लोकसभा चुनाव 2024 के महामुकाबले का मंच तैयार हो चुका है. 18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी दलों ने महाबैठक की, जिसमें देश भर से 26 राजनीतिक दल एक साथ आए. इस बैठक में एनडीए का मुकाबला करने के लिए एक नया मोर्चा बना, जिसे I.N.D.I.A. नाम दिया गया है, जिसका मतलब है- इंडियन नेशनल डेवेलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस. बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के विरोध में बने इस मोर्चे में कई ऐसे दल भी हैं, जो कभी खुद उसी NDA का हिस्सा रहे हैं. आइए इन दलों के बारे में जानते हैं.
जनता दल (यूनाइटेट)- विपक्षी दलों की पहली बैठक पटना में नीतीश कुमार के बुलावे पर हुई थी. नीतीश कुमार, एनडीए के शुरुआती सहयोगी रहे हैं. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रहने से लेकर बिहार के मुख्यमंत्री तक, नीतीश कुमार की जेडीयू लगातार एनडीए के साथ रही. पहली बार दोनों दलों के बीच दरार आई, जब बीजेपी ने 2014 के आम चुनाव के लिए नरेंद्र मोदी को पीएम कैंडिडेट घोषित किया. जेडीयू गठबंधन से अलग हो गई. बाद में नीतीश कुमार एनडीए में अंदर-बाहर होते रहे. फिलहाल वे अब विपक्ष का प्रमुख हिस्सा हैं.
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)- महाराष्ट्र की राजनीति में प्रमुख भूमिका निभाने वाली शिवसेना बाला साहेब वैचारिक रूप से भी बीजेपी के करीब रही थी. पार्टी के संस्थापक बाला साहेब के समय से ही बीजेपी के साथ शिवसेना के रिश्ते अच्छे रहे, लेकिन 2019 में महाराष्ट्र के सीएम की कुर्सी को लेकर दोनों पार्टियां अलग हो गईं. बीते साल शिवसेना में टूट के बाद शिवसेना का शिंदे गुट तो एनडीए के साथ है जबकि उद्धव ठाकरे का गुट विपक्षी गठबंधन का हिस्सा है.
तृणमूल कांग्रेस- ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी भी एनडीए का हिस्सा रह चुकी है. ममता बनर्जी अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में रेल मंत्री रह चुकी हैं. बाद में वे एनडीए से अलग हो गईं और यूपीए का हिस्सा भी बनीं, लेकिन वहां भी उन्होंने अलग राह ली. अब एक बार फिर वे विपक्ष के साथ हैं.
द्रमुक मुनेत्र कड़गम- तमिलनाडु की राजनीति में प्रमुख भूमिका रखने वाली डीएमके भी एनडीए का हिस्सा रही है. करुणानिधि के जमाने में डीएमके एनडीए सरकार का हिस्सा रही है.
राष्ट्रीय लोक दल- चौधरी अजित सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोक दल भी अटल बिहाली वाजपेयी की सरकार का हिस्सा रही है. अजित चौधरी खुद मंत्री भी रहे हैं. बाद में वे यूपीए के साथ चले गए थे. अब पार्टी की जिम्मेदारी उनके बेटे जयंत चौधरी के कंधे पर है. जयंत चौधरी भी बेंगलुरु की बैठक में शामिल हुए थे.
झारखंड मुक्ति मोर्चा- शिबू सोरेन के नेतृत्व वाला झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) भी एनडीए का हिस्सा रहा है. इस समय झारखंड में जेएमएम, कांग्रेस के साथ सरकार में है और 2024 के लिए बने गठबंधन का भी हिस्सा है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी- जम्मू कश्मीर की राजनीति की दो प्रमुख और एक दूसरे की विरोधी ये दोनों पार्टियां विपक्ष के गठबंधन का हिस्सा रही हैं. खास बात ये है कि दोनों पार्टियां पूर्व में एनडीए के साथ रह चुकी हैं.
विपक्षी दलों की बैठक में ये दल हुए शामिल
1. कांग्रेस 2. आम आदमी पार्टी 3. डीएमके 4. तृणमूल कांग्रेस 5. जेडीयू 6. आरजेडी 7. झारखंड मुक्ति मोर्चा 8. समाजवादी पार्टी 9. एनसीपी (शरद पवार गुट) 10. शिव सेना (उद्धव ठाकरे गुट) 11. सीपीएम 12. सीपीआई 13. सीपीआई एमएल 14. नेशनल कांफ्रेंस 15. पीडीपी 16. आरएलडी 17. अपना दल (के) 18. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग 19. केरल कांग्रेस (जोसेफ) 20. केरल कांग्रेस (मणि) 21. आरएसपी 22. एमडीएमके 23. केडीएमके 24. वीसीके 25. एमएमके 26. फॉरवर्ड ब्लॉक