बिहार में धीरेंद्र शास्त्री की हनुमंत कथा का रंग ऐसा चढ़ा कि कोई मीरा तो कोई श्याम बन गया। बाबा के भजन ने लोगों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। जिस उम्र में सहारे की जरूरत होती है, उस उम्र में जमकर डांस किया। भक्ति रस में डूबे श्रद्धालु 5 दिनों तक जमकर झूमे। महिलाएं हो या पुरुष हर कोई भक्ति की गंगा में बहकर अपना सुध बुध खोता दिखा।
बागेश्वर सरकार पंडि़त धीरेन्द्र शास्त्री का पांच दिवसीय हनुमंत कथा संपन्न हो गयी। कथा के समापन्न के दिन बाबा बागेश्वर ने बिहार के समृद्धि की कामना किया। उन्होंने कहा कि बिहार के पागलों तुम्हारे जिंदगी में संकट है तो हमारे पास संकटमोचन हैं। बिहार के लोगों में जो क्षमता है वहीं किसी और में नहीं है। आप सभी प्रेम सद्भाव और शांति से रहें। सभी हिन्दु एकजुट हों‚ मै पुरे बिहार के लोगों की तरक्की की कामना करता हूं। बिहार के लोग पिछड़े़ और बिछड़े़ नहीं है सभी एक है। उन्होंने साथ ही कहा कि जो जिन लोगों ने कथा का विरोध किया उनसे उलझना नहीं है। उनका किसी तरह से प्रतिकार नहीं करना है। सिर्फ सभी हिन्दुओं को हिन्दु राष्ट्र के संकल्प को मजबत करना है। बाबा के कथा में पांच दिनों तक लोगों का रेला उमड़़ा रहा। बाबा ने जाते–जाते सभी के जीवन में खुशहाली की कामना किया। उन्होंने कहा कि बिहार में अब आना–जाना लगा रहेगा और यह तबतक चलेगा जबतक हिन्दु राष्ट्र की घोषणा नहीं हो जाती। समापन में बाबा ने भक्ति गीत गाकर लोगों का दिल जीत लिया।
बुधवार को नौबतपुर के तरेत स्थान में आयोजित हनुमंत कथा का अंतिम और पांचवा दिन था। सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड पंडित धीरेंद्र शास्त्री का इंतजार कर रहे थे। हर कोई किसी सूरत में पंडित धीरेंद्र शास्त्री का दीदार करना चाहता था। क्या धूप‚ गर्मी श्रद्धालुओं पर सब बेअसर था। दोपहर के करीब २ बजकर ३० मिनट पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री का मंच पर आगमन हुआ। पूरा पंडाल जय श्री राम के उदघोष से गूंज उठा। नित्य दिन की तरह ही पंडित धीरेंद्र शास्त्री की आरती के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। उसके बाद पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने राजाराम सीताराम‚ सीताराम राजाराम भजन से शुरू किया। उन्होंने कहा कि बिहार की पावन धरा पटना‚ पटना की पावन धरा नौबतपुर एवं नौबतपुर की पावन धरा तरेत स्थान को प्रणाम करता हूं। हमारे देश मे जाति वाद की जो खाई है उसे समाप्त कर दो। हम सब सनातनी हिन्दू है। हनुमान जी का चरित्र वर्तमान समय मे सभी लोगों के लिये आवश्यक है। क्योंकि उनका चरित्र हमें सब कुछ सिखाता है। कहा कि इत्र से कपडा महकाना कोई बडी बात नहीं है। बाजार से इत्र ले आओ और कपडे पर डाल लो। मजा तो तब है जब अपने चरित्र से खुशबू लाये। आते वक्त रास्ते में पोस्टर फाडने की जानकारी मिली। मैं वैसे लोगों को कहना चाहता हूं कि पोस्टर फाड सकते हो‚ कागज से हमे निकाल सकते हो लेकिन जो बिहार के लोगों के हृदय में बसा हो उसे कैसे निकालोगे। उन्होंने कहा कि जब तक हमारे तन में प्राण में है हम बिहार आते रहेंगे। लाख तूफान आये जाए कोई परवाह नहीं‚ हम आते रहेंगे। अंतिम दिन फिर तिलक लगाने एवं घर पर ध्वजारोहण की बात दोहराई। अंतिम दिन धीरेंद्र शास्त्री पूरे भोजपुरी रंग में रंगे थे। श्रद्धालुओं से पूछा का हाल बा हो‚ रउआ ठीक बानी‚ सब ठीक बा‚ जुग जग जिय। उन्होंने कहा कि सब भूत भाग गए क्योंकि यहां सब हनुमान के दूत बैठे हैं। युवाओं को देखकर भोजपुरी गीत भी गए– हमरा जनात बबुआ‚ जीएम होइए‚ न न डी एम होइय हो‚ न न ललना हिन्द के सितारा या तो सीएम उपर पीएम होइहे हो। कर्म प्रधान विश्व करी राखा‚ जो जस करइ सो तसु फल चाखा‚ जो जैसा कर्म करता है उसे वैसा ही फल भोगना पडता है। आपलोग जिस दिन बिहार की पांच करोड की आबादी तिलक लगाकर ऑफिस में‚ टेम्पो पर सब जगह निकलने लगे‚ तो समझ जाएंगे बिहार में बहार आ गया।
हनुमंत कथा के आखिरी दिन सुनाया भोजपुरी गाना, बीच-बीच में बुंदेलखंड़ी भी जोड़ी; झूमे लोग
पटना के तरेत पाली मठ में बागेश्वरी धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री की हनुमंत कथा का बुधवार को आखिरी दिन रहा। कथा के पांचवें दिन धीरेंद्र धास्त्री ने मंच से भोजपुरी गाना गाया। धीरेंद्र शास्त्री ने जब अपने अंदाज में हमरा जनाता बबुआ जीएम होई हैं ना ना ललना डीएम होई हैं हो…. ये ललना 3 हिंद के सितारा इ ता सीएम होई हैं ओसे उपरा पीएम होई हैं हो…। इस गाने को गया तो लोग झूम उठे। उन्होंने ये पूरा गाना भक्तों को सुनाया। गाने के बीच-बीच में धीरेंद्र शास्त्री बुंदेलखंडी भी जोड़ते रहे।
ये गाना काफी वायरल भी हो चुका है। इस गाने पर कई लोगों ने रील्स बनाकर फेसबुक और इंस्टा पर डाली है।
धीरेंद्र शास्त्री ने इस गाने को गाया
अइसन मनोहर मंगल मूरत सुहावन सुंदर सूरत होये
राजाजी ये करे ता रहलबा जरूरत मुहूरत खूबसूरत हो
अइसन मनोहर मंगल मूरत सुहावन सुंदर सूरत हो
ये राजाजी ये करे ता रहलबा जरूरत मुहूरत खूबसूरत हो
हमरा जनात बबुआ जीएम होई हैं ना ना ललना डीएम होई हैं हो
ये ललना 3 हिंद के सितारा इ ता सी एम होई हैं ओसे उपरा पीएम होई हैं हो
होई हैं वाईस चांसलर यूनिवर्सिटी के मेयर लंदन सिटी के नु हो
ये ललना3 होम सेकेट्री गौरमेंट्री के ता हीरा अपना मिट्टी के नु हो
बबुआ हमार महाराज होई हैं राजाधिराज होई हैं हो
ये ललना धातु में हीरा पुखराज होई हैं सिरवा के ताज होई हैं हो
मुनिबाबा अइसन ज्ञानी होई हैं राजाजी अइसन दानी होई हैं हो
ये ललना अखिल भूमंडल राजधानी होई हैं ता प्रेयस खानदानी होई हैं हो
बुधवार को हुआ हनुमंत कथा का समापन
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री की पांच दिवसीय हनुमंत कथा का बुधवार को समापन हो गया। अंतिम दिन धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए माला और भाला जरूरी है। जब तक शरीर में प्राण रहेगा, बिहार आते रहेंगे।
इधर, बाबा के जाते ही भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। मंच पर लोग टूट पड़े। कोई मंच पर लगे गमले से मिट्टी,तो कोई फूल-पत्ते लेकर भागने लगा।
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, हनुमान जी हैं शास्त्र और अंगद जी है शस्त्र। हमें सनातन धर्म में शास्त्र और शस्त्र दोनों की जरूरत है। पूछो क्यों? शास्त्र और शस्त्र दोनों में ज्यादा अंतर नहीं है। एक डंडा निकाला तो शास्त्र भी शस्त्र बन जाता है, लेकिन सनातन धर्म की रक्षा के लिए माला और भाला दोनों होना जरूरी है।
पटना के नौबतपुर स्थित तरेत पाली मठ में कथा सुनने लाखों लोग पहुंचे। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि आज मुझसे कोई पूछ रहा था कि बाबा आपका पोस्टर फाड़ा जा रहा है। मैंने कहा- पोस्टर तो फाड़ा जा सकता है, लेकिन लोगों के दिल से कैसे निकालोगे।
कथा के समापन पर धीरेंद्र शास्त्री ने शायरी सुनाई। कहा- सितारों को आंखों में महफूज रखना…क्योंकि बहुत देर तक रात ही रात होगी, मुसाफिर हो तुम भी…मुसाफिर हैं हम भी, बालाजी ने चाहा तो किसी मोड़ पर फिर मुलाकात होगी।
बाबा कथा स्थल से सीधे पटना एयरपोर्ट पहुंचे। यहां चार्टर्ड प्लेन से मध्यप्रदेश निकल गए। बाकी की सुरक्षा को देखते हुए एयरपोर्ट फोर्स बढ़ा दी गई थी। बाबा से मिलने काफी संख्या में भक्त पहुंच गए थे।
अक्षरा सिंह ने बाबा को सुनाया भजन
भोजपुरी एक्ट्रेस अक्षरा सिंह ने होटल में धीरेंद्र शास्त्री से मुलाकात की। इसका वीडियो सामने आया है। जिसमें पंडित धीरेंद्र शास्त्री के सामने बैठ कर अक्षरा भजन गा रही हैं। पास ही केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी चौबे बैठे हुए हैं।
5 दिन की कथा में बाबा की पांच बड़ी बातें
1.रामचरित मानस, गीता और पुराण का अपमान अब नहीं सहेंगे। अब संतों का अपमान नहीं होगा। भारत में रहना है तो सीता राम कहना होगा।
2. आज एक संकल्प लेकर घर जाएं। जिस दिन इस बिहार के 13 करोड़ में से 5 करोड़ लोग अपने मस्तक पर तिलक लगाकर घर से निकलेंगे, घर पर धर्म ध्वज लगा लेंगे। उस दिन हिंदू राष्ट्र का संकल्प पूरा हो जाएगा। साथ ही अपने घर के बाहर धर्म का ध्वज लगा लें।
3. भौंकने वाले भी राम नाम कहेंगे। बाबा ने कहा कि कथा का विरोध करने वाले पागलों की भी जय हो। बिहार तप की धरती है, इस धरती को राम की लहर ही बदलाव लाएगी।
4. वह हिंदू-मुस्लिम की बात नहीं करते, बल्कि हिंदू-हिंदू करते हैं। वह हिंदू को जगा रहे हैं, सनातन धर्म काे जगा रहे हैं। बिहार की धरती को फिर से तप की भूमि बना रहे हैं।
5.श्रीरामचरित मानस सबसे सुंदर ग्रंथ है। यह लोगों को सदबुद्धि देती है। सुंदर कांड तो ऐसा है, जिसमें बंदर भी सुंदर है।
24 घंटे में 10 लाख अर्जी लगी
धीरेंद्र शास्त्री ने 15 मई को दरबार लगाया था। इस दिन 10 लाख अर्जी लगाई गई। तरेत मठ में स्थापित हनुमान जी की मूर्ति के आसपास चुनरी में बंधे नारियल के ढेर लग गए। मठ के आचार्य दीपक कुमार ने बताया कि इसके लिए पांच लोगों की ड्यूटी लगाई गई थी। उनके मुताबिक एक दिन में ही 10 लाख अर्जी लगी है। इसके अलावा करीब 7 लाख अर्जी पहले लगी थी।
सितंबर में गया में लगेगा दरबार
पटना के नौबतपुर के तरेत पाली मठ के बाद धीरेंद्र शास्त्री की कथा अब गया में होगी। उन्होंने सोमवार को इसका ऐलान खुद किया। धीरेंद्र शास्त्री ने बताया कि 29 सितंबर को गया में हनुमंत कथा और दरबार लगेगा।