पटना के गांधी मैदान में बुधवार की रात आयोजित बिहार दिवस 2023 में बॉलीवुड के सिंगर जावेद अली की सुरीली आवाज में सभी का दिल जीत लिया। देर रात 9 बजे के करीब जब गांधी मैदान में बने स्टेज पर जावेद अली ने एंट्री ली तो जावेद – जावेद के शोर से पूरा मैदान गूंज उठा। म्यूजिक और लाइट्स के बीच जावेद को देख लोगों ने दिल थाम लिया। जावेद अली की सुरीली आवाज में सभी का दिल जीत लिया। उन्होंने एक से बढ़कर एक गाने गाए और दूसरी तरफ पटना वासी झूमते नजर आए। जावेद अली ने सबसे पहले तू मेरी अधूरी प्यास, तू आ गयी मन को रास रास, अब तो, आजा पास-पास, है गुजारिश।
इसके बाद उन्होंने कहने को जश्न-ए-बहारा है, दिल ये देख के हैरां हैं, फूल से खुशबू खफा-खफा है गुलशन में…फिर उन्होंने बजरंगी भाई जान फिल्म में गाया हुआ गाना, तू जो मिला लो हो तू गया मैं काबिल, तू जो मिला तो हो गया सब हासिल हां, मुश्किल सही आसां हुई मंजिल. इसके बाद सीधे सादे सारा, सौला सीधा सीधा होना जी, मैंने तुमको पाना है, या तुने मैं को खोना जी… और फिर उनका अगला गाना सूफी गीत था जिसके बोल थे- वो जो मुझमें समाया, वो जो तुझमें समाया, मौला वही वही माया, कुन फायाकुन। इन सब गानों को सुनकर हर तरफ उसे तालियां गूंज उठी।
बैक टू बैक गाए 5 गाने
सबसे पहले उन्होंने अपनी नई हाली के फिल्म भोला में गाए गए गाने नजर लग जायेगी, फिर मेरी हर मनमानी बस तुम तक….बातें बचकानी बस तुम तक…मेरी नज़र दीवानी बस तुम तक, इसके बाद तुमको, फिर दिल इबादत कर रहा है धड़कने मेरी सुन…..तुझको मैं कर लूँ हासिल लगी है यही धुन, फिर चांद छुपा बदल में, शर्मा के मेरी जाना…फिर आंखो की माफ हो….आंखों की गुस्ताखियां माफ़ हो और भी अन्य गाने का है जिससे लोगों का दिल उन्होंने जीत लिया।
जावेद अली के गानों पर झूमते नजर आए लोग
इसके बाद उन्होंने हाल ही में गाए अपनी सुपरहिट गाने में से एक गाना श्रीवाली गाते हुए नजर आए। नज़रें मिलते ही नज़रों से, नज़रों को चुराये, कैसी ये हया तेरी, जो तू पलकों को झुकाये, रब जो पोशीदा है, उसको निहारे तू, और जो गरवीदा है, उसको टाले तू, तेरी झलक अशरफी श्रीवल्ली गया और इसके बाद भी कई एक गाने गाए जिसको सुन कर पटना वासी झूमते नजर आए।परफॉर्मेंस के दौरान टूटी सैकड़ों की संख्या में कुर्सियां, खड़े हो कर देखते रही पटना पुलिस।बता दिए कि एक तरफ जावेद अली का परफॉर्मेंस चल रहा था और दूसरी तरफ काफी संख्या में भीड़ उन्हें देखने आई थी। हालांकि सभी के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई थी कि VVIP, VIP और जनरल के लिए अलग-अलग जगह बनायी गई थी। लेकिन लोगों ने हुड़दंग करना शुरू कर दिया और मौके पर मौजूद सैकड़ों की संख्या में कुर्सियां को तोड़ दिया। जो भी अलग-अलग बैरिकेडिंग किए गए थे उसे भी लोगों ने तहस-नहस कर दिया। इसके साथ ही मीडिया कर्मियों के लिए बनाए गए स्टेज तक लोगों की भीड़ पहुंच गई जिसके बाद कई मीडिया कर्मियों का कैमरा गिरने से बचा और उन्हें वहां से वापस जाना पड़ा। पटना पुलिस भील बढ़ जाने के बाद उसे संभालने में विफल नजर आई।
राजधानी में बिहार दिवस पर बुधवार को दिनभर गहमा–गहमी रही। गांधी मैदान में आयोजित बिहार दिवस समारोह में कई कार्यक्रम आयोजित किये गये‚ वहीं राजधानी के विभिन्न स्कूलों‚ कॉलेजों एवं अन्य संगठनों की ओर से विविध तरह के कार्यक्रम आयोजित किये गये‚ जिसमें बड़़ी संख्या में लोगों ने पूरे उत्साह से भाग किया। राजधानी के विभिन्न स्कूलों की ओर से प्रभातफेरी निकाली गई‚ जिसमें छात्र–छात्राओं का उत्साह देखते बना। यहां आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में मैथिली ठाकुर‚ जावेद अली‚ दीपाली सहाय समेत कई कलाकार भाग ले रहे हैं। इस मौके पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों का सिलसिला बृहस्पतिवार को भी जारी रहेगा। इस साल बिहार दिवस का कार्यक्रम त्रि–दिवसीय (२२–२४ मार्च‚ २०२३) रखा गया है‚ जिसके लिए निर्धारित थीम सात निश्चय भाग–२ ‘युवा शक्ति बिहार की प्रगति’ है। ऐसे में‚ विभिन्न कार्यक्रमों को अधिक से अधिक युवाओं से जोड़़ने का प्रयास किया गया है। राजधानी के मुख्य मंच गांधी मैदान में सिनेमा जगत के गायक‚ जावेद अली‚ मैथिली ठाकुर‚ इंडियन आसियान बैंड‚ दीपाली सहाय‚ ऐश्वर्य निगम एवं सलमान अली द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जा रहे हैं। वहीं‚ रविन्द्र भवन में शंभू शिखर और टीम द्वारा कवि सम्मेलन‚ कासिम खुर्शीद और टीम द्वारा मुशायरा एवं चंदन तिवारी द्वारा लोक गीत की प्रस्तुति होगी। ललित कला अकादमी में पेंटिंग‚ पटना आर्ट कॉलेज में मूर्तिकला तथा आर्यभ^ ज्ञान विश्वविद्यालय‚ पटना में ्क्रिरप्ट राइटिंग की कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। पटना स्थित मोना सिनेमा हॉल में तीन दिनों तक चुनिंदा फिल्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है। इसमें आमजन के लिए ‘पहले आओ‚ पहले पाओ’ की तर्ज पर निःशुल्क प्रवेश रखा गया है। बिहार म्यूजियम में भी महिला लोक कलाकारों की कलाओं की प्रदर्शनी आयोजित की गई है‚ जिसके साथ ही स्कूली बच्चों का पूरे राज्य के म्यूजियम का निःशुल्क भ्रमण कराया जा रहा है।
बिहार की संस्कृति प्राचीन काल से ही समृद्ध रही है। यह महापुरुषों‚ ऋषि–मुनियों के साथ–साथ हर क्षेत्र में अग्रणी महात्माओं की धरती रही है। बिहार दिवस पर सांस्कृतिक झलक को प्रदर्शित कर हमारे विद्यार्थी उस विरासत को जीवंत कर रहे हैं। यह बातें शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहीं। वह बिहार दिवस के अवसर पर श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के शुभारंभ के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे।
शिक्षा विभाग की ओर से कार्यक्रम के आयोजन को लेकर पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय को नोडल विश्वविद्यालय बनाया गया है। उन्होंने बेहतर आयोजन के लिए पाटलिपुत्र विवि के कुलपति प्रो. आरके सिंह को धन्यवाद दिया। कहा कि पीपीयू का स्थापना दिवस समारोह होने के बाद भी बेहतर आयोजन कराया गया। इस मौके पर पाटलिपुत्र विवि के कुलपति ने कहा कि छात्रों के बहुमुखी विकास में शिक्षा के साथ–साथ खेल व सांस्कृतिक गतिविधियों का होना जरूरी है। ऐसे में यह आयोजन संजीवनी का कार्य करेगा। पटना विवि के कुलपति प्रो. जीके चौधरी ने कहा कि पीपीयू ने बेहतर आयोजन किया है। इससे छात्रों की छिपी प्रतिभा को निखारने में मदद मिलेगी। टीएमबी भागलपुर विवि के कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने कहा कि सांस्कृतिक आयोजन होने से बच्चों में नई उर्जा मिलती है। नालंदा खुला विवि के कुलपति प्रो. केसी सिन्हा ने कहा कि बिहार के बच्चे हर क्षेत्र में बेहतर कर रहे हैं।
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह‚ पीपीयू कुलपति प्रो. आरके सिंह‚ पीयू कुलपति प्रो. गिरीश चौधरी‚ एनओयू कुलपति प्रो. केसी सिन्हा‚ टीएमबी भागलपुर के कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम का संचालन एएन कॉलेज की छात्रा शिमरन ने किया। इसके बाद रविंद्र भवन में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। यहां पीपीयू के प्रो. अरुण कुमार सिंह एवं प्रो. कमल प्रसाद बौद्ध ने शिक्षा पवेलियन में कॅरियर काउंसिलिंग को लेकर छात्रों को जानकारी दी। गीत–संगीत की धुन में गोता लगाते रहे लोग राज्य के पारंपरिक विवि से आए छात्र–छात्राओं की एक से बढकर एक गीत–संगीत की प्रस्तुति में सभी झूमते रहे। बुधवार को शास्त्रीय‚ उपशास्त्रीय‚ सुगम‚ भजन‚ गजल‚ लोक गायन (समूह) गीत की प्रस्तुति हुई। इसमें पीपीयू के शास्त्रीय एकल में जया कुमारी‚ सुगम में काजल कुमारी‚ उपशास्त्रीय में कमलेश कुमार एवं समूह लोक गायन में साची सजल एवं उनकी टीम ने प्रस्तुति दी। मगध विवि के सुगम संगीत में रोहित शरण सिंह‚ उप शास्त्रीय में प्रियंका कुमारी‚ लोक गायन में नवनीत कुमार की टीम ने प्रस्तुति दी। जयप्रकाश विवि छपरा की समीक्षा भारती ने शास्त्ररीय‚ नेहा कुमारी ने उप शास्त्रीय व सत्यजीत कुमार ने सुगम संगीत की प्रस्तुति दी। एलएनएमयू विवि‚ दरभंगा की पूजा कुमारी ने शास्त्रीय‚ भारती ने उपशास्त्रीय व बंटी की टीम ने समूह में प्रदर्शन किया। तिलका मांझी विवि‚ भागलपुर के सूरज कुमार जायसवाल ने शास्त्रीय‚ पद्मा कुमारी मिश्र ने उप शास्त्रीय एवं प्रीति ने सुगम एवं राजन शक्ति ने समूह गायन की प्रस्तुति दी। मौके पर कार्यक्रम संयोजक प्रो. दुर्गा शंकर प्रधान‚ प्रो. मनोज कुमार‚ जेडी वीमेंस कॉलेज प्राचार्य प्रो. मीरा कुमारी‚ प्रो. रेखा मिश्रा आदि उपस्थित थे।