बरसाना की प्रसिद्ध लट्ठमार होली आज 28 फरवरी को है. आज के दिन रवि योग बना है. रवि योग में बरसाना की गोपियां नंदगांव के हुरयारों के साथ लट्ठमार होली का आनंद लेंगी. आज नंदगांव के हुरयारे लट्ठमार होली खेलने के लिए बरसाना आते हैं, जहां पर महिलाएं, जिनको हुरियारिन कहते हैं, वे रंग, गुलाल, पान, मिठाई और लट्ठ से उनका स्वागत करती हैं. आज रवि और प्रीति योग में लट्ठमार होली मनाई जाएगी.
लट्ठमार होली 2023
तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव बताते हैं कि हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को लट्ठमार होली खेली जाती है. इसका निमंत्रण एक दिन पूर्व यानि फाल्गुन शुक्ल अष्टमी को बरसाना से नंदगांव भेजा जाता है.
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि आज 02 बजकर 21 एएम पर शुरू हुई है और यह 01 मार्च को प्रात: 04 बजकर 18 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि के आधार पर फाल्गुन शुक्ल नवमी आज 28 मार्च को है, इसलिए आज बरसाना में लट्ठमार होली खेली जाएगी.
रवि और प्रीति योग में लट्ठमार होली
आज लट्ठमार होली के दिन रवि योग और प्रीति योग है. रवि योग आज सुबह 07 बजकर 20 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 06 बजकर 47 मिनट तक है. प्रीति योग शाम को 04 बजकर 26 मिनट से पूरी रात रहेगा. आज का शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से दोपहर 12 बजकर 57 मिनट तक है. आज रोहिण नक्षत्र सुबह 07 बजकर 20 मिनट तक है, उसके बाद से मृगशिरा नक्षत्र है.
कैसे खेलते हैं लट्ठमार होली?
नंदगांव के हुरयारे बरसाना में आते हैं. हुरियारिन उन पर रंग और गुलाल डालती हैं. वे हुरियारिन के साथ हंसी-ठिठोली करते हैं. इस दौरान हुरियारिन उनको डंडे से मारती हैं और हुरयारे ढाल से अपना बचाव करते हैं. इस दौरान गीत, संगीत, नृत्य आदि का आयोजन होता है. कई बार हुरियारिन हुरयारों को पकड़कर महिलाओं की वेशभूषा में उनसे नृत्य कराती हैं. यह सारा कार्यक्रम हंसी मजाक के माहौल में होता है.
कैसे शुरु हुई लट्ठमार होली?
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान श्रीकृष्ण ग्वाल बाल के साथ राधाजी से मिलने के लिए बरसाना गए थे. वहां पर वे और उनके सखा गोपियों को चिढ़ाने लगे. इस पर गोपियों उनके पीछे डंडा लेकर पड़ गईं. लट्ठमार होली के पृष्ठभूमि में यही घटना है.