी कैंडिडेट के साथ बदसलूकी की गई, उसके कपड़े फाड़े गए और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उसे निर्वस्त्र करके घुमाया. इस घटना की शिकायत ईमेल के जरिए 13 जुलाई को की गई. पुलिस ने 14 जुलाई को FIR भी दर्ज की, लेकिन पश्चिम बंगाल के डीजीपी मनोज मालवीय ने कह दिया कि पुलिस को  जांच में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला कि महिला के साथ बदसलूकी हुई थी. डीजीपी ने कहा, पहली शिकायत घटना के पांच दिन  बाद की गई. दूसरा, पोलिंग बूथ पर सेन्ट्रल फोर्सेज भी तैनात थी, उनकी तरफ से भी इस तरह की किसी घटना की जानकारी नहीं दी गई, तीसरा, पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज चैक किया, उसमें भी कुछ नहीं मिला.चौथा, पुलिस ने आरोप लगाने वाली महिला को चिट्ठी लिखकर जानकारी देने को कहा. अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराने को कहा, लेकिन महिला ने कोई जबाव नहीं दिया, इसलिए साफ है कि मामला गड़बड़ है.

डीजीपी साहब बड़े अफसर हैं, नियम कानून और हालात सब जानते हैं. पांच दिन के बाद FIR पुलिस ने दर्ज की नहीं, करनी पड़ी क्योंकि ऑनलाइन शिकायत की गई थी. इसलिए FIR दर्ज करना पुलिस की मजबूरी थी. दूसरी बात पुलिस कह रही है कि आरोप लगाने वाली महिला को बयान दर्ज कराने की चिट्ठी भेजी गई थी, लेकिन  वो नहीं आई, ये बात भी गलत है. पुलिस ने चिट्ठी भेजकर अपना फर्ज पूरा कर लिया, महिला डरी हुई थी, पुलिस पर भी उसे भरोसा नहीं था, इसलिए वो थाने नहीं गई, लेकिन अब मणिपुर में महिलाओं के साथ अत्याचार पर जिस तरह से पूरे देश ने पीड़ित महिलाओं का समर्थन किया, तो अब ये महिला भी हिम्मत करके सामने आई है. उसने कैमरे के सामने 8 जुलाई को उसके साथ हुए जुल्म की पूरी दास्तां बताई. ये महिला गरीब परिवार से है, एक झोपड़ी नुमा घर में रहती है. पंचायत चुनाव में बीजेपी ने उसे उम्मीदवार बनाया था, इसलिए वो 8 जुलाई को पोलिंग बूथ में गई थी. उसी वक्त तृणमूल कांग्रेस के लोग आए और उसके साथ मारपीट शुरू कर दी, उसके बाल पकड़कर घसीटा गया. इसके बाद उसके कपड़े फाड़ दिए गए. महिला किसी तरह जान बचाकर उसी हालत में घऱ पहुंची….तो तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने उसके घर पर भी धावा बोला, घर में तोड़फोड़ की और धमकी दी कि अगर वो पुलिस के पास गई तो परिवार का कोई सदस्य जिंदा नहीं बचेगा. डीजीपी ने कह दिया कि महिला के आरोप गलत हैं क्योंकि उसने बयान ही दर्ज नहीं कराए और सीसीटीवी फुटेज से घटना का कोई सबूत नहीं मिला. हकीकत ये है कि 8 जुलाई को तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता हावड़ा जिले में पांचला इलाके के पोलिंग बूथ में जबरन घुसे थे. इसकी तस्वीरें तो हमारे पास हैं..चूंकि रिपोर्टर्स को पोलिंग बूथ के अंदर जाने की इजाजत तो होती नहीं इसलिए बूथ के अंदर जाकर तृणमूल कार्यकर्ताओं ने क्या किया, इसकी तस्वीरें नहीं हैं. जो लोग पोलिंग बूथ के भीतर घुसते दिख रहे हैं, वो उग्र थे, नारेबाजी कर रहे थे, ऐसा लग रहा है कि किसी पर हमले के इरादे से ही भीतर घुसे थे. इसी तरह एक और वीडियो आया है. 11 जुलाई को मतगणना थी, बीजेपी की एक महिला उम्मीदवार केन्द्रीय मंत्री निशीथ प्रमाणिक के पैरों में लिपट कर रोती हुई दिख रही है. उस दिन इस महिला के साथ भी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मारपीट की थी, धमकी दी थी. वो चुनाव हार गई लेकिन इसके बावजूद तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उसके साथ इसलिए बदसलूकी और मारपीट की कि वो बीजेपी का समर्थन क्यों कर रही है. यह महिला इतनी डर गई कि जब निशीथ प्रमाणिक उस इलाके में पहुंचे तो पैर पकड़ कर रोने लगी, कहा कि मुझे बचा लो अब तृणमूल वाले मुझे छोड़ेंगे नहीं, वो धमकी देकर गए हैं. मंत्री के कदमों में गिरकर रो रही ये महिला कूच बिहार की रहने वाली है.

RELATED POSTS

बिहार का ‘जंगलराज’ क‍िसे पहुंचाएगा नुकसान?

ओडिशा स्टूडेंट डेथ केस- कांग्रेस सहित 8 पार्टियों का प्रदर्शन

शुक्रवार को कोलकाता में ममता बनर्जी अपनी पार्टी की शहीद रैली को संबोधित कर रही थीं. वहां ममता ने बीजेपी के आरोपों को नाटक बताकर खारिज कर दिया. ममता ने कहा कि बीजेपी ड्रामा कर रही है, जानबूझकर बंगाल को बदनाम कर रही है, ये सब बीजेपी की साजिश है क्योंकि बीजेपी चाहती है कि किसी तरह बंगाल में राष्ट्रपति शासन लग जाए. नोट करने वाली बात ये है कि 21 जुलाई 1993 को वाम मोर्चा के शासन के दौरान कांग्रेस की एक रैली पर पुलिस ने फायरिंग की थी जिसमें 13 कांग्रेसी कार्यकर्ता मारे गए थे. ममता तब कांग्रेस में थी और तब से वो 21 जुलाई को शहीद दिवस मनाती हैं. ममता ने कहा कि मणिपुर से ध्यान हटाने के लिए बीजेपी बंगाल के मामले उठा रही है. किसी निर्दोष महिला को निर्वस्त्र किया जाए, उसकी परेड निकाली जाए,  उसके साथ ज़ुल्म हो, ये किसी भी समाज में हो, किसी भी राज्य में हो,  उतनी ही पीड़ा देता है, समाज को उतना ही शर्मसार करता है. महिला के साथ वहशीपन, मणिपुर में हो या बंगाल में,  शर्मनाक तो दोनों हैं. मणिपुर में जो हुआ उसकी निंदा सबने की है, करनी भी चाहिए. वहां टकराव दो समुदायों के बीच है,  लेकिन बंगाल में जो हुआ, वो राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच हुई जंग का नतीजा है. वह तृणमूल कांग्रेस के लोगों द्वारा चुनाव में विरोधियों को डराने धमकाने केलिए किया गया. अगर किसी घटना का वीडियो नहीं बना, तस्वीरें नहीं खिंचीं तो उसकी बर्बरता कम नहीं हो जाती.  इस त्रासदी को, इस ज़ुल्म को ममता बनर्जी से ज़्यादा कौन समझ सकता है?  वो तो CPM की गुंडागर्दी के ख़िलाफ़ लड़कर इतनी बड़ी नेता बनीं,  उन्होंने बड़ी हिम्मत के साथ कम्युनिस्टों के अत्याचारों का सामना किया, उनसे लोहा लिया.  अब एक्शन लेने से पहले उनके हाथ इसलिए नहीं रुकने चाहिए कि अपराध करने वाले ममता की पार्टी के कार्यकर्ता हैं.  अब इस बारे में खुलकर बोलने से ममता को सिर्फ़ इसलिए नहीं रुक जाना चाहिए कि इस बार महिला को निर्वस्त्र करने वाले, उसकी परेड करने वाले उनकी पार्टी को चुनाव जिताने के लिए ये सब कर रहे थे. चाहे बिरेन सिंह हों या ममता बनर्जी हों, मैं दोनों को याद दिलाना चाहता हूं, दोनों से कहना चाहता हूं, ” तू इधर उधर की न बात कर, ये बता काफिला क्यों लुटा,  मुझे रहजनों से गिला नहीं, तेरी रहबरी का सवाल है.”

 

  • Facebook
  • X
  • WhatsApp
  • Telegram
  • Email
  • Print
  • Copy Link
UB India News

UB India News

Related Posts

‘डीके टैक्स’ से बिहार की राजनीति में उबाल !

बिहार का ‘जंगलराज’ क‍िसे पहुंचाएगा नुकसान?

by UB India News
July 18, 2025
0

बिहार में हर दूसरे दिन हत्या. बीच बाजार में फायरिंग. अस्पताल के अंदर गैंगस्टर को गोली मार दी जाती है,...

ओडिशा स्टूडेंट डेथ केस- कांग्रेस सहित 8 पार्टियों का प्रदर्शन

ओडिशा स्टूडेंट डेथ केस- कांग्रेस सहित 8 पार्टियों का प्रदर्शन

by UB India News
July 18, 2025
0

ओडिशा में सेक्शुअल हैरेसमेंट की शिकार छात्रा की मौत को लेकर विपक्ष ने गुरुवार को ओडिशा बंद बुलाया। प्रदर्शनकारियों ने...

बीमार क्या हुए की राजनीतिक उठापटक की कहानी शुरू…….

किस द्वंद्व में फंसे हैं नीतीश कुमार?

by UB India News
July 17, 2025
0

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया कि 1 अगस्त 2025 से राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को 125...

डोनाल्ड ट्रंप आज लेंगे अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ , शपथ ग्रहण से पहले ट्रम्प का विक्ट्री भाषण

अमेरिका बन रहा दुनिया की नजरों में खलनायक! ट्रंप के आने के बाद बिगड़ रही छवि

by UB India News
July 17, 2025
0

दुनिया भर के कई देशों में चीन और उसके नेता शी जिनपिंग के प्रति दृष्टिकोण में सुधार हो रहा है,...

डच लेखक ने नेहरू, मनमोहन और मोदी के योगदान को रेखांकित किया……………….

डच लेखक ने नेहरू, मनमोहन और मोदी के योगदान को रेखांकित किया……………….

by UB India News
July 16, 2025
0

डच लेखक और भविष्यवादी एडजेडज बाकास ने हाल ही में मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान भारत की प्रगति पर...

Next Post
महिलाओं पर ज़ुल्म के मामले में पार्टियां ‘तेरा-मेरा’ ना करें

महिलाओं पर ज़ुल्म के मामले में पार्टियां 'तेरा-मेरा' ना करें

इंसाफ मिलने में देरी क्यों?

इंसाफ मिलने में देरी क्यों?

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © 2025 ubindianews.com All Rights Reserved

MADE WITH ❤ BY AMBITSOLUTIONS.CO.IN

No Result
View All Result
  • front
  • Home

© 2020 ubindianews.com - All Rights Reserved ||

Send this to a friend