भगवान भोलेनाथ को सावन का महीना अति प्रिय है. यही वजह है कि देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर में सावन के महीने में 108 किलोमीटर की कावड़ यात्रा करके श्रद्धालु सुल्तानगंज से जल लेकर बाबा पर जल अर्पण करते हैं. वहीं आज सावन की तीसरी सोमवारी और बंगला सावन की पहली सोमवारी है. इसी के साथ ही मलमास की भी आज पहली सोमवारी है.
तीसरी सोमवारी पर उठा आस्था का जनसैलाब
हालांकि कुछ दिनों से बाबा बैद्यनाथ मंदिर में भीड़ की कमी देखी गई थी, लेकिन सोमवारी होने की वजह से आज आस्था का जनसैलाब देवनगरी देवघर में देखने को मिला. मंदिर के पुरोहित दुर्गा प्रसाद पंडित बताते हैं कि सावन में ही समुद्र मंथन हुआ था और समुद्र मंथन के दौरान हलाहल विष निकला था. जिसको शिवजी ने अपने अंदर ग्रहण किया था और हलाहल विष के कारण उनका कंठ काफी जलने लगा था, जिसके बाद देवी देवताओं के द्वारा उन्हें जल अर्पण किया गया था और बेलपत्र चढ़ाया गया था, इसलिए सावन के महीने में और खासकर सोमवारी को बाबा भोलेनाथ को गंगाजल और बेलपत्र चढ़ाने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.
वर्षो से चली आ रही मोटा अनाज चढ़ाने की परंपरा
वहीं अधिक मास और मलमास लगने की वजह से मलमास के दौरान यूपी, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश के कांवरिया अधिक संख्या में यहां पर पहुंच रहे हैं और बाबा को गंगाजल और बेलपत्र के साथ मोटे अनाज का भी भोग लगाने की परंपरा वर्षो से चली आ रही है. आज सोमवारी होने की वजह से श्रद्धालुओं की काफी भीड़ भी देखी जा रही है. मंदिर का पट सुबह 3:53 में आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया, जिसके बाद कावड़िया कतारबद्ध होकर बाबा पर जलार्पण करते हुए नजर आए.
उत्तर बिहार के बाबा धाम कहे जाने वाले मुजफ्फरपुर के गरीबनाथ मंदिर में तीसरी सोमवारी पर जलाभिषेक के लिए कांवरियों का सैलाब उमड़ पड़ा। कांवरिया पहलेजा घाट से जलबोझी करके आए। हरिसभा चौक से पानी टंकी, जिला स्कूल, छोटी कल्याणी, प्रभात सिनेमा रोड होते हुए बाबा गरीबनाथ मंदिर तक पंक्तिबद्ध कांवरिया भोले बाबा के नाम का जयकारा लगाते आगे बढ़ रहे थे।
80 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया। श्रद्धालुओं ने बाबा का जयघोष करते हुए भक्ति भाव से पूजा-अर्चना की। बाबा से सुख-समृद्धि और मंगलमय जीवन की प्रार्थना की। बेलपत्र, गंगाजल, फल-फूल, भांग-धतूरा आदि का शिवलिंग पर अरघा के माध्यम से अर्पण किया। पूरा क्षेत्र और मंदिर परिसर हर-हर महादेव और बोल बम के जयघोष से गुंजायमान हो गया।
मंदिर के प्रधान पुजारी विनय पाठक ने बताया कि अधिकमास के सावन में मेरे जीवन का पहला सोमवारी है, जिसमें इतना कांवरिया आए हैं। आज तक ऐसा नहीं हुआ था। श्रद्धालुओं और कांवरियों में भ्रांतियां खत्म हो रहा है। इतनी बड़ी संख्या में अधिकमास में भी जलाप्रण हो रहा है। ये हम सनातनियों और हिंदू धर्म के लिए बड़ी उपलब्धि है।
एसडीओ पूर्वी ने बताया कि वो फकुली से मंदिर तक लगातार दौरा कर रहे हैं। कहीं कोई किसी तरह की परेशानी नहीं है। हर जगह विधि व्यवस्था ठीक है। कांवरिया आराम से जलार्पण कर रहे हैं।
डाक बम कांवरियों के लिए विशेष सुविधा
बाबा गरीबनाथ मंदिर से 100 मीटर पहले माखन साह चौक से कांवरियों को नियंत्रित और पंक्तिबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है। डाक बम लेकर आने वाले कांवरियों को हरिसभा चौक से सीधे साहू रोड होते हुए मंदिर मार्ग में प्रवेश कराया जा रहा है। उन्हें रास्ते में किसी तरह की बाधा नहीं हो, इसका विशेष ख्याल रखा जा रहा है। आधी रात के बाद से जलाभिषेक के लिए कांवरियों की भीड़ बढ़ती गई। सुबह तक लगातार कांवरियों का ताता लगा रहा।
59 दिनों का होगा सावन
अधिकमास पड़ने के कारण इस बार सावन 59 दिनों का होगा। ऐसा संयोग 19 वर्षों के बाद आया है। दो महीने में आठ सोमवार पड़ेंगे। सावन 31 अगस्त तक रहेगा। पहला सोमवार 10 जुलाई को और अंतिम सोमवार 28 अगस्त को होगा। इस साल रक्षाबंधन 31 अगस्त को पड़ेगा। इस महीने शिवलिंग का जलाभिषेक करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। सावन में रुद्राभिषेक, रामार्चा पूजन, रामचरित मानस पाठ, रामधुन कीर्तन और हवन यज्ञ करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। अधिकमास के कारण इस बार चातुर्मास चार महीने की बजाय पांच महीने का होगा।
इस सावन के आठ सोमवारी
पहला सोमवार 10 जुलाई, दूसरा सोमवार 17 जुलाई, तीसरा सोमवार 24 जुलाई, चौथा सोमवार 31 जुलाई, पांचवां सोमवार 7 अगस्त, छठा सोमवार 14 अगस्त, सातवां सोमवार 21 अगस्त, आठवां सोमवार 28 अगस्त