राजस्थान प्रदेश कांग्रेस में आपसी घमासान जारी है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। रविवार 9 अप्रैल को अपने सरकारी आवास पर मीडिया से रूबरू होते हुए सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर कई सवाल खड़े किए। पायलट ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के दौरान हजारों करोड़ रुपए के घोटाले हुए थे। उस दौरान हम सब ने जनता से वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद हम वसुंधरा राजे सरकार में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। अब हम साढ़े 4 साल से सरकार में है लेकिन हमारी सरकार ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार पर कोई एक्शन नहीं लिया है।
जनता को लगेगा कि ऊपरी लेवल पर मिलीभगत है
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अपनी ही पार्टी की सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा शासन के दौरान जब हम विपक्ष में थे। तब अशोक गहलोत जी, मैं और अन्य नेता नेताओं ने जनता से वादा किया था कि वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। सत्ता में आने के साढ़े 4 साल बाद भी पूर्ववर्ती सरकार के भ्रष्टाचार पर कार्रवाई नहीं करना दुर्भाग्यपूर्ण है। पायलट ने कहा कि हमारी कथनी और करनी में अंतर नहीं होना चाहिए। अगर कथनी और करनी में अंतर होगा तो जनता को लगेगा कि ऊपरी लेवल पर कोई मिलीभगत हुई है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पायलट ने ये बड़ी बातें कहीं
1. 45 हजार करोड़ के घोटालों का मुद्दा उठाया था
पायलट ने जयपुर में अपने घर पर प्रेस कांफ्रेंस बुलाई थी। उन्होंने कहा, “वसुंधरा सरकार के वक्त विपक्ष में रहते हुए हमने 45 हजार करोड़ के घाेटालों को लेकर आवाज उठाई थी और यह वादा किया था कि सरकार आएगी इन घोटालों पर निष्पक्ष तरीके से जांच करवाएंगे और दोषियों को सजा देंगे।”
2. गहलोत से आग्रह किया, चिट्ठी भी लिखी थी
वे बोले, “मैंने कभी द्वेषपूर्ण कार्रवाई के लिए नहीं कहा, लेकिन विपक्ष के रूप में बनी हमारी विश्वसनीयता को बरकरार रखना होगा। मैंने सीएम गहलोत से आग्रह किया था। 28 मार्च 2022 को पहली चिट्ठी लिखी थी। उस पर कोई जवाब नहीं मिला। फिर दूसरी चिट्ठी लिखी। उसका भी जवाब नहीं आया। केंद्र सरकार पिछले कुछ समय से विपक्ष के लोगों को टारगेट कर रही है। ईडी ने जिन नेताओं नोटिस दिया या छापे डाले उनमें से 95 फीसदी नेता विपक्ष के हैं।”
3. चुनाव में लोग हम पर यकीन करें, इसलिए एक्शन जरूरी
सचिन पायलट ने कहा, ‘क्या कारण है कि बार-बार सत्ता में आने के बावजूद हम विपक्ष में रहते जो आरोप लगाते हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं करते। हम दोबारा जब चुनाव में जाएंगे तो हमारी बात पर कोई यकीन करे इसलिए जरूरी है कि हम कोई एक्शन लें।”
5. जांच नहीं होगी तो कैसे पता चलेगा दोषी कौन है
वे बोले, “अशोक गहलोत और मैंने मिलकर आरोप लगाए थे, जब तक निष्पक्ष जांच नहीं हो तब तक कैसे पता लगेगा। जांच में अगर निकल कर आता है कि कोई दोषी नहीं था तो मान लेंगे कि गहलोतजी और मैं झूठे थे। जब तक कोई केस रजिस्टर्ड नहीं होगा, तब तक लोग कैसे मान लेंगे कि हमने जो आरोप लगाए थे, वह सही हैं या गलत।”
6. हाईकमान को भी दिया था सुझाव
पायलट ने कहा, “मैंने राजस्थान को लेकर हाईकमान को जो सुझाव दिए थे, उनमें से एक सुझाव यह भी था कि हमने विपक्ष में रहते हुए जो भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोप लगाए थे, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसा नहीं लगना चाहिए कि हमने केवल चुनाव की रोटियां सेकने के लिए आरोप लगाए थे। सवा चार साल बीत जाने के बावजूद आज तक कार्रवाई नहीं हुई।”
एक दिन का अनशन करेंगे पायलट
पायलट ने कहा- ‘मैंने 28 मार्च 2022 और 2 नवम्बर 20220 को सीएम अशोक गहलोत को चिट्ठी लिखी थी। अब तक कोई एक्शन नहीं हुआ। 11 अप्रैल को प्रसिद्ध समाज सुधारक ज्योतिबा राव फुले की जयंती है , उसी दिन मैं शहीद स्मारक पर एक दिन का अनशन करूंगा। मैने जिला प्रशासन को इस बारे में सूचना दे दी है। जनता जनार्दन है।’
कांग्रेस नेतृत्व को सुझाव
सचिन पायलट ने कहा कि हमने जनता को आश्वस्त किया था कि हम निष्पक्ष जांच कराएंगे। जब हम विपक्ष में थे तब तथ्य हमारे पास आ रहे थे तो सरकार में रहते हुए हमारे पास इच्छा शक्ति नहीं हो ऐसा संभव नहीं हो सकता। मैं कांग्रेस नेतृत्व को सुझाव दे चुका हूं। उनमें से एक सुझाव यह भी था कि हमारी तरफ से लगाए आरोपों की जांच हो।