लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी का किला भेदने के लिए एकजुट हुई विपक्षी पार्टियां ( Bengaluru Opposition Meeting ) आज कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक बार फिर इकट्ठा हो रही हैं. यहां विपक्षी पार्टियों की दो दिवसीय बैठक होनी है. लेकिन संयुक्त विपक्षी दलों की बैठक से पहले खबर आई है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के चीफ शरद पवार आज इस मीटिंग में शामिल नहीं होंगे. आपको बता दें कि शरद पवार इससे पहले पटना में 23 जून को हुई विपक्षी पार्टियों की मीटिंग में शामिल हुए थे.
NCP प्रवक्ता ने क्या दिया बयान
बेंगलुरु की विपक्षी दलों की बैठक में आज शरद पवार क्यों शामिल नहीं हो रहे हैं, एनसीपी ने इसकी कोई वजह तो नहीं बताई है. लेकिन बताया है कि शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले कल विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होंगे. एनसीपी के प्रवक्ता महेश तापसे ने ट्वीट में बताया कि पार्टी चीफ और सुप्रिया सुले कल यानी 18 जुलाई को बैठक में शामिल होंगे.
इस बार कांग्रेस कर रही अगुवाई
आपको बता दें कि पिछली बार 23 जून को पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक की अगुवाई बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने की थी, लेकिन इस बार इस बैठक के केंद्र में कांग्रेस रहेगी. क्योंकि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है, इसलिए बैठक भी बेंगलुरु में ही आयोजित की गई है. खास बात यह है कि पिछली बैठक में कांग्रेस की और से जहां राहुल गांधी शामिल हुई थे, वहीं इस बार मीटिंग की कमान सोनिया गांधी थामी हैं. मैसेज क्लियर है कि विपक्षी पार्टियों के इस गठबंधन की अगुवाई कांग्रेस ही करेगी और चेहरे के रूप में राहुल गांधी आगे होंगे.
बैठक में शामिल होने के लिए 26 दलों के भेजा न्यौता
सोनिया के इस मीटिंग में शामिल होने की एक वजह यह भी मानी जा रही है कि उनको गठबंधन के सफल नेतृत्व का लंबा अनुभव है. 2004 में कई पार्टियों को शामिल कर बनाए गए संयुक्त प्रगतिशील गठबंध ( सप्रंग ) का उन्होंने दस सालों तक सफलतापूर्वक नेतृत्व किया था. इसके साथ ही ममता बनर्जी समेत कुछ नेता ऐसे भी हैं, जिनकी ट्यूनिंग राहुल से मेल नहीं खाती लेकिन उनको सोनिया गांधी के साथ खड़े होने में कोई परहेज नहीं है. कांग्रेस द्वारा बेंगलुरु में बुलाई गई बैठक के लिए 25 दलों को आमंत्रित किया गया है.
इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
बेगंलुरु में होने जा रही विपक्षी पार्टियों के इस बैठक की बात करें तो आज कई बड़े मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. जिनमें 2024 लोकसभा चुनाव की रणनीति, गठबंधन का संयोजक, सीट मैनेजमेंट और न्यूनतम साक्षा कार्यक्रम आदि शामिल हैं.