बिहार में धीरेन्द्र शास्त्री के दरबार ने सियासत को गरम कर प्रस्थान कर चुके है. जेडी-यू और आरजेडी के नेताओं ने धीरेन्द्र शास्त्री पर हमले अब भी जारी है . बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री पांच दिन की हनुमान कथा करने के बाद पटना से चले गए. मगर, उनके जाने के बाद भी बिहार में राजनीति हो रही है. धीरेंद्र शास्त्री के चार्टर्ड प्लेन को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. वहीं, पटना एयरपोर्ट के रनवे पर भीड़ के पहुंचने को लेकर भी RJD और JDU ने सवाल कर रही है लालू यादव ने कहा कि ये कोई बाबा नहीं है, आरजेडी नेता जगदानंद सिंह ने कहा कि मदारी भी डुगडुगी बजाता है, तो भीड़ जुट जाती है इसलिए धीरेन्द्र शास्त्री के दरबार में भीड़ जुटना कौन सी बड़ी बात है. जवाब में गिरिराज सिंह ने कहा कि जो लोग जालीदार टोपी लगाकर इफ्तार पार्टियों में जाते हैं, उन्हें हनुमान कथा कहने वाला जोकर ही लगेगा. धीरेन्द्र शास्त्री को लेकर इस तरह की खूब बयानबाजी हुई. धीरेन्द्र शास्त्री की कथा से ज्यादा चर्चा उनको लेकर हुई राजनीति पर हो रही है, लेकिन धीरेन्द्र शास्त्री अपने काम में लगे हैं, और उन्हें सुनने देखने के लिए जिस तरह से लाखों की भीड़ उमड़ी है, उसे देखकर हर कोई हैरान है. दिन हो या रात, कथास्थल हो या बाबा का होटल, पटना में चारों तरफ सिर्फ बाबा के भक्तों की भीड़ दिख रही है, ट्रैफिक जाम है. भयानक गर्मी में लोग बाबा की एक झलक पाने के इंतजार में कई कई घंटों से सड़क पर खड़े हैं.
लालू यादव के बेटे और बिहार सरकार में मंत्री तेजप्रताप यादव ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री बिहार के लोगों को गाली दे रहे हैं, सबको पागल कह रहे हैं, उनके प्रोग्राम में लोगों की तबीयत खराब हो रही है, ऐसा इंसान कोई बाबा नहीं हो सकता. तेजप्रताप ने कहा कि बिहार में आकर बिहारियों को गाली देने वालों को हमेशा याद रखना चाहिए कि गाली देने वालों पर श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र चलाया था. गिरिराज सिंह को जवाब देने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देरी नहीं की. नीतीश कुमार से जब ये पूछा गया कि बाबा के दरबार से भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कही जा रही है, तो नीतीश ने कहा कि ये फिजूल की बातें हैं, वो इस पर ध्यान भी नहीं देते. एक बात नोट करने वाली है. तेजप्रताप यादव ने पहले धमकी दी थी कि वो धीरेन्द्र शास्त्री को बिहार में घुसने नहीं देंगे लेकिन जब धीरेन्द्र शास्त्री की कथा के पंडाल लगे, उनके पहुंचने से पहले ही लाखों की संख्या में भक्त पहुंच गए , तो लोगों की तादाद देखकर तेजप्रताप खामोश हो गए. लेकिन आरजेडी के एक नेता ने उन्हें मदारी कह दिया, जेडीयू के नेताओं ने भी कटाक्ष किए .
मुझे हैरानी है जिस व्यक्ति के लिए लाखों लोग पहुंचे, दिन हो या रात, मैदान हो या होटल, लोगों की ऐसी दीवानगी दिखाई दी, भारी गर्मी में बिना सुविधाओं के लोग बागेश्वर धाम के बाबा के लिए पहुंचे, जब किसी के पास इतना जन समर्थन हो , तो उसका विरोध करने की क्या जरूरत? धीरेंद्र शास्त्री का विरोध इसलिए किया जा रहा है कि उनकी कथा में मंच पर बीजेपी के बड़े-बड़े नेता पहुंचे? क्या सिर्फ इसलिए आरोप लगाया गया कि बीजेपी माहौल खराब करने के लिए धार्मिक उन्माद पैदा करने के लिए धीरेन्द्र शास्त्री को बिहार लाई है? इससे ज्यादा समझदारी तो मध्यप्रदेश में नेताओं ने दिखाई थी,जहां शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ दोनों बागेश्वर धाम पहुंचे थे.