देश में इस बार ‘सामान्य से कम बारिश’ होने की चेतावनी से उभरी चिंता अब नहीं रहनी चाहिए क्योंकि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने इसे बेवजह करार दिया है। मंत्रालय के सचिव एम. रविचंद्रन का कहना है कि दक्षिण पश्चिम मानसून (जून से सितम्बर) के दौरान सामान्य बारिश हो सकती है। एक दिन पहले ही निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ‘स्काईमेट वेदर’ ने चेताया था कि देश में मानसून के दौरान ‘सामान्य से कम’ बारिश हो सकती है। कुछ दिन पहले भी इसी प्रकार के आकलन सामने आए थे जिनसे अंदेशा होने लगा था कि मानसून कमजोर रह सकता है। किसानों में तो खास तौर पर चिंता व्याप गई थी। लेकिन अब पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने जो उम्मीद जताई है उससे किसानों को राहत महसूस हो रही है। कृषि क्षेत्र अपनी पैदावार के लिए बहुत हद तक मानसूनी बारिश पर निर्भर रहता है। फिर‚ चिंता का एक कारण यह भी है कि पिछे साल कुछ राज्यों में मानसून की स्थिति संतोषजनक नहीं रही थी। सामान्य से कम बारिश का तर्क देने वालों का कहना है कि अल नीनो की स्थितियां मानसून के दौरान विकसित हो सकती हैं। लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि तर्क में दम नहीं है। भारतीय मौसम विज्ञान के महानिदेशक एम महापात्रा का कहना है कि बारिश के सामान्य या सामान्य से ज्यादा होने की ६७ फीसद संभावना है। हालांकि उन्होंने कहा है कि भारतीय मौसम विभाग मानसून को लेकर अपना विस्तृत पूर्वानुमान मई में जारी करेगा। उन्होंने कम बारिश को लेकर चिंता को बेवजह करार दिया। अलबत्ता‚ उन्होंने यह भी कहा है कि अल नीनो की स्थितियों से मानूसन के बाद के चरण में थोड़़ा असर पड़़ सकता है‚ लेकिन यह इतना नहीं होगा कि चिंता में घुला जाए। उन्होंने कहा है कि विगत (१९५१–२०२२ के बीच) में जितने साल भी अल नीनो सक्रिय रहा‚ वे सभी वर्ष मानसून के लिहाज से बुरे नहीं रहे। इन वर्षों के दौरान ज्यादातर करीबन ४० प्रतिशत बार अल नीनो की सक्रियता के बावजूद सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश हुई। इस बार भी अल नीनो की स्थितियां बन सकती हैं‚ लेकिन सकारात्मक हिन्द महासागर द्विध्रुव और उत्तरी गोलार्ध पर कम बर्फ पड़़ने से इन स्थितियों का मुकाबला करने में मदद मिल सकती है। गौरतलब है कि फरवरी मार्च २०२३ के दौरान उत्तरी गोलार्ध और यूरेशिया में बर्फ से ढके क्षेत्र सामान्य से कम रहे हैं। उत्तरी गोलार्ध पर कम बर्फ का पड़़ना समूचे भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून की बारिश के अनुकूल माना जाता है। उम्मीद करें कि मानसून निराश नहीं करेगा।
चेन्नई के आसमान में राफेल और सुखोई ने दिखाई ताकत, वायुसेना के एयर शो में दिखा अद्भुत नजारा
अपनी 92वीं वर्षगांठ मनाने के लिए भारतीय वायु सेना ने आज तमिलनाडु के चेन्नई मरीना एयरफील्ड में एक एयर एडवेंचर...