राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर महाबोधि मंदिर परिसर में पहुंच चुके हैं। बोधि वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध को उन्होंने पुष्प अर्पित किया। इसके बाद 2 मिनट की साधना की। उन्होंने मंदिर की एक परिक्रमा के बाद परिसर में भगवान शिव मंदिर में मंत्रोच्चारण के साथ भगवान शिव को पुष्प अर्पित किए गए।
काशी के विद्वानों ने मंत्रोच्चारण के साथ उनके पूजा पाठ कराया
कुछ देर बाद राज्यपाल चीवर दान करेंगे। चीवर दान महाबोधी सोसायटी की ओर से आयोजित किया गया इसमें बहुत वृक्षों को जीवन दान किया जाएगा जिसमें राज्यपाल प्रमुख रूप से शामिल होंगे फिलहाल राज्यपाल महाबोधि परिसर के अंदर बने रिसेप्शन हॉल में लोगों से मिल रहे हैं। इसके बाद राज्यपाल धर्म संगम की ओर से महाबोधि सोसाइटी में आयोजित सी वरदान व संघदान समारोह में भाग लेंगे। वह कुछ देर में चीवर दान व समारोह को सम्बोधित करेंगे। वहीं राज्यपाल ने कहा कि कुछ लोग भारत को विभिन्न टुकड़े में देखना चाहते हैं। लोगों के बीच भिन्नता पैदा करने लगे हैं।
ऐसे लोगों को एकता से जवाब देना है। भारत विश्व कल्याण का उद्देश्य है। हमारी संस्कृति एक है। अलग रंग हो सकते हैं। अन्तोगत्वा हम सभी एक हैं। वहीं आरएसएस के प्रमुख वक्ता इंद्रेश जी ने भारत की संस्कृति धर्म की एकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत के जितने भी धर्म पन्थ हैं उनमें अवतार की भरपूर गुंजाइश है। लेकिन यह ईसाई व मुस्लिम देशों में सम्भव नही है।समारोह को संबोधित करने के बाद राज्यपाल ने संघदान के तहत भोजन भी ग्रहण किया। इसके बाद भंते बौद्ध परपरा के अनुसार आशीर्वाद दिया।
इसके बाद महाबोधि सोसायटी संघदान करेगा। राज्यपाल के आगमन को देखते हुए बोधगया की सुरक्षा व्यवस्थाएं बढ़ा दी गई हैं। साथ ही उसे सख्त भी कर दिया गया है। राज्यपाल आर्लेकर दूसरी बार बोधगया आ रहे हैं। इससे पहले वे इसी माह बीती 5 मई को बुद्ध जयंती कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
संघदान के बाद संबोधन का कार्यक्रम होगा। राज्यपाल समारोह को संबोधित करेंगे। इसके बाद राज्यपाल बोधगया स्थित शंकराचार्य मठ जाएंगे और मठ का अवलोकन करेंगे। इस दौरान वे भगवती अन्नपूर्णा अनुष्ठान में शामिल होंगे। सनातन परंपरा के तहत काशी के ब्राह्मणों द्वारा अनुष्ठान संपन्न कराया जाएगा। इसके बाद वे मठ के अंदर स्थापित प्राचीन मूर्तियों व पुस्तकालय का अवलोकन करेंगे। मठ में राज्यपाल करीब ढाई घंटे तक रहेंगे। इस दौरान वे मठ में पढ़ने वाले बच्चों व स्थानीय लोगों से भी मुलाकात करेंगे।
इसके बाद वे पटना के लिए गया एयरपोर्ट जाएंगे। वहां से हवाई मार्ग से पटना के लिए उड़ान भरेंगे। धर्म संस्कृति संगम कार्यक्रम से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि समारोह की तैयारी पूरी कर ली गई। बस अब राज्यपाल के आगमन का इंतजार है। उनके आगमन को लेकर बोधगया में काफी उत्साह बना हुआ है। क्यों कि बीते 15 दिनों के भीतर ही राज्यपाल बोधगया दूसरी बार आ रहे हैं।