केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज से दो दिन के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर हैं. गृहमंत्री शाह ईटानगर में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की शुरुआत करेंगे. विलेज प्रोग्राम का मकसद अरुणाचल प्रदेश की उत्तरी सीमा के हिस्से को स्थायी गांवों में प्रोत्साहित करना है. इससे पहले चीन ने अमित शाह के दौरे पर आपत्ति जताई है. चीन ने कहा कि अमित शाह का अरुणाचल प्रदेश दौरा सीमा पर शांति और संप्रभुता के लिए खतरा है. चीन ने आगे कहा कि ये सीमा पर शांति के अनुकूल नहीं है. चीन ने अरुणाचल पर अपने दावे को फिर से मजबूत करने की हिमाकत की है. गौरतलब है कि चीन अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करता रहा है. इसको लेकर भारत- चीन के बीच कई झड़पें हो चुकी हैं. हाल के दिनों में विवादित सीमा पर भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को खदेड़ डाला था.
बता दें कि पिछले दिनों चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 11 जगहों के नए नाम जारी किए थे, इसमें अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर के एक नजदीकी शहर भी शामिल है, इसके अलावा इसमें 5 पहाड़ और 2 नदियां भी शामिल हैं. चीन ने इसके साथ एक नक्शा जारी किया, जिसमें 11 जगहों को दक्षिणी तिब्बती क्षेत्र में दिखाया है.
हाल ही में चीन ने 11 जगहों के बदले नाम
पिछले दिनों भारत ने अरुणाचल प्रदेश में G-20 की तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित की थी. इसमें चीन को भी शामिल होना था, लेकिन चीन ने बैठक से किनारा बनाते हुए 11 जगहों के नए नाम की सूची जारी कर दी. 11 नए नामों के जारी होने के बाद चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने नक्शा जारी किया. जिसमें अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों को दक्षिणी तिब्बती क्षेत्र के अंदर दिखाया गया है. इसमें अरुणाचल की राजधानी ईटानगर के करीब एक शहर भी शामिल है.
भारत ने चीन के दावे को किया खारिज
हालांकि, भारत ने पहले ही अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों के नाम बदलने के चीनी फैसले को खारिज कर चुका है. भारत ने तीखे लहजे में कहा कि जगह नामों के बदलने से कुछ नहीं होता है. केंद्र लगातार कहता रहा है कि अरुणाचल प्रदेश शुरू से भारत का अभिन्न अंग रहा है और हमेशा रहेगा.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार (10 अप्रैल) को अरुणाचल प्रदेश के किबिथू (Kibithoo) में ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ और विभिन्न विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया. इस मौके पर उन्होंने चीन (China) को दो टूक कहा कि अब कोई भी सीमा पर आंख उठाकर देख नहीं सकता. सूई की नोक बराबर भूमि पर भी कोई अतिक्रमण नहीं कर सकता. वो जमाने चल गए जब भारत की भूमि पर कोई अतिक्रमण कर सकता था.
अमित शाह ने कहा कि आज आते-आते मैंने सैंकड़ो झरनों को देखा. मैंने यहां उतरते ही पेमा खांडू को कहा कि एक घर ले लीजिए और जब मैं वृद्ध हो जाऊं तो यहां रहने आऊं. भगवान परशुराम ने अरुणाचल को नाम दिया था. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हर बच्चा अरुणाचल को सूर्यदेव की पहली किरण की धरती के नाम से जानता है. अरुणाचल भारत माता के मुकुट का एक दैवितमान मणि है.
“ये भारत का आखिरी नहीं पहला गांव है”
उन्होंने कहा कि पहले जब मध्य भारत से कोई आता था तो कहता था कि वो भारत के अंतिम गांव से होकर आया, लेकिन अब मैं जाकर अपनी पोती को बताऊंगा कि मैं भारत के पहले गांव से होकर आया हूं. ये कॉन्सेप्चयूअल चेंज हैं. दिल्ली में बैठे हुए नेताओं के आलस्य और गलत दृष्टिकोण की वजह से ये क्षेत्र विवादित और उग्रवाद से ग्रस्त था. आज विवाद और उग्रवाद खत्म हो रहे हैं.
आईटीबीपी के जवानों की तारीफ की
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पूरा देश आज अपने घरों में चैन की नींद सो सकता है क्योंकि हमारे आईटीबीपी के जवान और सेना हमारी सीमाओं पर दिन-रात काम कर रहे हैं. आज हम बड़े गर्व से कह सकते हैं कि किसी में इतनी ताकत नहीं है कि हम पर बुरी नजर डाल सके. अभी हेलीकॉप्टर चला गया, सभी लोग देख रहे थे कि अमित शाह अब कैसे जाएंगे. मैं कहीं नहीं जा रहा हूं. आज आपके गांव में रुककर भोजन करके कल दोपहर में जाऊंगा.
कांग्रेस पर साधा निशाना
कांग्रेस पर हमला करते हुए अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस की 12 टर्म की सरकार ने जो सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर नहीं किया, उससे ज्यादा मोदी सरकार ने 2 टर्म के अंदर ही करके दिखाया है. 2014 से पहले पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को अशांत क्षेत्र के रूप में जाना जाता था लेकिन पिछले 9 वर्षों में पीएम मोदी की ‘पूर्व की ओर देखो’ नीति के कारण पूर्वोत्तर को अब एक ऐसा क्षेत्र माना जाता है जो देश के विकास में योगदान देता है.
चीन ने जताई थी आपत्ति
इससे पहले चीन ने अमित शाह के अरुणाचल के दौरे को लेकर आपत्ति जताई थी. चीनी विदेश मंत्री के प्रवक्ता ने कहा था कि इस यात्रा ने चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन किया है और वे इसका विरोध करते हैं. अमित शाह ने जिस किबिथू गांव में ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ की शुरुआत की है वो चीन की सीमा से एक किलोमीटर दूर है.