यूट्यूबर मनीष कश्यप के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज यानी 10 अप्रैल को सुनवाई होनी है। बिहा के यूट्यूबर मनीष कश्यप पर तमिलनाडु में बिहारियों के साथ कथित मारपीट और हिंसा मामले में फेक वीडियो बनाने और उसे वायरल करने का आरोप है। मनीष कश्यप अभी तमिलनाडु की जेल में बंद है। वहीं मनीष कश्यप के खिलाफ एनएसए यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत भी केस दर्ज है। यूट्यूबर मनीष कश्यप पर वायरल वीडियो को मामले में देश की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने का भी आरोप लगाया गया है।
फर्जी वीडियो से जुड़ा है मामला
याचिका के जरिए दूसरी बड़ी मांग उसके ऊपर बिहार और तमिलनाडु के साथ दूसरे राज्यों में दर्ज की गई FIR एक साथ क्लब करना है, ताकि एक ही जगह सारे केस की सुनवाई हो सके। बिहार में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने मनीष पर 4 केस दर्ज किए हैं। इनमें तीन केस तमिलनाडु प्रकरण में फर्जी वीडियो को वायरल करने से जुड़े हैं। मनीष कश्यप ने बेतिया में तब सरेंडर किया था जब प्रशासन उसके घर कुर्की जब्ती के लिए पहुंचा था। इसी बीच तमिलनाडु में भी उस पर बिहारियों पर कथित हिंसा को लेकर मामले दर्ज किए हए। इसके बाद तमिलनाडु पुलिस की एक टीम उसे बिहार से ट्रांजिट रिमांड पर मदुरै ले गई।
राज्य सरकार और पुलिस पर लगा चुके हैं गंभीर आरोप
वकील एपी सिंह बिहार सरकार और पुलिस पर गंभीर आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने कहा था कि मनीष ने अपने वीडियो के जरिए बिहार और पूर्वांचल के मजदूरों की आवाज को उठाया था। उस बात को और भी कई लोगों ने उठाया था। लेकिन, जो कार्रवाई हुई, वो सिर्फ मनीष कश्यप के ऊपर हुई। यह गैर कानूनी तरीका है।
मनीष कश्यप के मूल अधिकारों का हनन हुआ है। इस बाबत मूल अधिकारों की रक्षा करनी है। तमिलनाडु प्रकरण पर बिहार के मुख्यमंत्री, लोजपा रामविलास के नेता चिराग पासवान और कई नेताओं ने अपनी बातों को रखा था, लेकिन मुजरिम सिर्फ मनीष कश्यप बन गया है।
सभी मुकदमों को एक जगह करने की मांग
यूट्यूबर मनीष कश्यप ने अपनी वकील के जरिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली है। इस याचिका में बिहार और तमिलनाडु में चल रहे सभी मामलों को एक ही जगह चलाने के लिए याचिका लगाई गई है। वहीं मनीष कश्यप अभी मदुरई की कोर्ट के आदेश पर जेल में ही बंद है। मनीष कश्यप अभी 19 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में में है। NSA लगाए जाने के बाद तो अब 3 महीने से पहले मनीष की बेल की उम्मीद भी नहीं दिख रही।