संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण का शुक्रवार को नौवां दिन है। राहुल गांधी के लंदन में दिए गए बयान पर भाजपा संसद में उनकी माफी की मांग कर रही है। भाजपा का कहना है कि राहुल की संसद सदस्यता रद्द कर दी जाए। इस मुद्दे पर लोकसभा में आज फिर हंगामा हुआ।
विपक्षी दलों ने शुक्रवार सुबह राहुल के मुद्दे पर बैठक की। साथ ही उन्होंने अडाणी मामले पर JPC जांच की मांग को लेकर चर्चा की। इधर, कांग्रेस ने राष्ट्रपति से मिलने के लिए समय मांगा है। कांग्रेस शुक्रवार सुबह 11.30 बजे से 12 बजे के बीच विजय चौक तक पैदल मार्च निकालेगी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे शाम 5 बजे हाईलेवल मीटिंग करेंगे। इसमें सभी राज्यों के अध्यक्ष और बड़े नेता मौजूद रहेंगे। इसके अलावा 14 विपक्षी दल शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। इन दलों का आरोप है कि केंद्र सरकार CBI-ED जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर विपक्ष के नेताओं काे टारगेट कर रही है।
अब तक के अपडेट्स
- राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने की मांग को लेकर सत्तापक्ष ने लोकसभा में हंगामा किया। विपक्ष ने भी अडाणी मामले पर JPC की जांच की मांग को लेकर हंगामा किया।
- लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक और राज्यसभा भी दोपहर 2:30 बजे तक स्थगित कर दी गई है।
- राहुल गांधी को गुरुवार को सूरत की कोर्ट ने 2 साल जेल की सजा सुनाई है। सजा मानहािन के केस में सुनाई गई है। 2019 में राहुल गांधी ने कर्नाटक की रैली में कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। सजा सुनाए जाने के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या राहुल की संसद सदस्यता चली जाएगी।
राहुल गांधी की सजा पर 2 बयान…
1. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा: राहुल गांधी का अहंकार बहुत बड़ा और समझ बहुत छोटी है। अपने राजनीतिक लाभ के लिए उन्होंने पूरे OBC समाज का अपमान किया। उन्हें चोर कहा। पूरा OBC समाज प्रजातांत्रिक ढंग से राहुल से इस अपमान का बदला लेगा।
2. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे: भाजपा लोगों को मुद्दे से भटकाने के लिए ऐसी बातें कर रही है। कौन इस देश के पैसे लेकर भाग गए? SBI और LIC के पैसे लेकर कौन अमीर बनें? इसका जवाब दीजिए।
उधर संसद में आज भी हंगामा हो रहा है। लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही स्थगित हो गई। राज्यसभा में भी विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी की। उच्च सदन को दोपहर 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। राहुल गांधी को मानहानि केस में सजा से बीजेपी को मौका मिल गया है। वहीं, कांग्रेस को एक कदम पीछे लेकर रणनीति बदलनी पड़ रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार शाम शीर्ष पदाधिकारियों की अहम बैठक बुलाई है। इसमें स्टीयरिंग कमिटी के सदस्य, प्रदेश कांग्रेस समितियों के अध्यक्ष, CLP नेता और संगठन प्रमुख हिस्सा लेंगे।
राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, सदन से हास्य गायब हो गया है। बीच में कांग्रेस के दिग्विजय सिंह कुछ बोलने उठे तो सभापति ने शेर पढ़ा, ‘ताकत अपने लफ्जों में डालो आवाज में नहीं, क्योंकि फसल बारिश से उगती है बाढ़ से नहीं।’ इसपर नेता विपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे खड़े हुए और कहा कि जब सूखा पड़ता है तो हंसता कौन है। सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सूखा पड़े या बाढ़ आए ये तो विधाता के हाथ में है। फिर सभापति ने एक और शेर पढ़ा, ‘इतना मत बोलो कि लोग चुप होने का इंतजार करें, इतना बोलकर चुप हो कि दोबारा बोलने का इंतजार करें।’
सभापति जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा में वकालत के दिनों का किस्सा सुनाया। बकौल धनखड़, ‘एक जज साहब वकील की लंबी-लंबी दलीलों से तंग आ गए। उन्होंने वकील से कहा, क्या आप ब्रीफ में आर्ग्यू नहीं कर सकते? वकील बाहर गया और… (निचले भाग की ओर इशारा करते हुए)।’ फिर सभापति ने कहा कि ऐसा ह्यूमर कहां खो गया है।
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया। सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी की। स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि ‘मेरा आग्रह है कि सदन चले। सदन न चलने से मेरा मन दुखी होता है।’ इसके बाद स्पीकर ने लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।