वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि जहरीली शराब सेवन से मौत के मामले में मृतकों के परिवार को चार लाख रुपये देने का बिहार सरकार का निर्णय स्वागत योग्य है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा की गई घोषणा को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि बिहार में २०१६ से ही शराबबंदी कानून लागू है। मुख्यमंत्री ने जन जागृति के तहत लोगों को शराब सेवन की कुरीति से बचाने के लिए व्यापक समाज सुधार अभियान चलाया। बिहार और बिहार के बाहर कई जगहों पर शराब तस्कर पकडे भी गए हैं परंतु फिर भी कुछ समाजद्रोही लोग शराब की तस्करी में लगे हैं। मुख्यमंत्री कहते हैं कि पिओगे तो जान को जोखिम में डालोगे। अक्सर देखा जाता है कि अपने परिजनों के द्वारा लाख मना करने के बावजूद पीने वाले मानते नहीं हैं और जान को जोखिम में डालकर शराब पीते हैं। फलस्वरूप उनकी मृत्यु भी हो जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में शराब सेवन करने वाले मृतकों के गरीब‚ बेकसूर परिजनों का दोष नहीं होता। उनका परिवार बेसहारा हो जाता है और परिवार में तंगी की हालत पैदा हो जाती है। श्री चौधरी ने कहा कि ऐसे हादसे के शिकार निराश्रित परिजन‚ जो शराबबंदी के पक्ष में हैं एवं इसे एक सामाजिक बुराई के रूप में मानते हैं‚ उन्हें यह सहायता राशि देने से समाज पर सकारात्मक असर पडेगा।
इस निर्णय से जहां एक ओर पीडित परिवार को सहायता मिलेगी‚ वहीं दूसरी तरफ जब भुक्तभोगी परिवार के लोग शराब के सेवन को गलत कहेंगे‚ जिससे राज्य में सकारात्मक संदेश जाएगा।
बिहार में दिखाएंगे औकात……..
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग को लेकर सियासी बवाल मच गया है। इस बार दिल्ली में सीट...