बिहार के सियासी पार्टियों की ओर से अतीक अहमद हत्याकांड पर रिएक्शन आया है। इस घटना के बाद बिहार में राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। जिसमें एक सुर से इस घटना पर सवाल उठाए गए हैं।
अतीक व अशरफ की हत्या को RJD ने बताया संविधान, कानून व्यवस्था और लोकतंत्र का एनकाउंटर, UP में लगे राष्ट्रपति शासन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शनिवार रात अतीक अहमद और उनके छोटे भाई अशरफ की मीडिया और पुलिस की मौजूदगी में हत्या की घटना की देशभर में आलोचना हो रही है. इस बीच RJD नेता शिवानंद तिवारी ने इस घटना को संविधान, कानून व्यवस्था और लोकतंत्र का एनकाउंटर है करार दिया है. इसके साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है.
वहीं, जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा ‘प्रयागराज के माथे पर कलंक की गाथा, जो आस्था का केंद्र है। पूरे देश के लोग वहां जाते हैं। वहां जिस तरह की घटना न्यायिक अभिरक्षा में हुई है, ये तो साफ तौर पर दिखाता है कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था का क्या हाल है? पुलिस अभिरक्षा में और न्यायिक अभिरक्षा में सुरक्षा नहीं तो आम आवाम के सुरक्षा का क्या होगा? आम आवाम आज दहशत में है। बहन-बेटी आज घर से नहीं निकल रही है। मन के अंदर में ये भाव है कि कहीं हम भी परेशानी में न पड़ जाएं। ये ऐसे लोग हैं जो महिमामंडन करते थे, हम उनसे जानना चाहते हैं कि क्या जेल को ध्वस्त कर दिया जाए? क्या थाना को ध्वस्त कर दिया जाए? क्या न्यायालय की प्रक्रिया को खत्म कर दिया जाए? ये सारी प्रक्रिया खत्म कर के अगर हुकुमत चलाना चाहते हैं तो आम आवाम की जीवन के सुरक्षा के लिए जो न्यायिक प्रक्रिया है, प्रशासकीय ढांचा है, उसका क्या होगा? इसलिए उत्तर प्रदेश का ये मसला है, उत्तर प्रदेश सरकार इन तमाम तथ्यों का अवलोकन करे। कैसे हुआ, ये तो जांच का विषय है। लेकिन चिंता का विषय है यह कि अगर पुलिस अभिरक्ष में अगर हत्या हो रही है, मीडिया लोग वहां थे, घटना के शिकार वह भी हो सकते थे। ऐसी स्तिथि में जो भी घटना हुई है इस पर उत्तर प्रदेश सरकार को सक्षम जवाब देना होगा।’
वहीँ आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने घटना के बाद प्रतिक्रिया देते हुए शनिवार की देर रात ट्वीट किया. ट्वीट कर शक्ति सिंह यादव ने लिखा है- “पुलिस कस्टडी व कैमरे की निगरानी में अतीक अहमद सहित ब्रदर की शूटर द्वारा हत्या की जाती है और पार्टी विशेष के नारे लगाए जाते हैं. यह यूपी पुलिस की विफलता मानूं या संरक्षण? क्या ये मानवाधिकार का उल्लघंन नहीं? यूपी में जंगलराज है या कानून का राज? जनता तय करे.”
जन अधिकार पार्टी सुप्रीमो पप्पू यादव ने ट्वीट कर लिखा कि ‘जब गैंग सत्ता पर काबिज हो जाता है तो रामराज नहीं आता, गैंगवार होता है। संविधान का एनकाउंटर कर पुलिस को राजनीति के लिए सुपारी किलर बना दिया जाता है तो वही नंगा नाच होता है जो इलाहाबाद में अभी हुआ है!’
वहीं, बिहार बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि ‘उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी वहां पर दूध का दूध और पानी का पानी करते हैं। कोई दहशत नहीं है। जो भी दोषी हैं, उन पर कानून कार्रवाई होगा। घटना की जांच हो रही है, दूध का दूध और पानी का पानी होगा। वहां पर कोई भय और आतंक का माहौल नहीं है। वहां पर सारे लोग अच्छे से हैं और अच्छे से रहेंगे। अपराधी चाहें जो भी हों और चाहे जो भी अपराध करेंगे, जो उनका जगह है, वहां पर उनको पहुंचाया ही जाएगा।’
गौरतलब है कि शनिवार रात लगभग 11 बजे अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ को मेडिकल के लिए अस्पताल ले जाते वक्त प्रयागराज के अस्पताल परिसर में ही मीडिया से बात करने के दौरान तीन युवकों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस दौरान दोनों भाइयों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई. घटना के बाद वायरल हुए वीडियो में साफ देखा जा रहा है कि पुलिस की सुरक्षा में खड़े अतीक अहमद मीडिया के सवालों के जवाब दे ही रहे थे कि अचानक एक युवक सबसे पहले अतीक अहमद के सिर में गोली मार देता है. इसके बाद सभी पुलिस वाले आरोपियों पर फायरिंग करने के बजाय वहां से गायब हो जाते हैं. इस दौरान एक पुलिस वाला जिसके पास पिस्टल टंगा हुआ दिख रहा है. वह अपना पिस्टल तक नहीं निकालता है. इस दौरान जब हत्यारा फायरिंग कर रहा होता है, वह पीछे से देख रहा होता है और जब यह सुनिश्चित हो जाता है कि दोनों भाई मर गए हैं, तब जाकर आरोपी को पुलिस वाला पकड़ लेता है. इसी तरह एक और वीडियो में दिख रहा है कि एक आरोपी ताबड़तोड़ फायरिंग कर रहा होता है. इस दौरान एक पुलिस वाला उसे कमर से पकड़ने की कोशिश करता है, फिर छोड़ देता है. इस दौरान वह ताबड़तोड़ फायरिंग कर रहा होता है. जब सारी फायरिंग कर लेता है, तब जाकर उसे पकड़ा जाता है. इसे देखकर ऐसा लगता है, मानों पुलिस वालों को फायरिंग करने के आदेश नहीं दिए गए हो. दरअसल, इन तीनों हत्यारों को उस वक्त पकड़ा जाता है, जब वो ये फायरिंग कर हथियार फेंक कर दोनों हाथ ऊपर उठाकर सरेंडर-सरेंडर चिल्लाने लगता है.