कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को सूरत पहुंचकर ऊपरी अदालत में अर्जी दाखिल करेंगे। वह दोपहर 12:30 बजे के करीब सूरत पहुंचेंगे और वहां से सीधे आठवा लाइंस स्थित सूरत जिला एवं सत्र न्यायालय कोर्ट पहुंचकर अर्जी दाखिल करेंगे। सूरत की सीजेएम कोर्ट ने 23 मार्च को राहुल गांधी को मानहानि मामले में दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद अगले दिन राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता खत्म कर दी गई थी। इसके बाद राहुल गांधी को 12 तुगलक लेन का आवास खाली करने का भी नोटिस मिला था।
कोर्ट के बाहर होगा स्वागत
जानकारी के अनुसार सीजेएम कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सेशन कोर्ट में अर्जी दाखिल करने के वक्त राहुल गांधी खुद मौजूद रहेंगे। सूरत शहर कांग्रेस समिति और प्रदेश कांग्रेस समिति ने इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी है। कोर्ट के बाहर ही सूरत शहर के नेता और कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल गांधी का अभिवादन करेंगे और हौसला बढ़ाएंगे। इससे पहले राहुल गांधी 23 मार्च को सूरत पहुंचे थे और फैसला सुनाए जाने के समय कोर्ट में मौजूद रहे थे। राहुल गांधी कोर्ट के फैसले के 11 दिन बाद 3 अप्रैल को अपनी अर्जी लगाएंगे। इस मौके पर राहुल गांधी के वकीलों की टीम और पार्टी के वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे।
राहुल की सजा पर कांग्रेस में क्या एक्शन हुआ, 3 अहम पॉइंट
1. जेल या अपील दो हिस्सों में बंटा था पार्टी नेताओं का फैसला
भास्कर को सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी की सजा के खिलाफ पार्टी भी दो हिस्सों में बंटी हुई थी। एक धड़ा चाहता था कि राहुल फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएं। वहीं, दूसरा धड़ा चाहता था कि राहुल जेल जाएंगे तो पार्टी को सहानुभूति मिलेगी और इसका फायदा आगामी लोकसभा चुनाव में मिलेगा।
2. पार्टी में राय बनी, सियासी और कानूनी लड़ाई लड़ी जाए
सूत्र बताते हैं कि आखिरी राय ये बनी कि लड़ाई सियासी व कानूनी दोनों मैदानों में लड़ी जाए। हालांकि, सजा के खिलाफ कोर्ट जाने को लेकर देरी का कारण पार्टी यही बताती रही कि फैसले का गुजराती से अंग्रेजी में अनुवाद करने में समय लगा।
3. राहुल अपनी लीगल टीम से नाराज
फैसले को चुनौती देने या जेल जाने के फैसले पर भी पार्टी नेतृत्व बंटा हुआ था। एक राय यह थी कि जेल जाने से सहानुभूति की लहर पैदा होगी। दूसरी यह थी कि चुनौती न देना गलती मान लेना समझा जाएगा। अंतिम फैसला सोनिया गांधी पर छोड़ा गया था। बताते हैं कि राहुल गांधी अपनी लीगल टीम से भी खफा हैं, जिसने चार साल से चल रहे इस केस को गंभीरता से नहीं लड़ा।
पटना कोर्ट में 12 अप्रैल को होंगे हाजिर, वहां भी मानहानि का केस
मानहानि के एक अन्य मामले में पटना कोर्ट में राहुल गांधी को 12 अप्रैल को हाजिर होना है। आरोप है कि राहुल ने मोदी सरनेम वालों का चोर कहकर अपमान किया था। बता दें राहुल गांधी पर अलग-अलग राज्यों में मानहानि के पांच मामले दर्ज हैं। इनमें से एक मामले में सूरत कोर्ट उन्हें दो साल की सजा सुना चुका है।
168 पेज का था जजमेंट
कांग्रेस के नेताओं के अनुसार सीजेएम कोर्ट का जजमेंट गुजराती भाषा में था। इसके चलते 168 पेजों के इस जजमेंट को पढ़ने और ट्रांसलेट में समय लगा। राहुल गांधी की अर्जी तैयार कर ली गई है। इसे सेशन कोर्ट दाखिल किया जाएगा। सीजेएम कोर्ट ने राहुल गांधी को अपने फैसले में कोई राहत नहीं दी थी और अधिकतम मुकर्रर सजा दो साल को बरकरार रखा था। इसके चलते राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता चली गई थी। राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद थे। अगर ऊपरी अदालत के अगर उन्हें सजा में राहत मिलती हैं तो उनकी सांसदी बहाल हो सकती है। सूरत की सीजेएम कोर्ट ने जब मानहानि केस में फैसला सुनाया था तो राहुल गांधी को फैसले को चुनौती देने के लिए 30 दिन का समय दिया था।
सूरत की कोर्ट ने 23 मार्च को राहुल को 2 साल कैद की सजा सुनाई। हालांकि, 27 मिनट बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। उन्होंने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। इसके बाद गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस किया था।