अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) के हमले के बाद गौतम अडानी (Gautam Adani) फाइट बैक कर रहे हैं। अडानी निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए लगातार कोशिशें कर रहे हैं। उन्होंने निवेशकों को लोन रीपेमेंट का भरोसा दिलाया, निवेशकों के सामने अपनी संपत्ति, अपने एसेट्स की जानकारी दी। अब वो रोडशो कर रहे हैं। 28 फरवरी से 1 मार्च तक गौतम अडानी की कंपनी ने सिंगापुर और हांगकांग में रोडशो किया। इस रोडशो का असर अडानी के शेयरों (Adani Shares) पर दिखने लगा। रोडशो के बाद निवेशकों का भरोसा बढ़ा तो अडानी के शेयरों में तेजी लौटी। अब अडानी तीन और देशों में रोडशो करने जा रहे हैं। आज यानी 7 मार्च से अडानी समूह दुबई, लंदन और अमेरिका के कई शहरों में रोडशो करने जा रहे हैं। 7 फरवरी से 15 मार्च तक होने वाले रोडशो को लेकर अडानी समूह उत्साहित है। इस रोडशो को अडानी ग्रुप के चीफ फाइनेंस ऑफिसर जुगशिंदर सिंह लीड कर रहे हैं।
अडानी का रोड शो
अडानी ग्रुप आज से अमेरिका, लंदन और दुबई में रोड-शो करने जा रहा है। इस रोडशो को फिक्स्ड इनकम रोड-शो (Fixed Income Roadshow) का नाम दिया गया है। इस रोडशो की मदद से अडानी निवेशकों का भरोसा जीतने की कोशिश कर रहे हैं। ग्रुप को उम्मीद है कि इन रोड-शो के जरिए वो निवेशकों से मिल पाएंगे। उनके सामने अपनी कंपनी की स्थिति, अपने एसेट्स की जानकारी, लोन और अपने ऊपर के कर्ज की जानकारी देकर उनका भरोसा बढ़ा पाएंगे। रोडशो से पहले अडानी समूह ने निवेशकों का विश्वास जीतने के लिए कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने इससे पहले बॉन्डहोल्डर्स के साथ कॉल और मीटिंग के जरिए हिंडनबर्ग के आरोपों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की थी। कंपनी ने सिंगापुर, हांगकाग के रोडशो से पहले बार्कलेज, बीएनपी, परिबास, डीबीएस बैंक, ड्यूश बैंक, मिजुहो , स्टैंडर्ड चार्टर्ड जैसे बड़े निवेशकों के लिए रोडशो किया। हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर स्टॉक मैनिपुलेशन, ओवर प्राइसिंग जैसे गंभीर आरोप लगाए। इस रिपोर्ट के बाद अडानी के शेयरों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। वहीं रोडशो के बाद से अडानी के शेयरों में निवेश बढ़ा, निवेशकों का भरोसा बढ़ा। जिसका असर शेयरों के दाम पर दिखने लगा है। पांच दिनों में अडानी का मार्केट कैप 2 लाख करोड़ के करीब बढ़ गया।