दिल्ली में सरकार और उपराज्यपाल के बीच तनातनी थमने का नाम नहीं ले रही है। दिल्ली सरकार के सभी मंत्रियों ने अपने विभाग के सचिवों को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि सीधे उपराज्यपाल (LG) से मिलने वाले आदेश का पालन न करें, उसकी सूचना प्रभारी मंत्री को दें। ट्रांजैक्शन ऑफ बिजनेस रूल्स (TBR) का सख्ती से पालन करने करें।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा- LG सीधे सचिवों को आदेश जारी करके TBR और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के नियम 49 और 50 का उल्लंघन कर रहे हैं। LG के ऐसे अवैध आदेशों को लागू करना TBR के नियम 57 का उल्लंघन माना जाएगा। LG का विभागों को सीधे आदेश देना संविधान और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है।
पिछले महीने कानून की किताब लेकर LG से मिलने पहुंचे थे केजरीवाल
पिछले महीने दिल्ली में शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड जाने से रोकने के मुद्दे पर सियासत गर्मा गई थी। CM अरविंद केजरीवाल दिल्ली के LG वीके सक्सेना से मिलने कानून की किताब लेकर पहुंचे थे। LG से मुलाकात के बाद केजरीवाल ने कहा कि हम मिलकर काम करना चाहते हैं।
LG से मुलाकात के बाद केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से हम लोग देख रहे हैं कि दिल्ली सरकार के कामों में उनका हस्तक्षेप बढ़ता ही जा रहा है। इससे दिल्ली के लोगों के काम नहीं हो पा रहे हैं। इसी को लेकर आज उपराज्यपाल से मिलने गया था। मैं देश का संविधान, जीएनसीटी एक्ट समेत कई कानूनों की किताबें लेकर गया था।
केजरीवाल ने कहा था- LG जो कर रहे हैं, वह सब असंवैधानिक
केजरीवाल ने कहा था कि कानून कहता है कि पुलिस, कानून और लैंड उपराज्यपाल का विषय और बाकी का अधिकार चुनी हुई सरकार के पास है। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का आदेश कहता है कि ट्रांसफर्स विषयों पर उपराज्यपाल को निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है।
इसका मतलब है कि उपराज्यपाल ने जैस्मीन शाह का दफ्तर सील किया, एल्डरमैन बनाए, पीठासीन अधिकारी बनाया, 164 करोड़ की वसूली का आदेश दिया, शिक्षकों को फिनलैंड जाने से रोका वो सब असंवैधानिक है।
वहीं दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के कार्यालय ने कहा है कि CM केजरीवाल के द्वारा मेरे से मुलाकात के दौरान मेरे हवाले से सुप्रीम कोर्ट सहित कही जा रही सारी बातें मनगढ़ंत हैं और मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा है।