जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के बयान से बिहार की सियासत में उठा पटक शुरू हो गई है। चर्चा यहां तक है कि ललन सिंह का बयान डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी रास नहीं आया है। वो इतने नाराज हो गए हैं कि सीएम के कार्यक्रम से भी दूरी बना ली। पटना में आयोजित किसान समागम में लगभग डेढ़ तक नहीं गए। सीएम नीतीश कुमार के बगल में लगी उनकी कुर्सी खाली रही।
सूत्रों की मानें तो उन्हें बुलाने के लिए सीएम नीतीश कुमार को मैसेज करना पड़ा। तब जाकर कार्यक्रम शुरू होने के लगभग डेढ़ घंटे बाद वे पहुंचे। हालांकि इसके बाद वे लगभग 4 घंटे तक वहां रुके रहे। सीएम समेत वहां मौजूद सभी नेताओं से सामान्य बातचीत भी की। लेकिन कार्यक्रम के बाद मीडिया के सवालों से बचते रहे।
सोमवार को जदयू ऑफिस में ललन सिंह ने कहा था कि 2025 की बात 2025 में देखेंगे। अभी नीतीश कुमार जदयू के नेता हैं, वही पार्टी का नेतृत्व करेंगे। जबकि सीएम नीतीश कुमार ने दिसंबर में ही इस बात की घोषणा कर दी थी कि 2025 का चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।

ललन सिंह ने दी सफाई, कहा- गलत तरीके से पेश किया गया बयान
इधर मंगलवार को दिल्ली में ललन सिंह ने अपने बयान पर सफाई दी। कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया। उनके बयान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान में किसी प्रकार का कोई विरोधाभास नहीं है। अपनी बातों को स्पष्ट करते हुए कहा कि सीएम ने कहा है कि 2025 में तेजस्वी नेतृत्व करेंगे और उन्होंने कहा कि इसका फैसला 2025 में होगा।
ललन सिंह ने कहा कि एक बार जब सीएम कह दिए, तब इसमें कहीं से किसी प्रकार का कोई विरोधाभास नहीं है।
राजद विधायक का दावा- होली बाद सीएम बनेंगे तेजस्वी
ललन सिंह के बयान के बाद अब राजद के विधायक भी मुखर हो गए हैं। मंगलवार को रोहतास के दिनारा से विधायक विजय मंडल ने दावा किया है कि होली के बाद तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री होंगे। उन्होंने यहां तक कह दिया कि 2025 अभी दूर है। होली के बाद ही उन्हें जिम्मेदारी सौंप दी जाएगी। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें ये जिम्मेदारी सौंपेंगे।
राजद प्रवक्ता ने कहा- जो घोषणा होनी थी हो गई
वहीं राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि नेतृत्व के सबंध में जो बातें होनी थी, पहले ही हो चुकी है। सीएम नीतीश कुमार महागठबंधन के नेता हैं, वो पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि आगे नेतृत्व कौन करेगा। इसके बाद कौन क्या कह रहे हैं इसका कोई अर्थ ही नहीं रह जाता है।
उन्होंने कहा कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष से इस तरह के सवाल का औचित्य ही नहीं बनता है। शक्ति यादव ने कहा कि महागठबंधन की कोशिश है कि 2014 की स्थिति 2024 में दोबारा से रिपीट न हो।

कुशवाहा से संजय जायसवाल ने की मुलाकात
इधर, जदयू से अलग होने के बाद भाजपा उपेंद्र कुशवाहा को लेकर एक्टिव हो गई है। प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने उपेंद्र कुशवाहा के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की। यह मुलाकात लगभग आधे घंटे तक चली। कुछ देर तक संजय जायसवाल, उपेंद्र कुशवाहा और कार्यकर्ताओं के साथ बाहर बैठे थे। इसके बाद दोनों के बीच बंद कमरे में भी बातचीत हुई।
नीतीश कुमार ने कहा- कुशवाहा से कोई मतलब नहीं
सीएम ने पटना में कहा कि कुशवाहा से कोई मतलब नहीं है। ऐसा ही करना था, तो फिर यहां आए क्यों थे? पहले भी आए थे और चले गए थे। पार्टी के लोग बोलते थे, लेकिन मैं ही रोकता था। पार्टी नेताओं को कहता था कि उपेंद्र आए हैं तो पार्टी के लिए काम करेंगे। अब क्या कर रहे हैं? यह सभी के सामने है। उनसे ऐसी उम्मीद नहीं थी।