लैंड फॉर जॉब्स स्कैम मामले में लालू परिवार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बिहार के डिप्टी CM तेजस्वी यादव से CBI ऑफिस में पूछताछ हो रही है। तो लालू की बेटी मीसा से ED सवाल-जवाब कर रही है।
CBI ऑफिस पहुंचने से पहले तेजस्वी ने कहा कि हमने जांच एजेसिंयों को हमेशा सहयोग किया है। देश का माहौल आजकल आप देख ही रहे हैं। झुकना बहुत आसान है। लड़ना बहुत मुश्किल है। हम लोग लड़ेंगे और जीतेंगे।
तेजस्वी से पूछताछ दिल्ली के CBI दफ्तर में होगी। इससे पहले CBI ने तेजस्वी यादव को तीन बार समन दिया था, लेकिन तेजस्वी पत्नी के बीमार होने की बात कह कर पेश नहीं हुए थे।
इसके बाद तेजस्वी CBI के समन को रद्द करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट पहुंच गए थे। कोर्ट ने डिप्टी CM की CBI के समन को रद्द करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था।
हालांकि CBI ने कोर्ट में कहा कि वे फिलहाल तेजस्वी यादव को गिरफ्तार नहीं करेंगे। CBI आज तेजस्वी यादव से कुछ दस्तावेज दिखाकर उनसे पुष्टि करेगी। ये दस्तावेज लैंड फॉर जॉब्स मामले से जुड़े हुए हैं।
तेजस्वी से CBI किस मामले में पूछताछ कर रही है
मामला लैंड फॉर जॉब्स से जुड़ा है। लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 तक केंद्रीय रेलमंत्री थे। आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद ने परिवार को जमीन हस्तांतरित के बदले रेलवे में नौकरियां दिलवाईं। CBI ने यह भी आरोप लगाया है कि रेलवे में की गई भर्तियां भारतीय रेलवे के मानकों के दिशा निर्देशों के अनुरूप नहीं थीं।
बिल्डिंग के कारण बढ़ी तेजस्वी की मुश्किल
लैंड फॉर जॉब्स मामले में तेजस्वी यादव का नाम फ्रेंड्स कॉलोनी के एक बंगले के कारण आया है। बंगला दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित मकान संख्या D-1088 है। ये एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम रजिस्टर्ड है। इस कंपनी के मालिक तेजस्वी यादव और उनका परिवार है।
इस बंगले का वर्तमान में बाजार मूल्य 150 करोड़ है। इसे खरीदने में मुंबई के जेम्स और ज्वेलरी के कारोबारियों ने पैसा लगाया है। कागज पर यह कंपनी का ऑफिस है, लेकिन तेजस्वी इसे अपने घर की तरह इस्तेमाल करते हैं।
तेजस्वी ने 9 नवंबर 2015 को एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था। इसी मामले में CBI ने तेजस्वी को 28 फरवरी, 4 मार्च और 11 मार्च को समन जारी किया था।
लालू, राबड़ी और मीसा को पहले ही मिल चुकी है जमानत
वहीं इससे पहले लैंड फॉर जॉब्स से जुड़े मामले में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, मीसा भारती को जमानत मिल चुकी है। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने 15 मार्च को जमानत दे दी है। कोर्ट ने 50 हजार के निजी मुचलके पर तीनों को जमानत दी है। इस मामले में अब 29 मार्च को अगली सुनवाई होगी।
रेलवे में लैंड फॉर जॉब्स यानी जमीन के बदले नौकरी देने के कथित भ्रष्टाचार के केस में लालू परिवार को बड़ी राहत मिली है। RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती को जमानत मिल गई है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 50 हजार के निजी मुचलके पर तीनों को जमानत दी है। इस मामले में अब 29 मार्च को अगली सुनवाई होगी।
लालू को व्हीलचेयर पर लेकर पत्नी राबड़ी देवी और बेटी राज्यसभा सांसद मीसा भारती कोर्ट के अंदर पहुंचीं थीं। इस दौरान उन्होंने मीडिया से दूरी बनाए रखी। कोर्ट ने 27 फरवरी को लालू की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती समेत 14 अन्य आरोपियों को समन जारी किया था।
नौकरी के बदले जमीन केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कहा कि यह 600 करोड़ का घोटाला है। जांच में पता चला है कि 350 करोड़ रुपए के प्लॉट और 250 करोड़ रुपए लेनदेन हुए हैं। 24 जगह छापे मारे गए हैं। इनमें एक करोड़ कैश मिले हैं। रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप डी की भर्ती में 50% कैंडिडेट्स की भर्ती लालू परिवार के चुनावी क्षेत्रों से हुई है।
बिहार विधानसभा में सोमवार को कार्यवाही के दौरान ED और CBI पर जमकर हंगामा हुआ। इधर, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सदन के बाहर ईडी और सीबीआई की रेड और उससे जुड़ी खबरों पर म्याऊं कहकर तंज कसा। उन्होंने कहा है कि महागठबंधन की सरकार बनी उस दिन भी छापे पड़े थे। क्रोनोलॉजी को समझिए। उस छापे का क्या हुआ। 8 हजार करोड़ का मामला उठाया गया है। उसका क्या हिसाब है। सभी उछल-उछल कर बोल रहे थे, जो भी डायरेक्टर है, स्क्रिप्ट राइटर है। उसे बदल देना चाहिए। कुछ नहीं मिला है।
देश के 14 राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर केंद्र सरकार पर ईडी व सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। इन दलों का कहना है कि केंद्रीय जांच एजेंसियों के जरिए विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। इसलिए इन एजेंसियों द्वारा गिरफ्तारी व जमानत के मामलों में कोर्ट गाइडलाइन तय करे। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह इस मुद्दे पर 5 अप्रैल को सुनवाई करेगी।
याचिका में कहा गया है कि इस समय विपक्षी दलों के 95 प्रतिशत नेताओं के खिलाफ ईडी, सीबीआई द्वारा जांच की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष शुक्रवार को विपक्षी दलों की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता राजनीतिक दल 2019 के लोकसभा चुनाव में डाले गए वोटों के 42.5 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं।