बिहार विधानसभा में आज भी हंगामा हो रहा है। कार्यवाही से पहले बीजेपी विधायक हरिभूषण बचौल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने नीतीश कुमार से अपना हेल्थ कार्ड जारी करने की मांग की है।
बीजेपी विधायक ने कहा है कि मुख्यमंत्री को सदन में अपना प्रश्न खोजने में कई मिनट लग जाते हैं। कल सीएम ने दो बार खुद को गृहमंत्री बताया। वो वैसे लोगों से घिरे हैं जो उन्हें गलत रास्ते पर ले जा रहे हैं। पहले भी सार्वजनिक कार्यक्रम में देखा गया है कि वो विस्मृत हो जाते हैं।
बचौल के बयान पर राजद कोटे से मंत्री भाई वीरेंद्र ने कहा कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव भाजपा के लोगों का इलाज कर रहे हैं। 2024 में पूरी तरीके से ठीक कर देंगे।
वहीं ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि बचौल को कौन जानता है, कौन पहचानता है, कोई उन्हें नोटिस नहीं करता है। जो व्यक्ति 17 साल से मुख्यमंत्री है, उस पर इस तरह का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने बिहार को कहां से कहां पहुंचा दिया।
सदन के बाहर प्रदर्शन
बिहार विधानसभा के बाहर भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने प्रदर्शन किया है। फसल की बर्बादी के मुआवजे के साथ-साथ अपराध, भ्रष्टाचार और शिक्षकों की नियुक्ति किए जाने की मांग को लेकर सरकार को घेरा। पार्टी का कहना है कि सरकार हर मांग पर मूकदर्शक बनी हुई है। आज हम सदन के अंदर भी पूरे मामले को उठाएंगे।
विधायकों का आरोप है कि सरकार शिक्षक नियुक्ति नहीं कर रही है। किसानों की जो फसल बर्बाद हुई है, उस पर आज तक मुआवजे की घोषणा नहीं हुई है। राज्य में अपराध और भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है।
तुषार के परिजनों को मिले 50 लाख- पूर्व डिप्टी सीएम
पूर्व उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने कहा है कि राज्य में हालात काफी खराब हैं। अपराध-भ्रष्टाचार के साथ-साथ सरकार शिक्षक की नियुक्ति नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि बिहटा में जिस तरीके से तुषार की हत्या हुई है, यह पुलिस की नाकामी है। हम उनके परिजन को 50 लाख का मुआवजा देने की मांग करते हैं।
तुषार के हत्यारे का भाजपा से कनेक्शन- माले
भाकपा माले के विधायकों ने भी विधानसभा के बाहर आज जमकर हंगामा किया। माले विधायकों ने तुषार हत्याकांड के आरोपी मुकेश का कनेक्शन भारतीय जनता पार्टी से बताया। इसकी न्यायिक जांच की मांग की। कहा कि आज सदन में यह बातें हम उठाएंगे। हमारी टीम कल बिहटा गई थी और जानकारी मिली कि उसका कनेक्शन भाजपा से है। मनीष कश्यप का भी भाजपाई कनेक्शन है।
मंगलवार को पहली पाली में प्रश्नोत्तर काल में तारांकित प्रश्न, अल्पसूचित प्रश्न और शून्यकाल के प्रश्न लिए जाएंगे। इसके अलावा ध्यानाकर्षण के भी सवाल लिए जाएंगे। वही दूसरी पाली में वित्तीय कार्य किए जाएंगे। इसमें स्वास्थ्य विभाग, समाज कल्याण विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग के बजट अनुदान मांग पेश किए जाएंगे। इसके अलावा विधानमंडल के बजट अनुदान पर भी चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही कटौती प्रस्ताव भी पेश किए जाएंगे।
बिहार विधानसभा में आज बीजेपी ने शराबबंदी का मामला मजबूती के साथ उठाया। बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने सरकार से सवाल पूछा कि शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद बिहार में शराब कहां से बरामद हो रही है और लोगों की मौते हो रही है। इसपर विभागीय मंत्री सुनील कुमार ने सदन में माना कि शराबबंदी एक चनौतीपूर्ण काम है। बाहर से शराब राज्य के भीतर नहीं आए इसकी व्यवस्था की गई है। सदन में मंत्री ने माना बिहार में शराब अवैध कमाई का जरिया है।
दरअसल, बिहार में शराबबंदी लागू होने के बावजूद शराब बरामदगी का मामला बीजेपी ने विधानसभा में उठाया। बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने सदन में सरकार से सवाल पूछा कि बिहार में शराबबंदी के बाद शराब से कितनी मौतें हुईं हैं। इसके साथ ही बीजेपी विधायक ने शराब पीकर मरने वालों के आश्रितों को मुआवजा देने की मांग सरकार से की। बीजेपी विधायक ने कहा कि बिहार में शराबबंदी के बाद से अबतक पांच लाख लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पूरे बिहार में शराब खुलेआम बिक रही है। उन्होंने कहा कि मंत्री ने खुद माना है कि बिहार में भारी मात्रा में शराब की बरामदगी हो रही है। उन्होंने पूछा कि जब बिहार में शराबबंदी है तो इतनी शराब कहां से मिल रही है।
विपक्ष के सवाल का जवाब देते हुए मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार सदन को बताया कि बिहार में शराबबंदी कानून दोनों सदनों की सर्वसम्मति से पारित किया गया था। शराबबंदी को ठीक ढंग से लागू करना एक चुनौती का काम है। राज्य की सीमा से जितने भी लगे हुए दूसरे राज्य है, सब खुला बॉर्डर है। ऐसे में उन सीमा क्षेत्रों में शराब को रोकने के लिए हर तरह की व्यवस्था की गई हैं। वहीं जहरीली शराब से हुई मौतों पर बोलते हुए मंत्री ने कहा कि जो भी मौते हुई हैं उनका शराबबंदी से कोई लेना देना नहीं है। क्योंकि शराब अवैध कमाई का एक जरिया है। इस दौरान उन्होंने शराब से हुई मौतों को लेकर दूसरे राज्यों के आंकड़े से बिहार की तुलना की। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों को सीधे मुआवजा देने का प्रावधान शरबाबंदी कानून में नहीं है। मंत्री ने बताया कि बिहार में शराबबंदी कानून के तहत 749410 लोग गिरफ्तार हुए हैं।