पटना जिले के नौबतपुर थाना के तरेत पाली मठ में बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री 13 मई से हनुमंत कथा कहने वाले हैं. 12 मई से कलश यात्रा से इस आयोजन की शुरुआत हो रही है.13 मई से 17 मई तक हनुमंत कथा होगी. इस कार्यक्रम में लाखों लोगों के पहुंचने की संभावना है.कथा में पहुंचने वाले सभी भक्तों के मन में एक ही जिज्ञासा उमड़ रही है कि आखिर धीरेन्द्र शास्त्री से उनकी मुलाकात कैसे होगी. कैसे उनके नाम की पर्ची निकाली जाएगी. इन सवालों का जवाब आयोजन समिति ने दे दिया है.
आयोजन समिति के अनुसार 15 मई को बागेश्वर धाम सरकार की तरफ से दिव्य दरबार लगाया जाएगा. इसी दरबार में पर्ची निकालने का कार्यक्रम होगा.आयोजन समिति के अनुसार, बागेश्वर धाम वाले धीरेन्द्र शास्त्री 13 से 17 मई तक हनुमंत कथा कहेंगे. इसी बीच सिर्फ एक दिन के लिए दिव्य दरबार का आयोजन 15 मई को दोपहर के 12 बजे से लेकर 3 बजे तक करेंगे. इस दिव्य दरबार में धीरेंद्र शास्त्री भीड़ में बैठे लोगों में से किसी को भी अपने पास बुला कर उससे बात करेंगे. पहले से इसके लिए कोई रजिस्ट्रेशन या दूसरी व्यवस्था नहीं है. अगर आप बाबा से मिलना चाहते हैं या पर्ची निकलवाना चाहते हैं तो आपको दिव्य दरबार में शामिल होना पड़ेगा.
कार्यक्रम स्थल पर तीन लाख वर्गफीट में पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है. आयोजन समिति में शामिल राजशेखर के अनुसार पार्किंग स्थल, पंडाल, लाइट एंड साउंड के साथ भोजनशाला का निर्माण चल रहा है. भोजनशाला में 40 काउंटर पर प्रसाद वितरण की व्यवस्था की जा रही है. मठ प्रांगण में तीन लाख वर्ग फीट में पंडाल बन रहा है. 15 लाख वर्ग फीट में पार्किंग स्थल बनाया जा रहा है. कथा में बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल से भी श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है.
पटना से सटे नौबतपुर के तरेत पाली में 13 से 17 मई तक आयोजित होने वाले बागेश्वर सरकार के कार्यक्रम को लेकर अब भोजपुरी अभिनेता और गायक से राजनेता बने मनोज तिवारी का बयान सामने आया है। सोमवार को दो-टूक अंदाज में कहा कि धीरेंद्र शास्त्री का पटना में भव्य स्वागत किया जाएगा और उनकी यात्रा का विरोध करने वाले मानवता के विरुद्ध हैं।
धीरेंद्र शास्त्री जी के बिहार दौरे का कर रहे हैं विरोध
मनोज तिवारी के बयान के बाद बाबा बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के पटना आने को लेकर बिहार की सत्तारूढ़ महागठबंधन सरकार के नेताओं और विपक्षी पार्टी बीजेपी के बीच जुबानी जंग और तेज हो गई है।मनोज तिवारी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “जो लोग बाबा बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री जी के बिहार दौरे का विरोध कर रहे हैं, वे मानवता के विरुद्ध हैं केवल भारत में ही नहीं बल्कि देश के बाहर भी.”
प्रवचन के लिए ऑस्ट्रेलिया जाने की कर रहे हैं तैयारी
मनोज तिवारी ने कहा कि पटना में बाबा का भव्य स्वागत किया जाएगा और लोगों को धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ कोई भी अपमानजनक टिप्पणी करने से बचना चाहिए, वह एक महान संत हैं. जो लोग हिंदू संतों या हमारे सनातन धर्म को बदनाम करने की कोशिश करेंगे, उन्हें परिणाम भुगतना होगा। धीरेंद्र शास्त्री हाल ही में लंदन गए थे और अब प्रवचन के लिए ऑस्ट्रेलिया जाने की तैयारी कर रहे हैं।
शास्त्री के कार्यक्रम का विरोध!
बता दें कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बिहार आने वाले हैं. पटना जिले में नौबतपुर के तरेत पाली में पांच दिवसीय ‘हनुमत कथा’ शुरू करेंगे. 13 मई से कार्यक्रम है।आयोजक समिति की ओर से कहा गया है कि बाबा 12 को पटना आ सकते हैं। बिहार आने से पहले ही बवाल जारी है।केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा था कि अगर कोई शास्त्री के कार्यक्रम का विरोध करता है तो वे चुप नहीं बैठेंगे।
बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री वैसे तो हनुमत कथावाचन करते हैं। उनके कार्यक्रम में 5-6 लाख शामिल होते हैं। मगर पर्ची के जरिए लोगों के मन पढ़ लेने की वजह से पंडित धीरेंद्र शास्त्री चर्चा में रहते हैं। कोई इसे चमत्कार कहता है कोई कला। कई बार तो भरोसा करना मुश्किल होता है कि किसी के निजी जिंदगी के बारे में इनती सटीक जानकारी कोई कैसे दे सकता है। तो यहां पर जानिए उस जादुई पर्ची से जुड़ी सभी जानकारी।
- बागेश्वर धाम का टोकन कब मिलता है?
बागेश्वर धाम में कभी भी पर्ची नहीं डाली जाती है बल्कि दो-तीन महीने में एक बार टोकन दिया जाता है। मतलब साल में पांच-छह बार। इसकी तारीख खुद धीरेंद्र शास्त्री तय करते हैं। - बागेश्वर धाम की पर्ची कैसे मिलती है?
अगर आप टोकन लेना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको बागेश्वर धाम जाना पड़ेगा। इसके बाद पर्ची डालने की तारीख आपको बताई जाएगी। फिर तय तारीख को आप बागेश्वर धाम जाएंगे तो पर्ची मिलेगी। - बागेश्वर धाम की पर्ची पर क्या लिखना होता है?
बागेश्वर धाम की पर्ची पर पर नाम, पता और मोबाइल नंबर लिखकर सेवादार के पास जमा करानी होगी। 2500-3000 लोगों को पर्ची दी जाती है। फिर लॉटरी सिस्टम से पर्ची को निकाला जाता है। जिनका नाम निकलेगा उनको वो टोकन लौटा दिया जाएगा। फिर धीरेंद्र शास्त्री से अपनी समस्या बता सकते हैं। - टोकन निकलने की जानकारी कैसे मिलेगी?
बागेश्वर धाम में काफी लोगों की भीड़ होती है, ऐसे में पर्ची निकली या नहीं, इसकी जानकारी जुटाना भी काफी मुश्किल रहता है। ऐसे में पर्ची पर आप जो नंबर दिए रहते हैं, उस पर बागेश्वर धाम के सेवादार फोन करते बताते हैं। फिर वो आपको समय और तारीख बता देते हैं। अगर आपको फोन नहीं आया तो बागेश्वर धाम की ओर से लिस्ट भी जारी की जाती है। - टोकन के लिए बागेश्वर धाम की ओर से कोई पैसा भी लिया जाता है?
बागेश्वर धाम में टोकन के लिए कोई पैसा नहीं लिया जाता है। ये बागेश्वर धाम की ओर से बिल्कुल फ्री में दिया जाता है। अगर कोई बागेश्वर धाम के टोकन के लिए पैसा मांगता है तो मतलब वो फ्रॉड कर रहा है - क्या बागेश्वर धाम की पर्ची ऑनलाइन भी मिलती है?
बागेश्वर धाम का टोकन ऑनलाइन नहीं मिलता है। ऑनलाइन की कोई सुविधा नहीं है। मतलब टोकन लेना है तो मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम जाना होगा। अगर खुद बागेश्वर धाम जाने में असमर्थ हैं तो आपका कोई रिश्तेदार आपके नाम का पर्ची डाल सकता है। फिर जब पर्ची निकल जाए तो आप खुद जा सकते हैं। - पर्ची डालने के कितने दिन बाद नंबर आता है?
इसकी कोई तारीख या दिन फिक्स नहीं है। लॉटरी ड्रॉ में जितनी जल्दी नाम आ जाएगा, उतनी जल्दी आपका नंबर लग जाएगा। अगर शुरुआत में आपका नाम आ गया तो एक सप्ताह में ही काम हो जाएगा। वरना लंबा वक्त भी लग सकता है। मतलब दो से तीन महीने। - क्या सभी लोगों को टोकन मिल पाता है?
सभी लोगों को टोकन नहीं मिल पाता। काफी लिमिटेड तरीके से इसे बांटा जाता है। 5-6 लाख लोग बागेश्वर धाम पहुंचते हैं, उनमें से मात्र ढाई-तीन हजार लोगों को ही टोकन दिया जाता है।