थोक मुद्रास्फीति थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति मार्च में घटकर 1.34 प्रतिशत हुई, जो फरवरी में 3.85 प्रतिशत थी। अखिल भारतीय डब्ल्यूपीआई संख्या के आधार पर महंगाई की वार्षिक दर मार्च 2023 (मार्च 2022 से अधिक) के लिए 1.34% (अनंतिम) है, जबकि फरवरी 2023 में यह 3.85% थी।
बता दें जब सरकार ने WPI से जुड़े फरवरी के आंकड़े जारी कर दिए थे। तब भी महंगाई में कमी देखी गई थी। आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में थोक महंगाई (Wholesale Inflation) में 25 महीनों में सबसे कम दर्ज की गई। फरवरी में यह 3.85 फीसदी रही, जबकि फरवरी 2022 में थोक महंगाई 13.43 फीसदी रही थी। थोक महंगाई में गिरावट की एक प्रमुख वजह निर्माण वस्तुओं के अलावा ईंधन और बिजली की कीमतों में गिरावट को बताया गया है। बेस्ड महंगाई में गिरावट का यह लगातार नौवां महीना है, जब थोक महंगाई में गिरावट आई है। जनवरी महीने में थोक महंगाई 4.73 फीसदी थी। जो कि फरवरी में घटकर 4 प्रतिशत से भी कम आ गई। इससे पहले दिसंबर 2022 में थोक महंगाई की दर 4.95 फीसदी और नवंबर 2022 में 5.85 फीसदी रही थी। बताया जा रहा है कि खाने पीने की थोक कीमतों में गिरावट के साथ ही ईंधन की कीमतों में कमी ने महंगाई से राहत दी है।