केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और डेयरी उद्योग के दिग्गजों ने कहा है कि दुनिया की सर्वोच्च डेयरी के रूप में उभरने के लिए भारत को पशु उत्पादकता बढ़ाने, बेहतर पालन-पोषण और नस्ल सुधार पर ध्यान देना चाहिए। गांधीनगर में आयोजित भारतीय डेयरी संघ (इंडियन डेयरी एसोसिएशन) के 49वें डेयरी उद्योग सम्मेलन और प्रदर्शनी के कल उद्घाटन सत्र में उन्होंने यह बात कही।
पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि भारतीय डेयरी उद्योग तेजी से आगे बढ़ रहा है और इसमें दुनिया के लिए दूध और डेयरी सुरक्षा सुनिश्चित करने की क्षमता है। समय की मांग है कि नस्ल सुधार एवं बेहतर पालन-पोषण पर ध्यान दिया जाए। प्रति मवेशी 2.5-3 लीटर के औसत दूध उत्पादन के साथ हम दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक हैं। यदि हम उत्पादकता को 10 लीटर तक बढ़ा दें तो हम दूध उत्पादन और डेयरी उद्योग में वैश्विक लीडर बन सकते है। इस लक्ष्य को हासिल करने और डेयरी उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए पशु उत्पादकता और नस्ल सुधार करने की जरूरत है।
हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्रीश्री @narendramodi जी ने डेयरी विकास के लिए जो ढांचा विकसित किया है वो निश्चित रूप से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में एवं ‘सहकार से समृद्धि’ और ‘अमृतकाल की भावना के साथ सहकार की भावना’ को जोड़ने में प्रबल योगदान देगा। pic.twitter.com/Vn2pS8TbQD
— Parshottam Rupala (@PRupala) March 16, 2023
नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने कहा है कि भारत में हर साल दूध उत्पादन में 6 पर्सेंट की वृद्धि को देखते हुए देश को अपने दूध उत्पादन के लिए विदेशों में बाजार तलाशने की जरूरत है। इंडियन डेयरी एसोसिएशन (IDA) द्वारा गांधीनगर में आयोजित 49वें डेयरी उद्योग सम्मेलन और एक्सपो को संबोधित करते हुए चंद ने कहा कि विदेशों में सप्लाई चेन बनाने की जरूरत है, जिस तरह से देश में किया गया है। उन्होंने कहा, ‘एक समय हम अमेरिका की तुलना में कम दूध का उत्पादन कर रहे थे। आज हम अमेरिका के मुकाबले दोगुना दूध का उत्पादन करते हैं।’
‘दुग्ध उत्पादन की वृद्धि लगभग 6 प्रतिशत’
चंद ने कहा, ‘इससे पहले 1960 के दशक में हमारे दुग्ध उत्पादन की वृद्धि दर लगभग एक प्रतिशत थी, लेकिन अब यह 6 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1950-51 में देश में प्रति व्यक्ति दूध की खपत केवल 124 ग्राम प्रतिदिन थी और वर्ष 1970 तक यह आंकड़ा घटकर 107 ग्राम प्रतिदिन रह गया। देश में दूध की दैनिक खपत वर्ष 1970 में प्रति व्यक्ति 107 ग्राम के निचले स्तर से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 427 ग्राम प्रति व्यक्ति हो गई, जबकि वर्ष 2021 के दौरान विश्व औसत 322 ग्राम प्रतिदिन थी।’
‘भारत में हर साल हो रहा 22 करोड़ टन दूध’
नीति आयोग के सदस्य ने कहा, ‘भारत हर साल 22 करोड़ टन से अधिक दूध का उत्पादन कर रहा है, इसलिए दूध के लिए बाजार खोजना बहुत महत्वपूर्ण है।’ उन्होंने कहा कि भारत को विदेशों में सप्लाई चेन बनानी चाहिए। चंद ने कहा कि भारतीय डेयरी और पशुपालन प्रति वर्ष कुल कृषि विकास में लगभग आधा योगदान दे रहे हैं। डेयरी उद्योग के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में चंद ने कहा कि प्रति पशु दूध उत्पादकता, नस्ल सुधार और डेयरी उद्योग में रसायनों का उपयोग दूध उद्योग के सामने आने वाली चुनौतियां हैं।
Team NCDFI with Chairman and BoD members at NCDFI stall at 49th DIC. pic.twitter.com/baRyepsRki
— National Cooperative Dairy Federation of India Ltd (@ncdficoop) March 17, 2023
27 साल के बाद हो रहा है यह सम्मेलन
इस मौके पर केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि भारत को दुनिया की डेयरी के रूप में उभरने के लिए नस्ल सुधार और पशु उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। 27 साल के अंतराल के बाद गुजरात में हो रहा यह 3 दिन का सम्मेलन भारत और विदेशों के डेयरी विशेषज्ञों और पेशेवर, डेयरी सहकारी समितियां, दुग्ध उत्पादक, सरकारी अधिकारी, वैज्ञानिक, नीति निर्माताओं और योजनाकारों, शिक्षाविदों और अन्य हितधारकों को एक मंच पर लेकर आया है। सम्मेलन का विषय ‘दुनिया के लिए भारत डेयरी: अवसर और चुनौतियां’ है।
Sh. Sudhir Kumar Singh, MD, JMF paid a visit to the NCDFI stall today at IDA’s 49th DIC at Gandhinagar. pic.twitter.com/zDYZLqZLYi
— National Cooperative Dairy Federation of India Ltd (@ncdficoop) March 17, 2023
27 साल बाद गुजरात में आयोजित हो रहे इस तीन दिवसीय सम्मेलन में बड़ी संख्या में भारत और विदेशों के डेयरी विशेषज्ञ और व्यवसायी, डेयरी सहकारी समितियां, दूध उत्पादक, सरकारी अधिकारी, वैज्ञानिक, नीति निर्माता और योजनाकार, शिक्षाविद और अन्य हितधारक एक साथ एक प्लेटफार्म पर एकत्रित हुए है। इस सम्मेलन का विषय “दुनिया के लिए भारत डेयरी : अवसर और चुनौतियां” है। इंडियन डेयरी एसोसिएशन के अध्यक्ष आरएस सोढ़ी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “पिछली बार जब गुजरात के आणंद में 1996 में डेयरी उद्योग सम्मेलन हुआ था तब भारत का दूध उत्पादन केवल 7.1 करोड़ टन था जो अब बढ़कर 22.2 करोड़ टन हो गया है। भारत का दूध उत्पादन तीन गुना बढ़ा है। इसकी तुलना में गुजरात में यह 30 लाख लीटर प्रतिदिन से नौ गुना बढ़कर 270 लाख लीटर हो गया है।”
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के अध्यक्ष मीनेश शाह ने इस मौके पर कहा, “हमारे पास विजन 2047 के लिए एक रूपरेखा तैयार है। इस समय तक हम गोजातीय उत्पादकता को चार गुना बढ़ाने, डेयरी निर्यात को कुल वैश्विक डेयरी निर्यात का 15 फीसदी तक बढ़ाने और सीओपी 26 (COP26) लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए स्थायी ग्रीन प्रैक्टिस का निर्माण की योजना बना रहे हैं।” वर्ष 2021-22 में देश का दूध उत्पादन 22 करोड़ टन से अधिक था। लगातार बढ़ती आबादी, खरीद शक्ति बढ़ने और पोषण पर बढ़ते ध्यान से वर्ष 2047 तक दूध उत्पादन 62.8 करोड़ टन तक पहुंच जाने की उम्मीद है। इस समय घरेलू डेयरी बाजार 13 लाख करोड़ रूपये का है जिसके वर्ष 2027 तक 30 लाख करोड़ से अधिक हो जाने का अनुमान है।
उद्घाटन सत्र में डेयरी उद्योग सम्मेलन की एक स्मारिका का भी अनावरण किया गया। इस अवसर पर डेयरी उद्योग के विकास में योगदान के लिए व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित करने के लिए इंडियन डेयरी एसोसिएशन के पुरस्कार भी प्रदान किए गए। इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन (IDF) के अध्यक्ष पियर क्रिस्टियानो ब्रेज़ाले ने वैश्विक डेयरी उदयोग के बारे में अपने विचार पेश किए। तीन दिवसीय इस सम्मेलन में दूध उत्पादन, भंडारण, प्रसंस्करण और पैकेजिंग समाधानों में नवीनतम तकनीकों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है।
Best Women Dairy farmer in the country Award से सम्मानित
झारखण्ड राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक महासंघ के देवघर इकाई (मेधा डेयरी) से जुड़ी महिला दुग्ध उत्पादक निकिता कुमारी को गांधीनगर गुजरात में आयोजित इंडियन डेयरी एसोसिएशन के 49वां डेयरी इंडस्ट्री कॉन्फ्रेंस में कार्यक्रम में पूर्वी क्षेत्र से Best Women Dairy farmer in the country Award से सम्मानित किया गया. निकिता को डेयरी के क्षेत्र में उम्दा कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया.
निकिता कुमारी को केन्द्रीय मतस्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री (भारत सरकार) पुरुषोत्तम रूपाला के द्वारा राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष मिनेश शाह, इंडियन डेयरी एसोसिएशन के अध्यक्ष आर एस सोढ़ी तथा झारखण्ड दुग्ध महासंघ एवम इंडियन डेयरी एसोसिएशन के पूर्वी प्रक्षेत्र के अध्यक्ष सुधीर कुमर सिंह की उपस्थिती में पुरस्कृत किया गया. यह पुरस्कार निकिता को डेयरी के क्षेत्र में उम्दा कार्य करने के लिए दिया गया है. कार्यक्रम में पूरे देश तथा विदेशों से डेयरी उद्योग से जुड़े लोग तथा डेयरी किसान सम्मिलित हुए थे.
केशव
17/03/23