अमित शाह ने कहा- अरुणाचल प्रदेश की एक बहुत खास और अच्छी बात है, जब आप यहां के लोगों से मिलोगे तो वे नमस्ते नहीं करते हैं। यहां के लोग जय हिंद बोलते हैं। यहां कोई भी अतिक्रमण नहीं कर सकता, इसकी वजह यहां के लोगों की देशभक्ति है।
शाह ने 1962 की जंग में शहीद हुए किबिथू के जवानों को याद करते हुए कहा- संख्या कम होने के बाद भी हमारे जवान बहादुरी से लड़े। 1965 में टाइम मैगजीन ने भी इस लड़ाई में भारतीय सेना के शौर्य की तारीफ की थी। भारत में सूर्य की पहली किरण इस भूमि पर पड़ती है। भगवान परशुराम ने इसका नाम अरुणाचल प्रदेश रखा था। यह भारत माता के मुकुट का एक उज्ज्वल गहना है।
उन्होंने कहा कि ITBP और सेना के जवानों के शौर्य के कारण कोई भी आंख उठाकर हमारे देश की सीमा को नहीं देख सकता। अब वो जमाना चला गया जब भारत की जमीन पर कोई भी कब्जा कर सकता था। आज सूई की नोक बराबर भी जमीन पर कोई कब्जा नहीं कर सकता।
किबिथू गांव में ‘वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम’ लॉन्च करते हुए शाह बोले- PM मोदी ने सीमावर्ती गांवों में रोजगार देने और विकास करने के लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम शुरू करने का फैसला किया है। आने वाले सालों में सीमा से सटे हर घर में पानी, बिजली, गैस-सिलेंडर और लोगों को रोजगार मिलेगा। इन गांवों को देश के अन्य हिस्सों और अरुणाचल के अन्य हिस्सों से जोड़ा जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार (10 अप्रैल) को अरुणाचल प्रदेश के किबिथू (Kibithoo) में ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ और विभिन्न विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया. इस मौके पर उन्होंने चीन (China) को दो टूक कहा कि अब कोई भी सीमा पर आंख उठाकर देख नहीं सकता. सूई की नोक बराबर भूमि पर भी कोई अतिक्रमण नहीं कर सकता. वो जमाने चल गए जब भारत की भूमि पर कोई अतिक्रमण कर सकता था.
अमित शाह ने कहा कि आज आते-आते मैंने सैंकड़ो झरनों को देखा. मैंने यहां उतरते ही पेमा खांडू को कहा कि एक घर ले लीजिए और जब मैं वृद्ध हो जाऊं तो यहां रहने आऊं. भगवान परशुराम ने अरुणाचल को नाम दिया था. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हर बच्चा अरुणाचल को सूर्यदेव की पहली किरण की धरती के नाम से जानता है. अरुणाचल भारत माता के मुकुट का एक दैवितमान मणि है.