पूर्वी चंपारण जिले के तुरकौलिया और पहाड़पुर सहित अलग–अलग थाना क्षेत्रों के गांवों में पिछले २४ घंटों के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में अब तक 22 लोगों की मौत होने का मामला प्रकाश में आया है। हालांकि जिला प्रशासन ने 14 लोगों की संदिग्ध परिस्थिति में मौत होने की बात कही है।
प्रशासन ने यह भी कहा कि 10 लोग बीमार हैं‚ जिनका इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। इस बीच‚ मुख्यमंत्री ने इस घटना पर कहा कि लोगों को गलत काम नहीं करना चाहिए। इसको लेकर सभी को समझाया जाता है। इसके बारे में विस्तृत जानकारी लेंगे। स्थानीय लोगों के अनुसार‚ जहरीली शराब पीने से सभी की मौत हुई है। तुरकौलिया में १०‚ हरसिद्धि में ४‚ सुगौली में ५ और पहड़़पुर में २ लोगों की मौत हुई है। मरने वालों में तुरकौलिया के ध्रुव पासवान‚ छोटू कुमार‚ अशोक पासवान व रामेश्वर राम‚ पहाड़पुर थाना क्षेत्र के बलुआ गांव निवासी टुनटुन सिंह‚ गुटन मांझी व हरसिद्धि के नवल दास व परमेन्द्र दास शामिल हैं। वहीं‚ पहाड़पुर के भोला पासवान की स्थिति नाजुक बतायी गयी है। इसके अलावा दर्जनों लोग बीमार हैं। सूत्रों ने शनिवार को बताया कि पहाड़पुर और तुरकौलिया सहित अलग–अलग थाना क्षेत्रों के लक्ष्मीपुर ‚ मुसहर टोली और अन्य गांवों में कई लोगों को उल्टी और बेचैनी की शिकायत हुई‚ जिसके बाद सभी को इलाज के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। वहीं‚ पुलिस ने भी आशंका जताई है कि जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हुई है‚ लेकिन जांच के बाद ही सच्चाई सामने आयेगी। पुलिस मुख्यालय ने कहा कि उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग और सीआईडी की टीम घटना की जांच करेगी।
मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को गलत काम नहीं करना चाहिए। इसको लेकर सभी को समझाया जाता है। इसके बारे में विस्तृत जानकारी लेंगे।
अब तक तीन शवों का पोस्टमॉर्टम कराया गया है। इनमें मोतिहारी सदर अस्पताल में एक व मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में दो शवों का पोस्टमॉर्टम कराया गया है। जबकि, अधिकतर शवों का उनके परिजन ने अंतिम संस्कार कर दिया। मौत का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है। डीएम सौरभ जोरवाल ने बताया कि 14 लोगों की शराब पीने से मौत हुई है।
इधर, एसपी ने तुरकौलिया, हरसिद्धि, पहाड़पुर और सुगौली के एक-एक चौकीदार को निलंबित किया गया। एएलटीएफ के दो एएसआई को भी सस्पेंड किया गया है।
तुरकौलिया के लक्ष्मीपुर में चार लोगों की मौत के बाद उनके परिजनों ने बताया कि सभी ने रघुनाथपुर के बालगंगा में शराब पी थी, जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ी। सदर अस्पताल में भर्ती सात लोगों ने कहा कि उन्होंने रघुनाथपुर के बालगंगा में शराब पी थी। सभी की हालत गंभीर है।
लक्ष्मीपुर के ये सभी लोग गेहूं की दौनी के लिए गए थे। दौनी के बाद शराब पार्टी हुई थी। वहीं कई लोगों ने अलग-अलग जगहों पर शराब पीने की बात कबूली है।
तुरकौलिया में बनी थी यूरिया मिली शराब
मोतिहारी में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। छह लोगों की आंख की रोशनी जाने की शिकायत की है। भास्कर पड़ताल में सामने आया है कि तुरकौलिया व हरसिद्धि थाना क्षेत्र के अलग-अलग जगहों पर शराब बनाई गई थी। शराब में भारी मात्रा में गुड़, नौसादर और यूरिया का इस्तेमाल हुआ था। नशीला बनाने के लिए उसमें अधिक यूरिया का इस्तेमाल किया गया था।
इसके बाद उसे पाउच में भरकर हरसिद्धि, पहाड़पुर, तुरकौलिया, सुगौली आदि जगहों पर भेजी गई थी। सोमवार और मंगलवार की रात शराब बनाई गई थी। बुधवार को आसपास के क्षेत्र में इसकी डिलीवरी की गई थी। जिसे पीने के बाद लोगों में सबसे पहले सिरदर्द, शरीर में कंपकपी, उल्टी की शिकायत आई।
शुक्रवार की सुबह से मामले सामने आने लगे। परिजन डायरिया समझकर स्थानीय चिकित्सक से इलाज कराने लगे। जिसके बाद एक-एक कर मौत होने लगी। बंजरिया थाना क्षेत्र के खड़वा मन, मझरिया मन, खैराघाट, चिचोरहिया नदी के किनारे व सुंदरपुर में तस्कर लगातार शराब बना रहे है। गोविंदगंज के मलाही थाना क्षेत्र के चटिया दियर होते हुए यूपी से गंडक नदी के रास्ते शराब तस्करी का सेफ जोन बना हुआ है।
10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है: डीएम
मोतिहारी डीएम सौरभ जोरवाल ने बताया कि 14 लोगों की शराब पीने से मौत हुई है। जबकि, अन्य गंभीर लोगों का इलाज किया जा रहा है। मामले में कार्रवाई करते हुए 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मौत के आंकड़े की जानकारी सरकार को भेजी जा रही है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कुछ की शराब पीने से मौत हुई है: डीआईजी
डीआईजी जयंतकांत ने बताया कि कुछ लोगों की शराब पीने से मौत हुई है। इसमें तीन के शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया है। जबकि, 8 लोगों का गंभीर स्थिति में सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है। तुरकौलिया का लक्ष्मीपुर जहरीली शराब का हॉट स्पॉट है। सभी ने यहीं शराब पी थी। तस्करों के नेक्सस को ध्वस्त कर दिया जाएगा।
पिता-पुत्र की मौत से शुरू हुआ था सिलसिला
सबसे पहले हरसिद्धि में शराब तस्कर नवल किशोर दास और उसके बेटे परमेंद्र की माैत हुई थी। दोनों की शराब पीने से मौत की बात सामने आई थी। पटना से उत्पाद विभाग से पहुंची टीम ने हरसिद्धि, तुरकौलिया, पहाड़पुर, सुगौली का निरीक्षण किया। टीम शराब तस्करी के नेक्सस को ध्वस्त करने में नाकाम अधिकारियों की लापरवाही की भी जांच करेगी।
प्रशासन ने कहा-14 मौत शराब से, बाकी संदिग्ध
जिला प्रशासन की ओर से 14 मृतकों और अस्पताल में भर्ती लोगों की सूची जारी की गई है। इसमें लक्ष्मीपुर गांव के अशोक पासवान, छोटू पासवान, उमेश राम, रामेश्वर राम, अनिल पासवान, रामेश्वर साह, अखिलेश कुमार, रविंद्र राम, गुड्डु कुमार, प्रमोद पासवान, रघुनाथपुर के विवेक, सुगौली के बुनियाद पासवान, हरसिद्धि के प्रमोद साह, चिरैया के हरिओम कुमार शामिल हैं।
मोतिहारी में संदिग्ध मौत के बाद एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) बीजेपी (BJP) के निशाने पर आ गए हैं. इस मद्दे को लेकर बीजेपी काफी आक्रामक हैं. नीतीश कुमार पर लगातार हमला बोल रही है. वहीं, इस मुद्दे पर पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने शनिवार को कहा कि छपरा के बाद अब पूर्वी चंपारण में जहरीली शराब पीने से 22 लोगों की जान (Motihari Hooch Tragedy) गई, दो दर्जन से ज्यादा पीड़ितों का इलाज चल रहा है और कई आंखों की रोशनी खो चुके हैं, लेकिन सरकार आंकड़े छिपाने में लगी है. सरकार मौत का कारण डायरिया या अज्ञात बीमारी बता रही है.
नीतीश सरकार पर लगाया आरोप
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पुलिस के डर से बिना पोस्टमार्टम के भुटन मांझी सहित कई मृतकों के शव जला दिए गए. मृतकों में अधिकतर दलित और पिछड़ी जातियों के थे. जहरीली शराब से मरने वालों के आश्रितों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने की स्पष्ट नीति बनाने के लिए मुख्यमंत्री को सर्वदलीय बैठक जल्द बुलानी चाहिए. छपरा में ऐसी घटना के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाने की घोषणा की गई थी. वहीं, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने छपरा की घटना के बाद राज्य सरकार पर आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया था.
हाईकोर्ट के निर्देश को गंभीरता से नहीं लिया गया- सुशील मोदी
बीजेपी नेता ने कहा कि अब पूर्वी चपारण में भी यही हो रहा है. मानवाधिकार आयोग ने जहरीली शराब पीने से मरने वालों के आश्रितों को अनुग्रह राशि देने की अनुशंसा की थी, लेकिन अब तक उसका पालन नहीं हुआ. पटना हाई कोर्ट ने जहरीली शराब पीने से बीमार होने वालों की चिकित्सा के लिए मानक प्रक्रिया (SOP) तय करने को कहा था लेकिन राज्य सरकार यह भी नहीं बना सकी. यदि सरकार ने हाई कोर्ट के निर्देश और आयोग की अनुशंसाओं को गंभीरता से लिया होता, तो पीड़ितों और उनके परिवारों को कठिन समय में बड़ी राहत मिलती.