कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 224 में से 135 सीटें जीतकर बहुमत हासिल कर लिया है। BJP को 66, JD(S) को 19 और अन्य को 4 सीटें मिली हैं। रिजल्ट साफ है, पर कांग्रेस और BJP दोनों के लिए आने वाला वक्त आसान नहीं होने वाला। दो सवाल सीधे हैं, पहला BJP हारी क्यों? और दूसरा कि कांग्रेस में CM कौन होगा।
अब ये दो बयान…
1. ‘मैं चाहता हूं कि मेरा भाई CM बने।’
डीके शिवकुमार के भाई और कांग्रेस सांसद डीके सुरेश
2. ‘BJP को सत्ता से दूर रखने के लिए हम कुछ भी करेंगे। राज्य के हित में मेरे पिता को CM बनना चाहिए।’
सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र सिद्धारमैया
राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव और मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के बीच जो हुआ या हो रहा है, उससे साफ है कि कर्नाटक का फैसला भी सोनिया और राहुल गांधी के लिए आसान नहीं होगा। एक तरफ जीत के हीरो डीके शिवकुमार हैं और दूसरी तरफ सीनियर लीडर और पार्टी में दबदबे वाले सिद्धारमैया। हालांकि आज (14 मई) विधायक दल की बैठक में बहुत कुछ साफ हो जाएगा।
कल तक हो सकता है सीएम के नाम का ऐलान
कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन ने कहा, आज सीएम का एलान नहीं होगा. सीएम के नाम का ऐलान कल तक हो सकता है. खरगे सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ चर्चा करेंगे.
मल्लिकार्जुन खरगे पहुंचने वाले हैं दिल्ली
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे आज रविवार दोपहर दिल्ली पहुंच रहे हैं. वे यहां राहुल गांधी के साथ मुलाकात करेंगे. इस मुलाकात में सीएम के नाम को लेकर चर्चा हो सकती है.
कर्नाटक चुनाव के नतीजों में विजयी घोषित होने के बाद कांग्रेस ने सरकार गठन की कोशिश शुरू कर दी है. फिलहाल सीएम पद को लेकर पेंच फंसा हुआ है. पार्टी ने रविवार (14 मई) शाम 6 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है. इसमें चुने हुए विधायक अपने नेता का फैसला करेंगे यानी इस बैठक में राज्य के अगले सीएम के नाम पर मुहर लगने वाली है.
कांग्रेस में कलह के कितने आसार…
अप्रैल के पहले हफ्ते में कोलार में कांग्रेस की रैली थी। मंच पर राहुल गांधी, डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया बैठे थे। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बोलने के लिए उठे। उन्होंने कहा, ‘मै साफ करना चाहता हूं, मैं इस बात को लेकर जरा भी परेशान नहीं हूं कि कौन मुख्यमंत्री बनेगा। मेरी एक ही चिंता है कि कांग्रेस को सत्ता में वापस आना चाहिए। मुख्यमंत्री का चुनाव आलाकमान और विधायकों के फैसले से होता है। जनता के बारे में सोचें और बाकी फैसले आलाकमान पर छोड़ दें।’
पहली बार कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने चुनाव से पहले CM उम्मीदवारी को लेकर बयान दिया था। ये मैसेज डीके शिवकुमार के लिए भी था, उन्होंने तीन दिन पहले मीडिया से कहा था कि ‘मल्लिकार्जुन खड़गे सीनियर लीडर हैं, उनके अंडर में काम करने में मुझे कोई दिक्कत नही है।’ सिद्धारमैया से डीके के बयान पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि नेतृत्व का फैसला इस बात पर होगा कि विधायकों की राय क्या है।
कर्नाटक कांग्रेस में CM बनने के लिए ऐसा मुकाबला नई बात नहीं है। पार्टी ने कर्नाटक चुनाव प्रभारी सुरजेवाला को जिम्मेदारी दी थी कि डीके और सिद्धारमैया आमने-सामने न आएं। तय हुआ कि सिद्धारमैया, उत्तर, मध्य और तटीय क्षेत्रों में प्रचार करेंगे। डीके दक्षिणी जिलों और वोक्कालिगा समुदाय के वोटों पर काम करेंगे। टिकट बंटवारा भी आसान नहीं था, 15 सीटों पर देर से कैंडिडेट का ऐलान होने के पीछे यही वजह थी।
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, सिद्धारमैया के CM बनने की संभावना ज्यादा है। कांग्रेस ने करप्शन को मुद्दा बनाया और डीके पर करप्शन के आरोप हैं। इसके अलावा सिद्धारमैया पहले ही इसे अपना आखिरी इलेक्शन बता चुके हैं। ऐसे में विधायकों का इमोशनल सपोर्ट भी उनके साथ है। सूत्रों के मुताबिक, 2 साल सिद्धारमैया और बाद में डीके को CM बनाने पर भी विचार चल रहा है।
राज्य में सीएम के नाम पर फैसला होने से पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे रविवार (14 मई) की दोपहर दिल्ली पहुंच रहे हैं. यहां वे कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं. खरगे इस मुलाकात में कर्नाटक के अगले सीएम के नाम पर चर्चा कर सकते हैं. खरगे की सोनिया गांधी के साथ भी चर्चा करने की संभावना है. फिलहाल इस समय सोनिया गांधी शिमला में हैं.
कांग्रेस ने किया बेजोड़ प्रदर्शन
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे शनिवार को घोषित किए गए थे. चुनाव में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए बीजेपी को दोगुने सीटों के अंतर से धूल चटा दी है. 224 सदस्यीय राज्य विधानसभा में कांग्रेस को 135 सीटों पर जीत मिली है. सत्ताधारी बीजेपी को 66 सीटों से ही संतोष करना पड़ा, जबकि राज्य में तीसरे प्रमुख दल जनता दल (सेक्युलर) यानी जेडीएस ने खराब प्रदर्शन करते हुए सिर्फ 19 सीटें जीती हैं.
कांग्रेस के जीत के बाद अब मुख्यमंत्री पद को लेकर दो नेताओं की रेस फिर से शुरू हो गई है. पूर्व सीएम सिद्धारमैया और वर्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार, दोनों के समर्थक अपने नेता के सीएम बनने को लेकर दावा कर रहे हैं.