पिछले तीन साल से कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) की मार झेल रही दुनिया के सामने जल्द ही एक और बड़ा संकट आने वाला है। दुनिया को एक नई महामारी का सामना करना पड़ सकता है जोकि कोविड से ज्यादा खतरनाक होगी। यह चेतावनी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन
(WHO) के चीफ डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने हाल ही में जिनेवा में हुई वर्ल्ड हेल्थ असेंबली की मीटिंग में दी है।
टेड्रोस ने कहा, ‘एक और महामारी कभी भी आ सकती है जिससे भयंकर बीमारी फैल सकती और भारी संख्या में लोगों की मौत हो सकती है। हमें इसका सामना करने के लिए सामूहिक रूप से तैयार रहना चाहिए। बेशक दुनिया भर में कोविड का प्रकोप कम हुआ है लेकिन अभी भी एक अन्य प्रकार की महामारी की संभावना बनी हुई है। इससे मरीजों और मौतों की संख्या में काफी इजाफा होगा।
डब्ल्यूएचओ ने कुछ ऐसे संक्रामक रोगों की पहचान की है, जो अगली महामारी का कारण बन सकते हैं। इन बीमारियों में इबोला वायरस, मारबर्ग, मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम, सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम, कोविड-19, जीका और शायद सबसे भयानक डिजीज एक्स (Disease X) है। चलिए जानते हैं कि यह क्या बला है।
nypost की एक रिपोर्ट (Ref) के अनुसार, डिजीज एक्स एक टर्म है जिसका इस्तेमाल डब्ल्यूएचओ द्वारा प्लेसहोल्डर के रूप में एक ऐसी बीमारी का वर्णन करने के लिए किया जाता है जो मानव संक्रमण के कारण पैदा होता है और मेडिकल साइंस के लिए अज्ञात है। इसे आसान भाषा में ऐसे समझें-डिजीज एक्स एक ऐसा टर्म है जिसका इस्तेमाल ऐसे बीमारी या संक्रमण के लिए किया जाता है जिसके बारे में मौजूदा हालात में किसी को नहीं पता होता है। उदारहरण के लिए WHO ने डिजीज एक्स का पहली बार साल 2018 में इस्तेमाल किया और उसके अगले साल यानी 2019 में कोरोना वायरस जैसे महामारी पैदा हो गई।
अगली महामारी पर WHO की चेतावनी
ऐसा माना जा रहा है कि डिजीज एक्स कोई वायरस, बैक्टीरिया या फंगस हो सकता है और चिंता की बात यह है कि यह जो भी हो इसके लिए कोई टीका या उपचार नहीं होगा। जाहिर है कोरोना वायरस के मामले में भी ऐसा ही था।
कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि अगला डिजीज X जूनोटिक होगा, जिसका अर्थ है कि यह जंगली या घरेलू जानवरों में पैदा होगा और फिर मनुष्यों को संक्रमित करेगा। इबोला, एचआईवी/एड्स और कोविड-19 जूनोटिक प्रकोप थे।
हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अगली महामारी किसी वायरस या बैक्टीरिया की वजह से भी फैल सकती है। यह भी माना जा रहा है कि डिजीज एक्स किसी प्रयोगशाला दुर्घटनाओं या बायोलॉजिकल अटैक की वजह से पैदा हो सकती है।
डिजीज एक्स के प्रकोप को रोकने और उसका मुकाबला करने के लिए, दुनियाभर के मेडिकल एक्सपर्ट सभी संभावित उपाय, शोध और निगरानी कर रहे हैं। कुल मिलाकर एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोविड-19 महामारी दुनिया पर कहर बरपाने वाली पहली या आखिरी बीमारी नहीं है। दुनिया को अगले प्रकोप की तैयारी करने की जरूरत है।
WHO ने कुछ संक्रमण और बीमारियों की एक लिस्ट बनाई है, जो अगली महामारी का कारण बन सकते हैं। इनमें से अप कुछ का नाम पहले से ही जानते हैं जैसे इबोला, सार्स और जीका, लेकिन इस लिस्ट में एक भयानक नाम ‘डिजीज एक्स’ है। इसके अलाव मारबर्ग वायरस, क्रीमियन-कांगो हीमोरैगिक फीवर, लस्सा फीवर, निपाह और हेनिपाविरल डिजीज, रिफ्ट वैली फीवर और मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम आदि भी शामिल हैं।
चीन में कोरोना की नई लहर आ गई है। कोरोना के XBB वैरिएंट से बचने के लिए चीन तेजी से वैक्सीन बनाने में जुट गया है। नई लहर के चलते जून के अंत तक चीन में हर हफ्ते कोरोना के साढ़े 6 करोड़ से ज्यादा मामले सामने आ सकते हैं। ग्वांगडोंग प्रांत के ग्वांगझू में चल रही 2023 ग्रेटर बे एरिया साइंस फोरम में चीन के टॉप रेस्पिरेटरी एक्सपर्ट झोंग नानशान ने ये दावा किया है।
उन्होंने बताया कि चीन इस वैरिएंट से निपटने के लिए 2 नई वैक्सीन पर काम कर रहा है। नानशान ने बताया कि XBB ओमिक्रॉन का ही एक वैरिएंट है। एक्सपर्ट्स को पहले ही अप्रैल के अंत और मई की शुरुआत में कोरोना की एक छोटी लहर आने की आशंका थी। अनुमान के मुताबिक, मई के अंत तक चीन में इस वैरिएंट की वजह से हर हफ्ते करीब 4 करोड़ केस आएंगे। इसके बाद जून में केस पीक पर होंगे।