संसद के दोनों सदनों में पक्ष और विपक्ष की ओर से हो रही नारेबाजी के कारण पिछले चार दिनों से कामकाज ठप है। राहुल गांधी के ‘लोकतंत्र पर हमले’ वाले बयान को देश का अपमान बताते हुए बीजेपी उनसे माफी की मांग कर रही है, वहीं सभी विपक्षी दल अडानी विवाद की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग कर रहे हैं । बृहस्पतिवार को राहुल गांधी पहली बार संसद पहुंचे और उन्होंने कहा कि अगर उन्हें अनुमति दी जाए तो वे इसपर कुछ बोलना चाहेंगे । अहम बात यह है कि राहुल गांधी ने ब्रिटेन में लोकतंत्र का गला घोंटने की बात करके और संसद में बोलने से रोकने का इल्जाम लगाकर बीजेपी को एक बड़ा मुद्दा दे दिया है । अब विरोधी दलों के नेताओं को लग रहा है कि राहुल के चक्कर में उनका नुकसान हो गया है । अडानी के नाम पर उन्होंने जो कैंपेन खड़ा किया था उसकी हवा निकलती जा रही है । इस समय हालत ये है कि दोनों पक्ष संसद और मीडिया का इस्तेमाल एक-दूसरे पर हावी होने के लिए कर रहे हैं। दोनों जनता के सामने साबित करना चाहते हैं कि मेरी कमीज़ तुम्हारी कमीज़ से ज्यादा सफेद है । इस चक्कर में संसद का काम ठप पड़ा है। ये जनता के पैसे की बर्बादी है ।