पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पाकिस्तान की भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने इमरान खान को 8 दिन की एनएबी रिमांड पर भेज दिया है. इमरान खान ने अदालत में शिकायत की कि उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. उधर, इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने इमरान की गिरफ्तारी के हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने उनकी गिरफ्तारी को गैर कानूनी बताते हुए याचिका दायर की थी. वहीं पाकिस्तान में इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हालात बेहद खराब हैं.
इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में हिंसा दूसरे दिन भी जारी है। 8 लोगों की मौत की खबर है। पंजाब प्रांत में फौज तैनात कर दी गई है। चांग इलाके में मौजूद न्यूक्लियर फेसिलिटी पर फौज के बेस्ट कमांडो तैनात कर दिए गए हैं। पेशावर में रेडियो पाकिस्तान की इमारत में आग लगा दी गई है। इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने 18 शहरों में हिंसा का एक कॉम्बो फोटो जारी किया है।
इमरान खान को नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) ने 60 अरब पाकिस्तानी रुपए के घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया है। किसी अज्ञात जगह टेम्परेरी कोर्ट में NAB के स्पेशल जज के सामने खान की सुनवाई जारी है। इस पर जल्द फैसला आ सकता है। NAB ने इमरान की 14 दिन की रिमांड मांगी है। जांच एजेंसी ने खान की पत्नी बुशरा के लिए भी गिरफ्तारी वारंट जारी करने की मांग की है। फिलहाल जज ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बात पूरा देश सुलग रहा है. इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ यानी पीटीआई के कार्यकर्ता और समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं और जमकर बवाल काट रहे हैं. पाकिस्तान में काबू से बाहर होते हालातों को देखते हुए वहां की सरकार ने उपद्रवियों से निपटने के सख्त निर्देश दिए हैं. उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश हैं. इस बीच राजधानी इस्लामाबाद में एक विशेष अदालत लगाई जाएगी. माना जा रहा है इमरान खान पर तोशखाना केस में आरोप तय किए जा सकते हैं.
हाईकोर्ट ने इमरान खान की गिरफ्तारी को वैधानिक बताया
आपको बता दें कि पाकिस्तान में कल यानी मंगलवार को इमरान खान को गिरफ्तार कर लिया गया था. इमरान को हाईकोर्ट कैंपस के गिरफ्तार किया गया था, जहां से पाक रेंजर्स उनको घसीटकर गाड़ी में ले गए थए. हाईकोर्ट ने इमरान खान की गिरफ्तारी को वैधानिक बताया है. वहीं, इमरान की गिरफ्तार से गुस्साए उनके समर्थक और पीटीआई के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर जमकर हिंसा व तोड़फोड़ की. इमरान के समर्थकों ने लाहौर में पीएमएनएल के कार्यालय को आग के हवाले कर दिया. इसके साथ ही लंदन में भी पूर्व पीएम नवाज शरीफ के घर के बाहर भी नारेबाजी की गई.
कई शहरों में बड़े स्तर पर हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन
पूर्व पीएम इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद से पूरा पाकिस्तान उबल रहा है. कई शहरों में बड़े स्तर पर हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. उपद्रवियों ने सार्वजनिक संपत्ति के साथ तोड़फोड़ की है और लाहौर में कोर कमांडर के आवास पर हमला बोल दिया है. गौर करने वाली बात यह है कि इस बीच सेना ने उपद्रवियों को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया है.
पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हालात बेहद खराब होते जा रहे हैं. अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और कनाडा ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक अशांति का हवाला देते हुए अपने नागरिकों के लिए नई ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है. एआरवाई न्यूज ने यह जानकारी दी है. एआरवाई न्यूज ने बताया कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान को अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने गिरफ्तार किया है. उनकी गिरफ्तारी के बाद देशभर में पीटीआई कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और उनकी रिहाई की मांग की.
अमेरिकी दूतावास द्वारा जारी ताजा एडवाइजरी में कहा गया है, “अमेरिकी दूतावास इस्लामाबाद में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पों की पहले की खबरों और छिटपुट प्रदर्शनों की निगरानी कर रहा है. ऐसे में पाकिस्तान की जगह कहीं और जाने की योजना बनाई जा सकती है.”
इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास ने ‘राजनीतिक यातायात व्यवधान और प्रतिबंधों’ के कारण 10 मई तक के लिए कांसुलर अपॉइंटमेंन्ट्स को रद्द कर दिया है. एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी नागरिकों को अत्यधिक सतर्कता बरतने और भीड़ वाले स्थानों से बचने की सलाह दी गई है. अमेरिकी दूतावास ने लोगों से व्यक्तिगत सुरक्षा की समीक्षा करने, पहचान पत्र रखने और कानून का पालन करने करने और अपने आसपास के बारे में जागरूक रहने और अपडेट के लिए स्थानीय मीडिया की निगरानी करने को कहा गया है.
ब्रिटेन के विदेशी राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने अपने नागरिकों को सभी राजनीतिक प्रदर्शनों, लोगों की भारी भीड़ और सार्वजनिक आयोजनों से बचने और आवश्यकतानुसार योजनाओं को बदलने के लिए तैयार रहने की सलाह दी. यूके एफसीडीओ ने लोगों से स्थानीय समाचारों पर नज़र रखने का आग्रह किया.
यूके फॉरेन कॉमनवेल्थ एंड डेवलपमेंट ऑफिस ने कहा, “पाकिस्तान में सार्वजनिक प्रदर्शन आम हैं. आपको स्थानीय समाचारों पर नज़र रखनी चाहिए. विरोध प्रदर्शन कभी भी उग्र हो सकता है. ऐसे में हालात बिगड़ सकते हैं. इसलिए सावधानी बरतने की आवश्यकता है.
इस बीच, कनाडा सरकार ने अपने नागरिकों और राजनयिक कर्मचारियों को ‘अप्रत्याशित सुरक्षा स्थिति’ के कारण पाकिस्तान में अत्यधिक सावधानी बरतने के लिए कहा है. एडवाइजरी में आगे कहा गया, “आतंकवाद, नागरिक अशांति, सांप्रदायिक हिंसा और अपहरण का खतरा है. सतर्क रहें”
इमरान खान की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव काराइन जीन-पियरे ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका का एक राजनीतिक उम्मीदवार या पार्टी पर कोई रुख नहीं है और उन्होंने लोकतांत्रिक सिद्धांतों के सम्मान का आह्वान किया. काराइन जीन-पियरे ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका में एक राजनीतिक उम्मीदवार या पार्टी बनाम दूसरे पर कोई रुख नहीं है. हम दुनिया भर में लोकतांत्रिक सिद्धांतों और कानून के शासन के लिए सम्मान का आह्वान करते हैं.”
बता दें कि इमरान खान को मंगलवार को अर्धसैनिक बलों ने उस समय गिरफ्तार कर लिया, जब वह भ्रष्टाचार के एक मामले में सुनवाई के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में मौजूद थे. पाकिस्तान रेजर्स खान को गिरफ्तार करने के बाद एक वैन में वहां से ले गए. इसके बाद खान के समर्थकों ने रावलपिंडी में सेना के मुख्यालय और लाहौर में कोर कमांडर के आवास पर धावा बोल दिया. खान को गिरफ्तार किए जाने की खबर फैलते ही पाकिस्तान के कई शहरों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. कई जगहों पर प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए. उन्होंने पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. लाहौर में, बड़ी संख्या में ‘पीटीआई’ कार्यकर्ताओं ने कोर कमांडर के लाहौर आवास पर धावा बोल दिया और गेट व खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए. हालांकि, सेना के जवानों ने वहां उग्र प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश नहीं की. प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान सेना के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने छावनी इलाके में विरोध प्रदर्शन किया.