लोकसभा ने लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल की सदस्यता बहाल कर दी है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से ठीक पहले आया। लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि केरल हाईकोर्ट ने 25 जनवरी को उनकी सजा पर रोक लगा दी थी, इसलिए लोकसभा में फैजल की अयोग्यता खत्म हो गई है।
यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब लोकसभा से राहुल गांधी की सदस्यता रद्द किए जाने का मुद्दा गर्म है। सूरत हाईकोर्ट ने मानहानि के एक केस में राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद लोकसभा सचिवालय ने लोकसभा से उनकी सदस्यता खत्म कर दी।
फैजल बोले- जितनी जल्दी रद्द की थी, उतनी ही जल्दी बहाल करते
लोकसभा सचिवालय के फैसले के बाद सांसद फैजल ने कहा, ‘मेरी सदस्यता बहाल करने में देरी करने को सही नहीं ठहराया जा सकता। सचिवालय ने सजा मिलने के अगले ही दिन मुझे अयोग्य घोषित कर दिया था। ठीक उसी तरह मेरी सदस्यता बहाल करने में भी जल्दबाजी दिखाते।’
जानिए क्या है लक्षद्वीप के सांसद मो. फैजल से जुड़ा पूरा मामला
NCP सांसद समेत तीन लोग 2009 में एक व्यक्ति की हत्या के प्रयास से जुड़े केस में आरोपी बनाए गए थे। 11 जनवरी 2023 को लक्षद्वीप की एक सेशन कोर्ट ने इस केस में उन्हें 10 साल कैद की सजा सुनाई। इसके बाद दो बार के सांसद रहे फैजल को संसद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इतना ही नहीं चुनाव आयोग ने कावारत्ती सीट पर उपचुनाव की घोषणा भी कर दी थी।
निचली अदालत के इस फैसले के बाद फैजल ने केरल हाईकोर्ट का रुख किया। केरल हाईकोर्ट ने 25 जनवरी को फैजल की सजा पर रोक लगा दी थी।

जज ने कहा था- पीड़ित को गंभीर चोट नहीं लगी थी तो उपचुनाव क्यों
हाईकोर्ट के जस्टिस बेचू कुरियन थॉमस ने कहा था कि उपचुनाव में जबरन फिजूलखर्ची क्यों की जाए। खासकर तब जब लोकसभा का कार्यकाल डेढ़ साल के भीतर खत्म होने वाला है। जस्टिस थॉमस ने यह भी कहा कि मामले में आरोपियों ने कोई खतरनाक हथियार इस्तेमाल नहीं किया था। न ही पीड़ित को कोई गंभीर चोट लगी थी।
चुनाव आयोग ने बात मानकर उपचुनाव पर कार्रवाई न करने का फैसला लिया, लेकिन इसके खिलाफ लक्षद्वीप प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी थी।
जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने 20 फरवरी को केरल हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
आज होनी थी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
अटैम्प्ट टु मर्डर केस में सजा मिलने के बाद लोकसभा सचिवालय ने फैजल की लोकसभा की सदस्यता 11 जनवरी को ही रद्द कर दी थी। 25 जनवरी को केरल हाईकोर्ट के फैसले के बावजूद लोकसभा सचिवालय ने इस बात से इनकार कर दिया था कि भले ही उनकी सजा पर रोक लगा दी गई हो, लेकिन उनको अयोग्य ठहराने का फैसला वापस नहीं लिया जाएगा।
इसके खिलाफ फैजल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसकी सुनवाई बुधवार 29 मार्च को जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच में होनी थी। फैजल ने नई याचिका में लोक प्रहरी केस का हवाला देते हुए दलील दी थी कि एक बार सजा पर रोक लगने के बाद अयोग्यता भी निलंबित हो जाएगी।