बिहार में साइबर क्राइम का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. प्रदेश से लगातार ऑनलाइन फ्रॉड और क्राइम की खबरें सामने आ रही है. वहीं, लगता है अब जाकर सरकार की नींद खुली है. नीतीश कैबिनेट में शु्क्रवार को 17 एजेंडों पर मुहर लगी है. इस कैबिनेट की बैठक में साइबर क्राइम पर ध्यान देते हुए बड़ा फैसला लिया गया है. सरकार ने प्रदेश के कुल 44 साइबर क्राइम थाना खोलने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही बिहार सरकार ने कृषि रोड मैप पर भी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. मतलब फिलहाल पैसे की व्यवस्था तो नहीं की गई है, लेकिन 2023-2028 तक पांच सालों में कृषि रोड मैप पर करीब 1 लाख 62 हजार 268 करोड़ रुपये खर्च करने वाली है.
कैबिनेट बैठक में 17 एजेंडों पर लगी मुहर
इसी के साथ इस कैबिनेट बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि मुंबई में बिहार भवन बनाने का फैसला लिया गया है. इसके तहत केंद्र सरकार ने मुंबई में बिहार भवन बनाने के लिए 2751 वर्ग मीटर जमीन मुहैया कराया है. इस जमीन को लीज पर ली जा रही है और करीब 160 करोड़ रुपये खर्च की मंजूरी मिली है.
जमीन रजिस्ट्री के लिए दस्तावेज लेखन की होगी नई व्यवस्था ,अब नल–जल योजना का काम पीएचईड़ी देखेगा
राज्य में पेयजल आपूर्ति का काम अब लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईड़ी) देखेगा। अब तक पेयजल आपूर्ति का जिम्मा पंचायती राज विभाग के पास था। यह फैसला शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में लिया गया। बैठक की जानकारी देते हुए मंत्रिमंड़ल सचिवालय के अधिकारी ने बताया कि पंचायतों के नियंत्रण वाले ग्रामीण वार्ड जलापूर्ति योजना के संचालन एवं रखरखाव के लिए पीएचईड़ी को हस्तांतरित किया गया है। वर्तमान में ६७३५५ वार्डों में जलापूर्ति योजना के संचालन तथा रखरखाव का जिम्मा पंचायती राज विभाग के पास था। पंचायती राज विभाग और पीएचईडी संयुक्त रूप से योजनाओं का निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करेंगे। इसके बाद पूरी तरह से चालू योजनाओं को पंचायती राज विभाग द्वारा पीएचईडी को हस्तांतरित किया जायेगा। इसके बाद बंद योजनाओं को हस्तांतरित किया जायेगा। अपूर्ण योजनाओं को पंचायती राज विभाग द्वारा चालू करने के बाद ही हस्तांतरित किया जायेगा।
राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में जमीन निबंधन के लिए दस्तावेज लेखन पर भी नई व्यवस्था की गई है। नीतीश कैबिनेट ने शुक्रवार को बिहार रजिस्ट्रीकरण (संशोधित) नियमावली– २०२३ लागू किये जाने की स्वीकृति दी है। जमीन रजिस्ट्री को लेकर सरकार ने अब एक नई व्यवस्था की गयी है। जमीन की रजिस्ट्री कराने वाले अपने दस्तावेजों को स्टाम्प पेपर पर अथवा सादा ।४ आकार की रोयाल एग्जीक्यूटिव बाउंड कागज पर विभाग द्वारा अनुमोदित मडल प्रारूप की टंकी प्रति में तैयार करेंगे। अब सरकार ने लाइसेंसी दस्तावेज लेखकों के साथ–साथ अधिवक्ता‚ वकील एवं मुख्तार को भी दस्तावेज लेखन की जिम्मेदारी दी है। आज कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को पास कर दिया। इसके तहत लाइसेंस प्राप्त दस्तावेज लेखकों के अतिरिक्त अधिवक्ता‚ वकील एवं मुख्तार के द्वारा दस्तावेज विभाग द्वारा अनुमोदित मडल प्रारूप को टंकित रूप में तैयार करेंगे। विभाग द्वारा अनुमोदित मॉडल डीड प्रारूप की टंकित प्रति पर दस्तावेजों का निबंधन स्वीकृत किए जाने से जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए दस्तावेज लेखन के लिए किसी बाहरी सहयोग की जरूरत नहीं होगी। साथ ही दस्तावेज में किसी प्रकार के हेरफेर की संभावना नहीं रहेगी।
विपक्षी एकता को मजबूत करने में जुटे नीतीश कुमार
बता दें कि बिहार सरकार इस समय आगामी चुनाव को लेकर तैयारी में जुटी हुई है. वहीं, बिहार के सीएम विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए पूरी कोशिश में जुटे हुए हैं ताकि लोकसभा चुनाव में भाजपा को जीतने से रोका जा सके. दिल्ली दौरे के दौरान उन्हें तमाम दिग्गज नेताओं से मुलाकात की थी. इसी के साथ वह दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात की थी. जिसके बाद ओडिशा पहुंचकर वहां के सीएम नवीन पटनायक, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और एनसीपी नेता शरद पवार से मुलाकात कर चुके हैं.