बिहार लोक सेवा आयोग ने एक बड़ा बदवाल किया है. अब छत्रों को इंटरव्यू में कम अंक आने पर निराश होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि अब इंटरव्यू बोर्ड को कम अंक आने पर इसकी वजह बतानी होगी. आपको बता दें कि ये बदलाव 67वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के इंटरव्यू से ही प्रभावी हो जाएगी. बोर्ड के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने खुद इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि मुख्य परीक्षा में ज्यादा अंक आने के बाद भी इंटरव्यू में काम अंक आने कोई बड़ी बात नहीं है. सीएम नीतीश कुमार ने पहले ही इसे असहज बताया था. जिसके बाद नई व्यवस्था करने का निर्णय लिया गया था.
बोर्ड को स्पष्ट करना होगा कारण
अब मुख्य परीक्षा में सफल किसी अभ्यर्थी को इंटरव्यू में 30 प्रतिशत से कम और 80 प्रतिशत से अधिक अंक देने पर इंटरव्यू बोर्ड को कारण स्पष्ट करना होगा. 68 वीं मुख्य परीक्षा से उत्तर पुस्तिका में किसी प्रश्न का उत्तर किस पेज पर लिखना है यह तय रहेगा, यही नहीं किसी प्रश्न पर आपत्ति अपनी मेल की जगह पोर्टल पर ली जाएगी और यह आपत्ति अभ्यर्थी निशुल्क दे सकते हैं. 68वीं संयुक्त मुख्य परीक्षा की तिथि 12, 17 और 18 मई को तय की गई है.
दूसरी बार में लगेगा 500 रुपये शुल्क
जिस भी अभियर्थी को परीक्षा के बाद कोई भी आपत्ति है तो आयोग की वेबसाइट पर आपत्ति दर्ज कर डालते हैं तो पहली बार में कोई भी शुल्क नहीं लगेगा लेकिन अगर उनकी आपत्ति नहीं मानी जाती है और फिर से वो आपत्ति दर्ज करते हैं तो उन्हें 500 रुपये शुल्क के रूप में देना होगा.
कई पाठ्यक्रम को हटाया जाएगा
75 वें स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान गर्वनर ने कहा था कि शिक्षा व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि हम जॉब सीकर नहीं, जॉब गिवर्स बने, वैसे तो आयोग का दायरा काफी सीमित है, लेकिन फिर भी कई ऐसे पाठ्यक्रम हैं जो अभ्यर्थी सिर्फ प्रतियोगी परीक्षा के लिए ही पढ़ते हैं और उसका कहीं और उपयोग नहीं होता है. ऐसी स्तिथि में ऐसे पाठ्यक्रम को चिह्नित कर हटाया जाएगा.