भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर में G-20 की बैठक कराने का फैसला किया है। G-20 प्लान के मुताबिक, श्रीनगर में 22 और 23 मई को टूरिज्म पर वर्किंग ग्रुप की बैठक होगी। 70 साल में पहली बार जम्मू-कश्मीर में G-20 की बैठक होगी। आर्टिकल 370 हटने के बाद यह पहली इंटरनेशनल समिट भी होगी।
जी-20 की यूथ-20 और सिविल-20 बैठकों के लिए चुने गए देश के 15 संस्थानों में से एक कश्मीर यूनिवर्सिटी (KU) भी है। KU में C-20 की वर्किंग ग्रुप की बैठक पहले ही हो चुकी है। रिपोर्ट् के मुताबिक, इस बैठक का मुद्दा जेंडर इक्वैलिटी और डिसऐबिलिटी था। C-20 जी-20 का ऑफिशियल एंगेजमेंट ग्रुप है, जो सिविल सोसाइटी, NGO और सरकारी प्रतिनिधियों को चुने हुए विषय पर चर्चा के लिए प्लेफॉर्म देता है।
कश्मीर यूनिवर्सिटी में होंगे यूथ-20 समिट के प्री-इवेंट्स
रिपोर्ट के मुताबिक, खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय ने कश्मीर यूनिवर्सिटी के साथ एक MoU साइन किया है, जिसके तहत विश्वविद्यालय में यूथ-20 समिट के पहले होने वाले इवेंट्स भी होंगे। इसमें जी-20 देशों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। यूथ-20 समिट जून 2023 में वाराणसी में होनी है।
चीन-पाकिस्तान लगातार कर रहे विरोध
चीन और पाकिस्तान लगाता जी-20 बैठक जम्मू-कश्मीर में कराए जाने का विरोध कर रहे हैं। पाकिस्तान G-20 में शामिल अपने समर्थक देशों को साधकर इस बैठक का विरोध कर रहा था। चीन ने मार्च में ही कहा था कि जी-20 की बैठक जम्मू-कश्मीर में नहीं होनी चाहिए। अब श्रीनगर में ये बैठक कराने जाने के बाद माना जा रहा है कि चीन इससे दूरी बना सकता है।
जी-20 की अध्यक्षता कर रहा भारत पहले ही कह चुका है कि देश के 28 राज्यों में जी-20 से जुड़ी बैठकों का आयोजन किया जाएगा। इसी के तहत अरुणाचल और कश्मीर में भी यह बैठकें रखी गईं। अरुणाचल की राजधानी ईटानगर में मार्च के आखिरी हफ्ते में हुई जी-20 की बैठक से भी चीन दूर रहा था। दरअसल, अरुणाचल को चीन भारत का हिस्सा नहीं मानता है और इसके विरोध में वह मीटिंग में शामिल नहीं हुआ।