बिहार सरकार में सहकारिता मंत्री सुरेंद्र प्रसाद यादव के अग्निवीर भर्ती को लेकर दिए गए बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। यादव के बयान में ‘हिजड़ों की फौज’ जैसे शब्द इस्तेमाल किए जाने को लेकर भाजपा हमलावर हो गई है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने शुक्रवार को अपनी एक फेसबुक पोस्ट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खुली चिट्ठी लिखकर मंत्री सुरेंद्र प्रसाद यादव को बर्खास्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना का अपमान न तो हम सहेंगे और न ही देश की जनता सहेगी।
अपनी खुली चिट्ठी में जायसवाल ने नीतीश कुमार पर भी कई तंज कसे। उन्होंने अपनी पोस्ट में सहकारिता मंत्री सुरेंद्र प्रसाद यादव के बयान वाला वीडियो भी साझा किया है।
मंत्री सुरेंद्र प्रसाद यादव ने क्या कहा था?
पूर्णिया रैली को लेकर कटिहार में कैंप कर रहे सूबे के सहकारिता मंत्री सह जिले के प्रभारी मंत्री सुरेंद्र प्रसाद यादव ने गुरुवार को यह बयान दिया था। रैली जागरूकता रथ को रवाना करने के बाद उन्होंने सेना की अग्निवीर योजना को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला था।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि देश में साढ़े आठ साल बाद हिजड़ों की फौज खड़ी होगी। उन्होंने कहा कि अग्निवीर योजना का प्रस्ताव लाने वाले को फांसी पर चढ़ा देना चाहिए।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि आठ वर्ष में कई सेना अधिकारी सेवानिवृत्त हो जाएंगे। अग्निवीर के लिए भी सेना में चार साल का ही अवसर दिया गया है। आखिर चार साल में वे क्या जानेंगे व क्या सीखेंगे। यह खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
संजय जायसवाल की खुली चिट्ठी
माननीय नीतीश जी, क्या आपने भारतीय सेना को ‘हिजड़ों की फ़ौज’ बताते हुए अपने बदजुबान मंत्री का बयान सुना, या हर बार की तरह इस बार भी आप कहेंगे कि ‘हमें तो कुछ पता ही नहीं’ हम जानते हैं कि कुर्सी के लिए आपने अपनी ‘अंतरात्मा’ को मार दिया है।
हमें पता है कि पीएम की कुर्सी पाने की डील के तहत आपने अपने ‘आंख-कान’ सब मूंद लिए हैं। लेकिन थोड़ा अपने अंतर्मन को टटोल कर देखिये कि क्या किसी कोने में थोड़ा सा भी ईमान बचा है?
आपको नहीं लगता है कि भारतीय सेना को हिजड़ों की फौज बताना न केवल हमारे सेना के वीर जवानों बल्कि देश के हरेक नागरिक का अपमान है?
क्या आपको नहीं लगता है कि आपके मंत्री का यह निंदनीय बयान भारतीय सेना के काम करने वाले हर बिहारी और उनके परिजनों का अपमान है?
जब भी कोई बिहारवासी सैनिक शहीद होता है तब आप उन्हें श्रद्धांजलि देने जाते हैं न। क्या अपने मंत्री के इस बयान के बाद आप वैसा करने का साहस जुटा पाएंगे? क्या आप उनके परिजनों की आंखों में आंख डाल उन्हें सांत्वना के दो बोल कहने की हिम्मत दिखा पाएंगे?
नीतीश जी सहने की एक सीमा होती है। आपके मंत्री ने हमारे आराध्य प्रभु श्री राम का अपमान किया, हमने बर्दाश्त कर लिया, आपके मंत्री ने हमारे नेताओं को भला-बुरा कहा हमने कुछ नहीं कहा। आपके नेताओं ने जाति विशेष के खिलाफ जहर उगल समाज को तोड़ने की कोशिश की, हमने उसे भी सहन किया।
लेकिन भारतीय सेना के वीर जवानों को हिजड़ा बताना न तो हम बर्दाश्त करने वाले हैं और न ही बिहार की जनता।
हमारी एक ही मांग है कि अपने इस बदजुबान मंत्री को अविलंब मंत्रीमंडल से बर्खास्त कर, उनपर देशद्रोह के तहत करवाई करें। नहीं तो यह साफ हो जाएगा कि इस तरह के बयान आप ही के इशारे पर सुनियोजित तरीके से दिए जा रहे हैं।
आप राज्य के मुखिया हैं, क्या आप न्याय करने की हिम्मत दिखायेंगे या कुर्सी का लालच भारतीय सेना के अपमान पर भी हावी हो जाएगा?
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