बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) से पहले केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाली सरकार के खिलाफ विपक्षी ताकतों को एकजुट करने के लिए सोमवार को कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) से मुलाकात किये .
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कोलकाता में बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात की। राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ में दीदी से मुलाकात के नीतीश कुमार ने साझा प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हमारे बीच बहुत अच्छी बात हुई है। आवश्यकता अनुसार हम भविष्य में अन्य पार्टियों को साथ में लाकर बातचीत करेंगे।
वहीं, ममता बनर्जी ने कहा कि हम सब साथ है। मुझे कोई ऐतराज नहीं है। देश की जनता भाजपा के खिलाफ लड़ेगी। ममता ने कहा कि विकास के बारे में नीतीश जी से बात हुई है। राजनीति पर भी चर्चा हुई है।
नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा के खिलाफ सभी को सतर्क होना है। इसलिए हम सभी के साथ बातचीत कर रहे हैं। नीतीश ने कहा कि ममता जी से मेरा पुराना संबंध है। हमलोगों को ज्यादा से ज्यादा मिलकर लोकसभा चुनाव के लिए साथ आना है।
कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात के दौरान बिहार सरकार में मंत्री संजय झा भी मौजूद रहे। दीदी से मुलाकात के बाद तीनों नेता उत्तर प्रदेश जाएंगे। यहां पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से विपक्षी एकजुटता पर नीतीश कुमार चर्चा करेंगे।
नीतीश कुमार का सोमवार को लखनऊ में समाजवादी पार्टी (SP) मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से भी मिलने का कार्यक्रम है. मीडियाकर्मियों से बात करते हुए नीतीश कुमार ने हाल ही में कहा था कि वह जल्द ही भाजपा विरोधी ताकतों को एकजुट करने के लिए देश में एक अभियान शुरू करेंगे. नीतीश कुमार ने पटना में एक आधिकारिक कार्यक्रम से इतर कहा था कि ‘मेरे बाहर जाने के बाद आप सभी को पता चल जाएगा.’
पहले ऐसी खबरें आ रहीं थीं कि नीतीश कुमार 25 अप्रैल को ममता बनर्जी से मिल सकते हैं. मगर नीतीश कुमार के आज ही राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ में उनके कार्यालय में ममता बनर्जी से मिलने की उम्मीद है. बताया जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा से लड़ने की रणनीति बनाने के लिए दोनों नेताओं के एक बंद कमरे में बैठक करने की संभावना है. ममता बनर्जी ने पिछले महीने ही अखिलेश यादव और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ इसी तरह की बैठकें कीं थीं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मिलने के लिए नई दिल्ली की यात्रा करने के ठीक बाद अब नीतीश कुमार ममता बनर्जी और अखिलेश यादव के साथ बैठक करने वाले हैं.
इस बैठक को अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले महागठबंधन की नींव रखने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. गौरतलब है कि खड़गे के आवास पर हुई बैठक में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी मौजूद थे. बिहार में महागठबंधन के एक वरिष्ठ नेता ने अखिलेश यादव के साथ कुमार की निर्धारित बैठक की पुष्टि करते हुए कहा कि नीतीश कुमार के साथ तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के भी लखनऊ दौरे पर जाने की संभावना है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने बुधवार को पटना में नीतीश कुमार से मुलाकात की और उनके साथ लंबी चर्चा की. कहा जा रहा है कि इसके बाद नीतीश कुमार ने अगले महीने क्षेत्रीय पार्टियों के नेताओं के साथ बातचीत शुरू करने की अपनी योजना में बदलाव किया. इस मुलाकात के बाद रावत ने कहा था कि दो नेताओं की मुलाकात के दौरान राजनीतिक बातचीत ही होती है.
एंटी कांग्रेस स्ट्रेटेजी वाली पार्टियों को साथ लाना चुनौती
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कांग्रेस को विपक्षी पार्टियों में प्रमुख पार्टी रखना चाहते हैं। इसी के तहत वो कांग्रेस के नाम पर उन पार्टियों को एकजुट कर रहे हैं जो अलग-अलग राज्यों में कांग्रेस का विरोध कर रही हैं। राष्ट्रीय पार्टी के नाम पर कांग्रेस अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। जबकि ग्राउंड पर कई क्षेत्रीय दल मजबूत हैं।
नीतीश कुमार के लिए सबसे बड़ी चुनौती उन नेताओं की एंटी कांग्रेस स्टैंड को फिलहाल कम करना है। अपने लंबे अनुभव के दम पर नीतीश विपक्ष को एकजुट करने के एक ऐसे अभियान में जुटे हैं जो नामुमकिन तो नहीं पर उससे कम भी नहीं है।
ज्यादा से ज्यादा पार्टियों को साथ लाने में जुटा हूं
विपक्षी एकता को मजबूत करने की बात पर रविवार को सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि सभी दलों को ज्यादा से ज्यादा एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं। हम अपने लिए कुछ नहीं चाहते हैं। हमने इस बात को कितनी बार कहा है। मेरी कोई व्यक्तिगत इच्छा नहीं है। हम पूरे देश के हित में सोच रहे हैं।
पूरे देश के इतिहास को बदलने की कोशिश की जा रही है। हम चाहते हैं कि देश सुरक्षित रहे। इतनी बड़ी आजादी की लड़ाई हुई। नई पीढ़ी को मालूम होना चाहिए। कुछ लोग हैं जो सब कुछ को बदल देना चाहते हैं।
हम लोग चाहते हैं कि अलग हुए हैं तो सब कुछ एक करके, मिलकर काम करेंगे। तो देश सुरक्षित होगा। टेक्नोलॉजी पर कब्जा किया जा रहा है। पुरानी चीजें नहीं आ रही है। कितने बड़े-बड़े लोगों ने काम किया है। हम इसलिए विपक्षी लोगों को एकजुट कर रहे हैं और इसी में हम लगे हैं।
मुझे अपने लिए कुछ नहीं चाहिए। बहुत लोगों से बातचीत हो गई है। कुछ और लोगों से बातचीत करनी है और जो सब कुछ हो जाएगा तो आप लोगों से बात करेंगे।
12 अप्रैल को राहुल गांधी से मिले थे नीतीश
इससे पहले 12 अप्रैल को नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने दिल्ली में राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिले थे। मीटिंग के बाद नीतीश कुमार ने कहा था कि हमारी विपक्षी एकता पर बात हुई है। ज्यादा से ज्यादा पार्टियों को एक साथ लाने की कोशिश है। हमारी सकारात्मक बातचीत हुई है।
उसी शाम दोनों ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात की थी। केजरीवाल ने मीटिंग के बाद कहा था कि इस समय देश मुश्किल दौर से गुजर रहा है। यह जरूरी है कि देश की सब विपक्षी पार्टियां साथ आकर सरकार को बदले। नीतीश कुमार ने जो पहल की है, हम उसके साथ हैं।
सीएम नीतीश फरवरी 2023 में कह चुके हैं कि अगर कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल 2024 का लोकसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ते हैं, तो भाजपा 100 सीटें भी नहीं जीत पाएगी।